भले ही आम आदमी पार्टी का एक धड़ा कुमार विश्वास को पार्टी से बाहर करने के लिए दिन रात लगा रहता हो. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्यों कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी के भविष्य के लिए जरूरी हैं.
सबसे पुराने सहयोगी :
कुमार विश्वास, अन्ना आंदोलन के पहले से ही अरविंद केजरीवाल और इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जुड़े हुए थे. कुमार विश्वास पर यह आरोप नहीं लगाया जा सकता कि वह पार्टी बनने के बाद किसी लालच में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. इंडिया अगेंस्ट करप्शन और अन्ना आंदोलन के दौरान कुमार विश्वास अपने जोशीले भाषणों से आंदोलनकारियों के अंदर एक अलग ही जज्बा पैदा कर देते थे.
पार्टी के अस्तित्व का कारण :
कुमार विश्वास कई मौकों पर खुलकर बोल चुके हैं कि आम आदमी पार्टी कैसे बनेगी और उसकी क्या रूपरेखा होगी यह उनके घर पर तय हुआ था. गाजियाबाद के उनके घर में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ कुमार विश्वास ही थे, जिसने पार्टी बनाने की लेकर अपनी सहमति दी थी. साथ ही पार्टी की आगे की रूपरेखा भी तय की थी. कुमार विश्वास के उस वक्त का यह फैसला आज आम आदमी पार्टी के अस्तित्व का कारण भी है.
सबसे आकर्षक वक्ता :
कुमार विश्वास जब मंच पर आते हैं, तो उन्हें सुनने के लिए...
भले ही आम आदमी पार्टी का एक धड़ा कुमार विश्वास को पार्टी से बाहर करने के लिए दिन रात लगा रहता हो. लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं कि आखिर क्यों कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी के भविष्य के लिए जरूरी हैं.
सबसे पुराने सहयोगी :
कुमार विश्वास, अन्ना आंदोलन के पहले से ही अरविंद केजरीवाल और इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जुड़े हुए थे. कुमार विश्वास पर यह आरोप नहीं लगाया जा सकता कि वह पार्टी बनने के बाद किसी लालच में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. इंडिया अगेंस्ट करप्शन और अन्ना आंदोलन के दौरान कुमार विश्वास अपने जोशीले भाषणों से आंदोलनकारियों के अंदर एक अलग ही जज्बा पैदा कर देते थे.
पार्टी के अस्तित्व का कारण :
कुमार विश्वास कई मौकों पर खुलकर बोल चुके हैं कि आम आदमी पार्टी कैसे बनेगी और उसकी क्या रूपरेखा होगी यह उनके घर पर तय हुआ था. गाजियाबाद के उनके घर में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ कुमार विश्वास ही थे, जिसने पार्टी बनाने की लेकर अपनी सहमति दी थी. साथ ही पार्टी की आगे की रूपरेखा भी तय की थी. कुमार विश्वास के उस वक्त का यह फैसला आज आम आदमी पार्टी के अस्तित्व का कारण भी है.
सबसे आकर्षक वक्ता :
कुमार विश्वास जब मंच पर आते हैं, तो उन्हें सुनने के लिए भीड़ ठहर जाती है. उनकी कविताओं को सुनने के लिए लोग टिकट तक खरीदकर आते हैं. आज की तारीख में कुमार विश्वास सबसे महंगे कवि माने जाते हैं. केजरीवाल के बाद भीड़ को खींचने और संबोधित करने की क्षमता में कुमार विश्वास जैसा कोई व्यक्ति आम आदमी पार्टी में नजर नहीं आता. आज की तारीख में भी आम आदमी पार्टी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद सोशल मीडिया से लेकर आम जनमानस तक, अगर कोई दूसरा व्यक्ति लोकप्रिय है तो वह कुमार विश्वास ही हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी अपने इस नगीने को कतई खोना नहीं चाहेगी.
सभी पार्टियों तक पहुंच :
कुमार विश्वास कई बार कह चुके हैं कि- 'उन्हें बीजेपी समेत कई पार्टियों से कई बार ऑफर मिला है. लेकिन उन्होंने सभी को एक बार में ही ठुकरा दिया.' कुमार विश्वास ने बीते दिनों कहा कि वो आम आदमी पार्टी छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. कुमार विश्वास की दूसरी पार्टियों में भी गज़ब की पहुंच मानी जाती है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के भविष्य के लिए और दूसरी पार्टियों से गठजोड़ जैसी स्थितियों के लिए कुमार विश्वास से बेहतर व्यक्ति कोई दूसरा नहीं मिलेगा.
पुराने कार्यकर्ताओं को जोड़ने की बात :
आम आदमी पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कुमार विश्वास ने कहा कि वह पार्टी से दूर हो गए कार्यकर्ताओं को एक बार फिर से पार्टी में शामिल करने की कवायद में लगे हुए हैं. इसमें कोई शक नहीं है कि आम आदमी पार्टी को बनाने में योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण का बड़ा योगदान रहा है. अरविंद केजरीवाल इंडिया अगेंस्ट करप्शन के दौरान भ्रष्टाचार के जो आरोप नेताओं पर लगाते थे, उसके पीछे प्रशांत भूषण की कड़ी मेहनत होती थी. कांग्रेस सरकार के कई बड़े घोटाले खोलने के पीछे भी प्रशांत भूषण ही थे.
वहीं अन्ना आंदोलन से लेकर पार्टी को मजबूत स्थिति तक पहुंचाने के पीछे की रणनीति में योगेंद्र यादव का बड़ा हाथ माना जाता था. लेकिन बीते दिनों आम आदमी पार्टी के ये दोनों नेता पार्टी से दूर हो गए. इनके साथ ही सैकड़ों ऐसे कार्यकर्ता भी पार्टी से दूर चले गए जिन्होंने पार्टी के लिए जबरदस्त मेहनत की थी. माना जा रहा है कि योगेंद्र यादव प्रशांत भूषण समेत तमाम पुराने नेताओं को पार्टी में शामिल करने की कोशिश की जा सकती है.
संसद में प्रखर आवाज :
जनवरी में दिल्ली से तीन राज्यसभा सांसद चुने जाएंगे. तीनों ही आम आदमी पार्टी की तरफ से राज्यसभा में भेजे जाएंगे. ऐसे में पार्टी के भीतर उच्च सदन में जाने के लिए नेताओं के बीच जबरदस्त राजनीति हो रही है. आम आदमी पार्टी एक ऐसे शख्स को उच्च सदन में भेजना चाहेगी जो पार्टी की बात को मजबूती से रख सके और जिसके भाषण विपक्ष के लिए मुश्किलें खड़ी कर दे. ऐसे में आम आदमी पार्टी की पूरी फेहरिस्त में कुमार विश्वास के अलावा कोई दूसरा नाम नजर नहीं आता.
ऐसे में माना जा सकता है कि कुमार विश्वास को पार्टी के अंदर रखना आम आदमी पार्टी के भविष्य के लिए ज्यादा फायदेमंद है.
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