संसदीय चुनाव के चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों 29 अप्रैल को वोटिंग होने जा रही है. यूपी की 13, बिहार की 5, पश्चिम बंगाल की 8, झारखंड की 3, मध्य प्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 17, ओडिशा की 6, राजस्थान की 13 और जम्मू-कश्मीर की 1 इनमें शामिल है.
चौथे चरण में 30 महिलाएं भी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में 6-6 महिलाएं, ओडिशा में 5, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 2-2 और बिहार, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में 1-1 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
वोटिंग के इस दौर में 31.64 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. चौथे चरण में सबसे अमीर उम्मीदवार छिंदवाड़ा में कांग्रेस के नकुल नाथ सहित 49.3 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति और 46.72 फीसदी लखपति हैं.
इस दौर के चुनाव में जिन सीटों पर खास नजर होगी उनमें बेगूसराय के साथ साथ मुंबई साउथ और छिंदवाड़ा प्रमुख हैं -
ये हैं जनता की अदालत में परीक्षा देने खड़े उम्मीदवार
1. बेगूसराय, बिहार : बिहार की बेगूसराय सीट तो चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले से ही चर्चा में रही है. जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार यहां से सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. कन्हैया के मुकाबले एनडीए के उम्मीदवार मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह हैं जिन्हें उनकी मर्जी के बगैर नवादा से बेगूसराय भेज दिया गया. आरजेडी ने इस बार भी तनवीर हसन को ही टिकट दिया है जो 2014 बीजेपी से करीब 50 हजार वोटों से हार गये थे.
मुकाबला फिलहाल तो त्रिकोणीय माना जा रहा है. 23 मई को जब नतीजे आ रहे होंगे तब भी पूरे देश का ध्यान इस सीट पर...
संसदीय चुनाव के चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 लोकसभा सीटों 29 अप्रैल को वोटिंग होने जा रही है. यूपी की 13, बिहार की 5, पश्चिम बंगाल की 8, झारखंड की 3, मध्य प्रदेश की 6, महाराष्ट्र की 17, ओडिशा की 6, राजस्थान की 13 और जम्मू-कश्मीर की 1 इनमें शामिल है.
चौथे चरण में 30 महिलाएं भी चुनाव मैदान में हैं, जिनमें महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में 6-6 महिलाएं, ओडिशा में 5, मध्य प्रदेश और राजस्थान में 2-2 और बिहार, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में 1-1 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं.
वोटिंग के इस दौर में 31.64 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में बताया है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं. चौथे चरण में सबसे अमीर उम्मीदवार छिंदवाड़ा में कांग्रेस के नकुल नाथ सहित 49.3 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति और 46.72 फीसदी लखपति हैं.
इस दौर के चुनाव में जिन सीटों पर खास नजर होगी उनमें बेगूसराय के साथ साथ मुंबई साउथ और छिंदवाड़ा प्रमुख हैं -
ये हैं जनता की अदालत में परीक्षा देने खड़े उम्मीदवार
1. बेगूसराय, बिहार : बिहार की बेगूसराय सीट तो चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले से ही चर्चा में रही है. जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार यहां से सीपीआई के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. कन्हैया के मुकाबले एनडीए के उम्मीदवार मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह हैं जिन्हें उनकी मर्जी के बगैर नवादा से बेगूसराय भेज दिया गया. आरजेडी ने इस बार भी तनवीर हसन को ही टिकट दिया है जो 2014 बीजेपी से करीब 50 हजार वोटों से हार गये थे.
मुकाबला फिलहाल तो त्रिकोणीय माना जा रहा है. 23 मई को जब नतीजे आ रहे होंगे तब भी पूरे देश का ध्यान इस सीट पर होगा.
2. मुंगेर, बिहार : मुंगेर लंबे अरसे से बाहुबली नेता अनंत सिंह का इलाका रहा है. मुंगेर लोकसभा सीट से इस बार चुनाव मैदान में महागठबंधन की उम्मीदवार उनकी पत्नी नीलम देवी हैं, जिन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया है.
मुंगेर में भी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है जहां अनंत सिंह की पत्नी के खिलाफ एनडीए प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह हैं. ललन सिंह जेडीयू के नेता हैं और नीतीश सरकार में काफी दबदबा रखते हैं.
3. कन्नौज, उत्तर प्रदेश : कन्नौज लोक सभा सीट समाजवादी पार्टी का गढ़ मानी जाती रही है. कन्नौज से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव दोबारा चुनाव मैदान में हैं. डिंपल एक उपचुनाव निर्विरोध भी जीत चुकी हैं. पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि डिंपल इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी, इसलिए खुद उनके चुनाव लड़ने की संभावना जतायी गयी थी. बाद में अखिलेश यादव ने आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का फैसला किया, जहां पिछली बार उनके पिता मुलायम सिंह यादव जीते थे.
बीजेपी की ओर से कन्नौज में सुब्रत पाठक मैदान में हैं. बीजेपी ने ये सीट 1998 में जीता था, लेकिन बीएसपी का अब तक यहां खाता नहीं खुल सका है.
4. उन्नाव, उत्तर प्रदेश : उन्नाव से मौजूदा सांसद साक्षी महाराज बीजेपी के टिकट पर फिर से चुनाव मैदान में हैं. टिकट मिलने से पहले साक्षी महाराज की एक चिट्ठी की खूब चर्चा रही जिसके जरिये नेतृत्व को उन्होंने अपने तरीके से धमकाया था. अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में अक्सर रहने वाले साक्षी महाराज ने वोट देने को लेकर भी श्राप देने की बात कही थी.
सपा-बसपा गठबंधन ने अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महराज को टिकट दिया है. कांग्रेस ने पूर्व सांसद अन्नू टंडन को लगातार तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है.
5. मुंबई साउथ, महाराष्ट्र : मिलिंद देवड़ा भी राहुल गांधी के उन्हीं करीबी नेताओं में आते हैं जिनके पिता भी कांग्रेस के नेता रहे. मिलिंद देवड़ा को कांग्रेस ने मुरली देवड़ा की सीट से टिकट दिया और वो 2004 और 2005 में सांसद बने लेकिन 2014 में शिवसेना उम्मीदवार से हार गये. शिवसेना ने इस बार भी अनंत गणपत सावंत को भी टिकट दिया है.
मुंबई साउथ सीट इस बार मुकेश अंबानी के समर्थन की वजह से खास तौर पर चर्चा में रही. मिलिंद देवड़ा ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें मुकेश अंबानी उनकी तारीफ और सपोर्ट करते देखे गये.
6. मुंबई नॉर्थ, महाराष्ट्र : कांग्रेस में मुंबई नॉर्थ सीट से टिकट को लेकर काफी रस्साकशी हुई. माना जाता है कि प्रियंका चतुर्वेदी इस सीट से टिकट चाहती थीं, लेकिन कांग्रेस में सुनवाई नहीं हुई तो वो शिवसेना में शामिल हो गयीं.
कांग्रेस ने इस सीट पर बॉलीवुड एक्टर उर्मिला मातोंडकर को टिकट दिया है. उर्मिला का मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार और मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी से है.
7. छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश : छिंदवाड़ा तो इंदिरा गांधी के जमाने से ही कांग्रेस की सीट रही है. 1980 से 2014 तक सिर्फ एक बार 1997 के उपचुनाव में ये बीजेपी के हिस्से में गयी थी, नहीं तो कांग्रेस का ही यहां कब्जा रहा. कमलनाथ के मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बन जाने के बाद इस बार उनके बेटे नकुलनाथ कांग्रेस उम्मीदवार हैं. चौथे चरण के सबसे अमीर उम्मीदवार नकुलनाथ के पास ₹ 660 करोड़ की संपत्ति है.
बीजेपी ने छिंदवाड़ा से नकुलनाथ के खिलाफ नत्थन शाह को टिकट दिया है. नत्थन शाह मध्य प्रदेश की जुन्नारदेव विधानसभा सीट से 2013 में एमएलए रह चुके हैं.
8. जोधपुर, राजस्थान : छिंदवाड़ा की ही तरह जोधपुर सीट भी मुख्यमंत्री के बेटे की उम्मीदवारी से महत्वपूर्ण मानी जा रही है. जोधपुर से अशोक गहलोत के बेटे वैभव कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.
बीजेपी ने अपने सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए ये सीट बेहद अहम हो गयी है.
9. बाड़मेर, राजस्थान : राजस्थान की बाड़मेर सीट से कांग्रेस के टिकट पर मानवेन्द्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं. मानवेंद्र सिंह 2004 में बाड़मेर से सांसद रह चुके हैं जो सीनियर बीजेपी नेता जसवंत सिंह के बेटे हैं. 2014 में जसवंत सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे लेकिन बीजेपी के कर्नल सोनाराम से हार गये.
बीजेपी ने इस बार भी बाड़मेर से सोनाराम को भी टिकट दिया है. मानवेंद्र सिंह 2018 में बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़े थे.
10. आसनसोल, पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर मुकाबला जोरदार है. चुनाव मैदान में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से गुजरे जमाने की अदाकारा मुनमुन सेन हैं तो बीजेपी ने मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो को ही उम्मीदवार बनाया है. मुनमुन सेन बांकुरा से सांसद हैं लेकिन इस बार ममता बनर्जी ने उनकी सीट बदल दी जिसे सत्ता विरोधी लहर को काउंटर करने का उपाय माना गया.
चौथे चरण में प्रिया दत्त, पूनम महाजन, केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, सुभाष भामरे, एसएस आहलूवालिया, अधीर रंजन चौधरी, अब्दुल बारी सिद्दीकी, उपेंद्र कुशवाहा, नित्यानंद राय, और रामचंद्र पासवान सहित 961 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होने वाला है.
वोटिंग का चौथा दौर पूरा होने पर लोक सभा की कुल 374 सीटों पर मतदान हो चुके होंगे. फिर बाकी बची 169 सीटों पर सारे दलों का फोकस शिफ्ट हो जाएगा.
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