पुलवामा आंतकी हमले ने पूरे देश को झकझोरने का काम किया है. देश भर से पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों की गूंज सुनाई दे रही है. आवाम आक्रोशित है. देश के कोने-कोने में इस घटना को लेकर विरोध मार्च, प्रदर्शन और सभाएं हो रही हैं. अन्ना आंदोलन के बाद शायद ये दूसरा ऐसा मौका है जब देश का झण्डा लेकर युवा और छात्र सड़कों पर ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और तमाम उतेजक नारे लगाकर सरकार से मांग कर रहे हैं, सीमा पार बैठे दुश्मन को ‘तगड़ा’ सबक सिखाइए. लेकिन इन सबके बीच चंद आवाजें ऐसी हैं जो सीमापार बैठे दुश्मन को हौसला बढ़ाने का काम तो करती हैं. ये आवाजें सोचने को मजबूर करती हैं कि इन गद्दारों के साथ कैसा बर्ताव किया जाए, या फिर आखिरकर इनका इलाज क्या है? देश के विरोध और आंतकियों के समर्थन में खड़े ये लोग भी किसी आंतकी से कम नहीं हैं. गौरतलब है कि पुलवामा सीआरपीएफ काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हुए थे.
पुलवामा आतंकी घटना के बाद सारा देश एकजुट खड़ा दिख रहा है. तो वहीं चंद लोग ऐसे हैं जो दुश्मनों की तरफदारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हुये ऐसे देशविरोधी पोस्ट पढ़कर ऐसा लगता है मानो इन लोगों के मन में तथाकथित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और आंतकियों के लिए सहानुभूति है.
पुलवामा आंतकी घटना के बाद पश्चिम यूपी स्थित प्रसिद्ध अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र ने विवादित ट्वीट किया था, 'How is the Jaish, Great Sir'. मामला प्रकाश में आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र को निलंबित कर दिया. स्थानीय पुलिस ने छात्र के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार मामले की जांच शुरू कर दी. बताते चलें कि जैश-ए-मोहम्मद वही चरमपंथी संगठन है...
पुलवामा आंतकी हमले ने पूरे देश को झकझोरने का काम किया है. देश भर से पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों की गूंज सुनाई दे रही है. आवाम आक्रोशित है. देश के कोने-कोने में इस घटना को लेकर विरोध मार्च, प्रदर्शन और सभाएं हो रही हैं. अन्ना आंदोलन के बाद शायद ये दूसरा ऐसा मौका है जब देश का झण्डा लेकर युवा और छात्र सड़कों पर ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ और तमाम उतेजक नारे लगाकर सरकार से मांग कर रहे हैं, सीमा पार बैठे दुश्मन को ‘तगड़ा’ सबक सिखाइए. लेकिन इन सबके बीच चंद आवाजें ऐसी हैं जो सीमापार बैठे दुश्मन को हौसला बढ़ाने का काम तो करती हैं. ये आवाजें सोचने को मजबूर करती हैं कि इन गद्दारों के साथ कैसा बर्ताव किया जाए, या फिर आखिरकर इनका इलाज क्या है? देश के विरोध और आंतकियों के समर्थन में खड़े ये लोग भी किसी आंतकी से कम नहीं हैं. गौरतलब है कि पुलवामा सीआरपीएफ काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हुए थे.
पुलवामा आतंकी घटना के बाद सारा देश एकजुट खड़ा दिख रहा है. तो वहीं चंद लोग ऐसे हैं जो दुश्मनों की तरफदारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हुये ऐसे देशविरोधी पोस्ट पढ़कर ऐसा लगता है मानो इन लोगों के मन में तथाकथित चरमपंथी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और आंतकियों के लिए सहानुभूति है.
पुलवामा आंतकी घटना के बाद पश्चिम यूपी स्थित प्रसिद्ध अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र ने विवादित ट्वीट किया था, 'How is the Jaish, Great Sir'. मामला प्रकाश में आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्र को निलंबित कर दिया. स्थानीय पुलिस ने छात्र के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार मामले की जांच शुरू कर दी. बताते चलें कि जैश-ए-मोहम्मद वही चरमपंथी संगठन है जिसने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला करने की जिम्मेदारी ली थी.
अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि, न्यूज चैनल ‘एनडीटीवी’ की एक पत्रकार का विवादित फेसबुक पोस्ट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस पोस्ट में पत्रकार ने #HowstheJaish के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना की थी. पोस्ट वायरल होते ही अधिकांश लोगों ने इस ट्वीट के बारे में लिखा कि ये ‘संवेदनहीनता’ से भरा हुआ है. एनडीटीवी ने अपनी पत्रकार के इस फेसबुक पोस्ट की कड़ी आलोचना की, और मामले की गंभीरता को समझते हुए पत्रकार को तत्काल प्रभाव से दो हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया.
ताजा मामला देश के सबसे बड़े राज्य यूपी की राजधानी लखनऊ से है. स्थानीय जयनारायण कॉलेज के बी.ए. प्रथम वर्ष, द्वितीय सेमेस्टर के एक छात्र ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों को लेकर बेहद ही आपत्तिजनक टिप्पणी की है. छात्र ने कहा कि, पुलवामा में जो हुआ, बहुत बढ़िया हुआ है. वॉट्सऐप पर की गई इस चैट का स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद छात्र को कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया है.
देशविरोधी आवाजों के बीच पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का पुलवामा हमले से जुड़े बयान का भारी विरोध हो रहा है. देश भर से सिद्धू के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं. सोशल मीडिया में सिद्धू विरोधी पोस्ट की बाढ़ आई हुई है. मामले की संवेदनशीलता और गंभीरता को समझते हुये सोनी टीवी चैनल ने ‘द कपिल शर्मा शो’ से हटा दिया है. सोशल मीडिया पर लोग पंजाब सरकार से सिद्धू को मंत्री पद से हटाने के जोरदार मांग भी कर रहे हैं.
इन सबके बीच सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण का एक ट्वीट भी सुर्खियों में है. प्रशांत भूषण ने ट्विट में लिख है कि, पुलवामा हमले का आतंकी डार पुलिस की पिटाई की प्रतिक्रिया में आतंकवादी बन गया. प्रशांत का यह लॉजिक कि पिटाई की रिएक्शन में लोग आतंकी बन जाते हैं समझ से परे है?
कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में जांबाज जवानों की शहादत पर जश्न मनाया गया और कुछ लोगों ने पटाखे जलाकर आतंकियों को समर्थन किया. श्रीनगर के इन लोगों ने जैश के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इन विवादित ट्वीट्स की ‘संवेदनहीनता’ को एक खास धार्मिक वर्ग से जोड़ने की भी कोशिश की है. आज देश भर से एक ही आवाज उठ रही है कि सीमा पार बैठे दुश्मन के साथ सख्ती से निपटा जाए.
ये भी पढ़ें-
कश्मीरी आतंकवाद की कमर तोड़ने के रणनीति में आमूल-चूल बदलाव जरूरी
कश्मीर के जेहाद को ‘पॉलिटिकल समस्या’ कहना बड़ी भूल है
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.