कर्नाटक विधानसभा में चल रही खींचतान में कौन जीतेगा, इसे पूरा देश टकटकी लगाए देख रहा है. लेकिन कुछ लोगों ने इस युद्ध पर अपना दाव लगा दिया है.
जब दो पक्षों में हार-जीत का रोमांच इस चरम पर हो, तो सट्टा बाजार कैसे पीछे रह सकता है. कर्नाटक विधानसभा में चल रहे विश्वासमत पर सट्टा बाजार में जमकर सक्रिय हो गया है. करीब 5000 करोड़ रुपए का दाव लगाया जा चुका है. शाम 4 बजे से पहले तक जिस सियासी युद्ध पर लोगों की सांसें अटकी हैं, उसे लेकर सट्टा बाजार में कई लोग बिलकुल कॉन्फिडेंट हैं. ये भरोसा है बीएस युदियुरप्पा पर.
सट्टा बाजार को लगता है कि शनिवार को कर्नाटक विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी विश्वासमत हासिल कर लेगी. इतना ही नहीं सटोरियों ने इस भरोसे के लिए कई और आंकड़ों पर भी दांव लगाया है. जैसे कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के 14 विधायक विश्वासमत के पक्ष में मतदान करेंगे या फिर वे इसमें हिस्सा नहीं लेंगे. और ये विधायक ही बीजेपी की सरकार कायम रखने में मददगार साबित होंगे.
सट्टा बाजार भाजपा की जीत को लेकर इतना आश्वस्त है कि यहां बुकीज भाजपा की जीत को लेकर ज्यादा भाव नहीं दे रहे हैं. सूत्रों के अनुसार भाजपा की जीत पर दाव लगाने वाले 45 पैसे का भाव मिल रहा है, वहीं कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर गठबंधन की जीत पर दाव लगाने वाले 2.25 रु. का भाव मिल रहा है.
इसका मतलब यह है कि यदि कोई बीजेपी की जीत पर एक लाख रु. का दाव लगाता है तो उसे बदले में 1.45 लाख रु. मिलेंगे. लेकिन यदि वह कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पक्ष में दाव लगाता है तो उसे 3.25 लाख रु. की कमाई हो सकती है.सट्टा बाजार में हलचल उसी दिन से शुरू हो गई थी, जब राज्यपाल वजूभाई वाला...
कर्नाटक विधानसभा में चल रही खींचतान में कौन जीतेगा, इसे पूरा देश टकटकी लगाए देख रहा है. लेकिन कुछ लोगों ने इस युद्ध पर अपना दाव लगा दिया है.
जब दो पक्षों में हार-जीत का रोमांच इस चरम पर हो, तो सट्टा बाजार कैसे पीछे रह सकता है. कर्नाटक विधानसभा में चल रहे विश्वासमत पर सट्टा बाजार में जमकर सक्रिय हो गया है. करीब 5000 करोड़ रुपए का दाव लगाया जा चुका है. शाम 4 बजे से पहले तक जिस सियासी युद्ध पर लोगों की सांसें अटकी हैं, उसे लेकर सट्टा बाजार में कई लोग बिलकुल कॉन्फिडेंट हैं. ये भरोसा है बीएस युदियुरप्पा पर.
सट्टा बाजार को लगता है कि शनिवार को कर्नाटक विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी विश्वासमत हासिल कर लेगी. इतना ही नहीं सटोरियों ने इस भरोसे के लिए कई और आंकड़ों पर भी दांव लगाया है. जैसे कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के 14 विधायक विश्वासमत के पक्ष में मतदान करेंगे या फिर वे इसमें हिस्सा नहीं लेंगे. और ये विधायक ही बीजेपी की सरकार कायम रखने में मददगार साबित होंगे.
सट्टा बाजार भाजपा की जीत को लेकर इतना आश्वस्त है कि यहां बुकीज भाजपा की जीत को लेकर ज्यादा भाव नहीं दे रहे हैं. सूत्रों के अनुसार भाजपा की जीत पर दाव लगाने वाले 45 पैसे का भाव मिल रहा है, वहीं कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर गठबंधन की जीत पर दाव लगाने वाले 2.25 रु. का भाव मिल रहा है.
इसका मतलब यह है कि यदि कोई बीजेपी की जीत पर एक लाख रु. का दाव लगाता है तो उसे बदले में 1.45 लाख रु. मिलेंगे. लेकिन यदि वह कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पक्ष में दाव लगाता है तो उसे 3.25 लाख रु. की कमाई हो सकती है.सट्टा बाजार में हलचल उसी दिन से शुरू हो गई थी, जब राज्यपाल वजूभाई वाला ने येदियुरप्पा को शपथ दिला दी थी. जब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को जस का तस रखा तो सट्टा बाजार में लोगों को विश्वास होने लगा कि येदियुरप्पा और बीजेपी इसके बाद अपनी सरकार बचाने के लिए तिकड़म लगाएंगे.
आमतौर पर सट्टा बाजार का अंदाजा हकीकत के काफी नजदीक होता है. कर्नाटक के मामले में इस देखना दिलचस्प होगा.
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