लालू यादव चारा घोटाला मामले में दोषी करार दे दिए गए हैं और इस फैसले का लालू पर तो जो असर होगा वो होगा, लेकिन इसके राजनीतिक मायने भी कुछ कम नहीं हैं...
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को चारा घोटाले के एक मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. 2 घोटाले में DMK नेताओं के बरी होने के बाद लालू यादव को उम्मीद थी कि उन्हें भी कोर्ट से राहत मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चारा घोटाले में ही 89 लाख के देवघर स्कैम में लालू यादव को दोषी पाया गया है. लालू यादव को सजा 2 जनवरी को सुनाई जाएगी.
लालू यादव के खिलाफ आए इस फैसले के कई राजनीतिक मायने भी हैं.
1. 2G मामले में जब राजा और कनिमोझी जैसे डीएमके नेता रिहा हुए तो उसका जश्न कांग्रेस पार्टी ने भी मनाया था. और उसके लिए भाजपा पर निशाना साधा था.
2. लालू यादव यदि रिहा होते तो भाजपा विरोधी दलों को एकजुट होने का और मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोलने का एक मौका और मिलता.
3. चारा घोटाले के मामले में लालू को सजा होने पर सबसे ज्यादा राहत बिहार की जेडीयू-भाजपा गठबंधंन वाली नीतीश कुमार सरकार महसूस कर रही होगी. क्योंकि, लालू यदी बरी होकर आते तो वे दोगुनी ताकत से सबसे पहला आक्रमण नीतीश सरकार पर ही बोलते.
इस चारा घोटाले की वो अहम बातें जो आपके लिए जानना जरूरी है...
1. लालू यादव इस घोटाले में असल में 5 केसों में फंसे हुए हैं. इसमें से 4 अभी भी पेंडिंग हैं. अभी वाला केस वो था जिसमें देवघर जिले के खजाने से 89 लाख रुपए धोखेधड़ी से निकाले गए. ये बात 1994 से लेकर 96 के बीच की है.
2. इस केस में 34 लोग लालू यादव के साथ विवाद में फंसे हुए थे. आरजेडी चीफ और बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा भी इसमें शामिल थे. ये दो दशक पुराना केस है.
आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को चारा घोटाले के एक मामले में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. 2 घोटाले में DMK नेताओं के बरी होने के बाद लालू यादव को उम्मीद थी कि उन्हें भी कोर्ट से राहत मिलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. चारा घोटाले में ही 89 लाख के देवघर स्कैम में लालू यादव को दोषी पाया गया है. लालू यादव को सजा 2 जनवरी को सुनाई जाएगी.
लालू यादव के खिलाफ आए इस फैसले के कई राजनीतिक मायने भी हैं.
1. 2G मामले में जब राजा और कनिमोझी जैसे डीएमके नेता रिहा हुए तो उसका जश्न कांग्रेस पार्टी ने भी मनाया था. और उसके लिए भाजपा पर निशाना साधा था.
2. लालू यादव यदि रिहा होते तो भाजपा विरोधी दलों को एकजुट होने का और मोदी सरकार के खिलाफ हमला बोलने का एक मौका और मिलता.
3. चारा घोटाले के मामले में लालू को सजा होने पर सबसे ज्यादा राहत बिहार की जेडीयू-भाजपा गठबंधंन वाली नीतीश कुमार सरकार महसूस कर रही होगी. क्योंकि, लालू यदी बरी होकर आते तो वे दोगुनी ताकत से सबसे पहला आक्रमण नीतीश सरकार पर ही बोलते.
इस चारा घोटाले की वो अहम बातें जो आपके लिए जानना जरूरी है...
1. लालू यादव इस घोटाले में असल में 5 केसों में फंसे हुए हैं. इसमें से 4 अभी भी पेंडिंग हैं. अभी वाला केस वो था जिसमें देवघर जिले के खजाने से 89 लाख रुपए धोखेधड़ी से निकाले गए. ये बात 1994 से लेकर 96 के बीच की है.
2. इस केस में 34 लोग लालू यादव के साथ विवाद में फंसे हुए थे. आरजेडी चीफ और बिहार के पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा भी इसमें शामिल थे. ये दो दशक पुराना केस है.
3. लालू यादव पहले भी इस मामले में 5 साल की जेल और 25 लाख के जुर्माने की सजा भुगत चुके हैं. ये सजा चायबासा जिले के खजाने से 37.5 करोड़ रुपए निकाले जाने के लिए दी गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव को 2013 में बेल दे दी थी.
4. 2014 में झारखंड कोर्ट ने लालू यादव पर चल रहे बाकी 4 केसों में स्टे लगा दिया था. उस समय दलील ये दी गई थी कि एक केस अगर किसी इंसान पर चल रहा है तो एक जैसे गवाह और सबूतों के आधार पर बाकी केस का फैसला नहीं लिया जा सकता है. इस मामले को एपेक्ट कोर्ट ने नकार दिया था और लालू को सभी मामलों के लिए ट्रायल पर रखा था.
5. लालू यादव ने शुक्रवार को ही कहा था कि चाहें फैसला जो भी आए वो उनपर और उनके बेटों पर कोई असर नहीं डालेगा.
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