उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम के साथ जुड़ा बुलडोजर (Bulldozer) अब देशभर में सुर्खियों बटोर रहा है. बुलडोजर की 'धमक' मध्य प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों से होते हुए दिल्ली के जहांगीरपुरी भी पहुंच चुकी है. लेकिन, अब इसकी एंट्री गुजरात में भी हो चुकी है. दरअसल, भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) गुजरात के वडोदरा में एक जेसीबी (JCB) यूनिट में बुलडोजर पर चढ़े नजर आए थे. बोरिस जॉनसन की इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर भी खूब जलवा दिखाया. लोगों ने बुलडोजर से लेकर बोरिस जॉनसन तक को लेकर तमाम दावे कर डाले. वैसे, बोरिस जॉनसन के बुलडोजर पर चढ़े नजर आने की वजह ये है कि बुलडोजर बनाने वाली कंपनी जेसीबी ब्रिटेन की है.
खैर, बुलडोजर को लेकर इस तरह की दीवानगी एक बार पहले भी नजर आ चुकी है. जब सोशल मीडिया पर 'JCB Ki Khudai' ट्रेंड करने लगा था. जिस तरह से 'ठंडा' मतलब कोका-कोला होता है. उसी तरह बुलडोजर को लोग अब आमतौर पर जेसीबी के नाम से ही जानते हैं. जबकि, जेसीबी सिर्फ कंपनी का नाम है. जो बुलडोजर जैसी अन्य मशीनों को बनाती है. बुलडोजर आमतौर पर कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ही नजर आता है. लेकिन, इन दिनों भारत में इसका इस्तेमाल अवैध निर्माणों, अतिक्रमण, अपराधियों और माफियाओं के घरों को ध्वस्त करने में हो रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बुलडोजर aka जेसीबी केवल जमीन ही नहीं, हिसाब भी बराबर करता है. आइए जानते हैं जेसीबी यानी बुलडोजर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां...
बुलडोजर और जेसीबी का अंतर
बुलडोजर कंस्ट्रक्शन साइट्स पर इस्तेमाल होने वाली एक मशीन है. जबकि, इसे बनाने वाली कंपनी का नाम जेसीबी है....
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम के साथ जुड़ा बुलडोजर (Bulldozer) अब देशभर में सुर्खियों बटोर रहा है. बुलडोजर की 'धमक' मध्य प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों से होते हुए दिल्ली के जहांगीरपुरी भी पहुंच चुकी है. लेकिन, अब इसकी एंट्री गुजरात में भी हो चुकी है. दरअसल, भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) गुजरात के वडोदरा में एक जेसीबी (JCB) यूनिट में बुलडोजर पर चढ़े नजर आए थे. बोरिस जॉनसन की इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर भी खूब जलवा दिखाया. लोगों ने बुलडोजर से लेकर बोरिस जॉनसन तक को लेकर तमाम दावे कर डाले. वैसे, बोरिस जॉनसन के बुलडोजर पर चढ़े नजर आने की वजह ये है कि बुलडोजर बनाने वाली कंपनी जेसीबी ब्रिटेन की है.
खैर, बुलडोजर को लेकर इस तरह की दीवानगी एक बार पहले भी नजर आ चुकी है. जब सोशल मीडिया पर 'JCB Ki Khudai' ट्रेंड करने लगा था. जिस तरह से 'ठंडा' मतलब कोका-कोला होता है. उसी तरह बुलडोजर को लोग अब आमतौर पर जेसीबी के नाम से ही जानते हैं. जबकि, जेसीबी सिर्फ कंपनी का नाम है. जो बुलडोजर जैसी अन्य मशीनों को बनाती है. बुलडोजर आमतौर पर कंस्ट्रक्शन साइट्स पर ही नजर आता है. लेकिन, इन दिनों भारत में इसका इस्तेमाल अवैध निर्माणों, अतिक्रमण, अपराधियों और माफियाओं के घरों को ध्वस्त करने में हो रहा है. आसान शब्दों में कहा जाए, तो बुलडोजर aka जेसीबी केवल जमीन ही नहीं, हिसाब भी बराबर करता है. आइए जानते हैं जेसीबी यानी बुलडोजर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां...
बुलडोजर और जेसीबी का अंतर
बुलडोजर कंस्ट्रक्शन साइट्स पर इस्तेमाल होने वाली एक मशीन है. जबकि, इसे बनाने वाली कंपनी का नाम जेसीबी है. जेसीबी कंपनी के बैकेहो लोडर को बुलडोजर के नाम से जाना जाता है. जेसीबी कंपनी नौ अलग-अलग कैटगरी में 60 से ज्यादा प्रॉडक्ट बनाती है. जिनमें से एक बुलडोजर है. इसके अलावा जेसीबी और भी कई तरह की मशीनों का उत्पादन करती है. आमतौर पर बुलडोजर का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन साइट्स पर मलबे या मिट्टी को हटाने और बिल्डिंगों को ध्वस्त करने में किया जाता है.
बुलडोजर नाम के मायने क्या हैं?
अमेरिका में दक्षिणी हिस्से में रहने वाले गोरे लोगों के एक स्वघोषित ग्रुप का नाम भी बुलडोजर है. अमेरिका में अब्राहम लिंकन के समय के बाद हुए सुधारों के खिलाफ ये बुलडोजर ग्रुप घरों और चर्चों को जलाने, विरोधियों को कोड़े मारने और हत्या करने समेत अश्वेत मतदाताओं और विधायकों को डराने-धमकाने, चुनावों को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है. इस ग्रुप को 'रेगुलेटर' के तौर पर भी जाना जाता है. बुलडोजर के शाब्दिक अर्थ की बात की जाए, तो इसका अर्थ धमकाने वाला या दबंग शख्स के तौर पर पाया जाता है. ऐसी प्रवृत्ति के लोगों को बुलडोजर के नाम से ही पुकारा जाता है.
द्वितीय विश्व युद्ध खत्म होने के बाद बनी कंपनी
दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी निर्माण उपकरण बनाने वाली कंपनी जेसीबी की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1945 में हुई थी. इसका पूरा नाम जेसीबी एक्सावेटर्स लिमिटेड है. लेकिन, जेसीबी की स्थापना से जुड़ा एक रोचक तथ्य ये भी है कि इस कंपनी को विश्व में शांति स्थापित करने के लिए बनाए गए संयुक्त राष्ट्र से ठीक एक दिन पहले बनाया गया था. संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को हुई थी. और, जेसीबी कंपनी की स्थापना 23 अक्टूबर, 1945 को हुई थी.
जेसीबी नाम कैसे पड़ा?
150 से ज्यादा देशों में कारोबार करने वाली जेसीबी कंपनी अपनी स्थापना के समय बिना किसी नाम के साथ बनी थी. लेकिन, नाम को लेकर चली तमाम चर्चाओं के बाद इस कंपनी के संस्थापक और मालिक जोसेफ सायरिल बम्फोर्ड के नाम पर ही इसका नाम JCB रख दिया गया. जेसीबी शब्द को ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भी जगह दी गई है. जिसकी अर्थ है कि एक ऐसी भारी मशीन जो जमीन की खुदाई वगैरह के काम में आती है.
क्यों होता है जेसीबी का पीला रंग?
वाहनों में दी जाने वाली पीले रंग की हेडलाइट्स सर्दियों के मौसम में धुएं और धुंध के दौरान काफी दूर से ही नजर आ जाती हैं. दरअसल, पीला रंग धूल और धुएं के बावजूद अलग से नजर आ जाता है. और, जेसीबी को पीले रंग से रंगने की वजह यही है. कंस्ट्रक्शन साइट्स पर धूल और धुएं के बीच आसानी से नजर आ जाए, इसे ही ध्यान में रखते हुए बुलडोजर को पीले रंग दिया गया है. अपने इसी रंग की चलते ये मशीन दिन हो या रात दूर से ही नजर आ जाती है. हालांकि, ग्राहकों की मांग पर जेसीबी की मशीनों को हरे और लाल रंग में भी बनाई जाती हैं.
ब्रिटिश कंपनी, लेकिन भारत से होता है जेसीबी का ज्यादातर निर्यात
जेसीबी मूलरूप से ब्रिटिश कंपनी है और बोरिस जॉनसन के गुजरात के प्लांट में जाने के पीछे अहम वजह यही थी. भारत में जेसीबी की JCB India नाम से 6 फैक्ट्रियां हैं. और, भारत में बनने वाली मशीनें ही जेसीबी कंपनी के नाम से 110 से ज्यादा देशों में निर्यात होती हैं.
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