देश की राजनीति में 'बाबा बुलडोजर' के नाम से मशहूर हो चुके सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को ये नाम भाजपा ने नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दिया था. लेकिन, अखिलेश यादव ने भी नहीं सोचा होगा कि योगी आदित्यनाथ पर किया गया 'बाबा बुलडोजर' का तंज उन पर ही भारी पड़ जाएगा. खैर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'बाबा बुलडोजर' के नाम को कुछ इस तरह भुनाया कि यूपी में योगी सरकार 2.0 का आगाज हो चुका है. और, सीएम योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट भी बांट दिए गए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'एक्शन मोड' में आते हुए मंत्रियों को 100 दिनों के कार्यों का रिपोर्ट कार्ड भी पेश करने के लिए निर्देश दे दिए हैं. इन सबके बीच ऐसा लग रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में एक अलग 'बुलडोजर मिनिस्ट्री' बना दी है. क्योंकि, योगी सरकार 2.0 में भू माफियाओं और अपराधियों की संपत्ति पर गरज रहा 'बाबा का बुलडोजर' (Baba Ka Bulldozer) इशारा तो यही कर रहा है.
खुद ही दे रहे अवैध कब्जे तोड़ने की अर्जी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 'बाबा का बुलडोजर' कुछ ऐसा मशहूर हुआ है कि अब प्रशासन को अवैध निर्माण और कब्जे को तोड़ने के लिए कोई खास मशक्कत नहीं करनी पड़ रही है. बल्कि, लोग खुद से ही अर्जी देकर अपने अवैध कब्जे को तोड़ने की गुहार लगा रहे हैं. रामपुर के शाहबाद में अवैध कब्जों की जांच के लिए पहुंचे एसडीएम के सामने युवक ने खुद ही अपने अवैध कब्जे तो तोड़ने की अर्जी दी. दरअसल, क्षेत्र के मित्तरपुर अहरौला गांव के युवा किसान अहसान खां ने अपने अवैध तरीके से बने पुश्तैनी मकान समेत गांव के अन्य अवैध कब्जों को गिराने की शिकायत की थी. अहसान खां समेत कई लोगों का मकान तालाब की सरकारी जमीन पर बना था.
देश की राजनीति में 'बाबा बुलडोजर' के नाम से मशहूर हो चुके सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को ये नाम भाजपा ने नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दिया था. लेकिन, अखिलेश यादव ने भी नहीं सोचा होगा कि योगी आदित्यनाथ पर किया गया 'बाबा बुलडोजर' का तंज उन पर ही भारी पड़ जाएगा. खैर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'बाबा बुलडोजर' के नाम को कुछ इस तरह भुनाया कि यूपी में योगी सरकार 2.0 का आगाज हो चुका है. और, सीएम योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट भी बांट दिए गए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'एक्शन मोड' में आते हुए मंत्रियों को 100 दिनों के कार्यों का रिपोर्ट कार्ड भी पेश करने के लिए निर्देश दे दिए हैं. इन सबके बीच ऐसा लग रहा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में एक अलग 'बुलडोजर मिनिस्ट्री' बना दी है. क्योंकि, योगी सरकार 2.0 में भू माफियाओं और अपराधियों की संपत्ति पर गरज रहा 'बाबा का बुलडोजर' (Baba Ka Bulldozer) इशारा तो यही कर रहा है.
खुद ही दे रहे अवैध कब्जे तोड़ने की अर्जी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान 'बाबा का बुलडोजर' कुछ ऐसा मशहूर हुआ है कि अब प्रशासन को अवैध निर्माण और कब्जे को तोड़ने के लिए कोई खास मशक्कत नहीं करनी पड़ रही है. बल्कि, लोग खुद से ही अर्जी देकर अपने अवैध कब्जे को तोड़ने की गुहार लगा रहे हैं. रामपुर के शाहबाद में अवैध कब्जों की जांच के लिए पहुंचे एसडीएम के सामने युवक ने खुद ही अपने अवैध कब्जे तो तोड़ने की अर्जी दी. दरअसल, क्षेत्र के मित्तरपुर अहरौला गांव के युवा किसान अहसान खां ने अपने अवैध तरीके से बने पुश्तैनी मकान समेत गांव के अन्य अवैध कब्जों को गिराने की शिकायत की थी. अहसान खां समेत कई लोगों का मकान तालाब की सरकारी जमीन पर बना था.
अपराधी पुलिसवाले की संपत्ति पर भी बुलडोजर
अगर यूपी प्रशासन का बुलडोजर अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे माफियाओं पर चल रहा है. तो, अपराधी पुलिसवालों पर भी बाबा का बुलडोजर वैसा ही कहर बरपा रहा है. कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के लखनऊ में अवैध रूप से बने मकान पर बाबा का बुलडोजर जमकर गरजा. लखनऊ के चिनहट में मुख्य आरोपी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह ने बिना नक्शा पास कराए तीन मंजिला भवन खड़ा कर लिया था. जिसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 900 वर्गफीट में बने इस अवैध निर्माण की कीमत करीब एक करोड़ थी. मनीष गुप्ता हत्याकांड में जगत नारायण सिंह को बर्खास्त किया जा चुका है और फिलहाल जेल में हैं.
धर्म, जाति, पंथ देखे बिना चल रहा बुलडोजर
ऐसा नहीं है कि बाबा का बुलडोजर किसी धर्म, जाति, पंथ के खिलाफ निशाना बनाकर चलाया जा रहा हो. यूपी प्रशासन का बुलडोजर हर उस भू माफिया के खिलाफ चल रहा है, जो सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वाला हो. फिर वह हिंदू हो या मुसलमान, इससे प्रशासन को फर्क नहीं पड़ रहा है. फर्रुखाबाद में करीब चार दशक से कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध कब्जा कर किए गए मकानों और कारखाने के निर्माण को बुलडोजर से ढहा दिया गया. फर्रुखाबाद के श्याम नगर स्थित कब्रिस्तान के मुतबल्ली मो. हुसैन रिजवी को कोर्ट से मुकदमा जीतने के बाद कब्जा दिलाने के लिए यूपी प्रशासन ने अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ढहा दिया. कब्रिस्तान की भूमि पर अवैध कब्जेदारों कृष्ण कुमार और उनके भाई शिवम मकान बना कर रह रहे थे और कारखाना भी चला रहे थे.
बेइज्जती से बचने के लिए सपा नेता ने खुद ही तोड़ा अवैध निर्माण
यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने से पहले कई नेताओं को लग रहा था कि इस बार समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में वापसी करेगी. खैर, उनका ये विश्वास धराशायी हुआ, तो उनमें से कुछ नेताओं ने खुद ही अपने अवैध निर्माणों को तोड़ना शुरू कर दिया. समाजवादी पार्टी की सरकार में एटा के सपा नेता और पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव व पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जुगेंद्र सिंह यादव की तूती बोलती थी. रसूख के दम पर इन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बहुतायत में अवैध निर्माण कराया था.
लेकिन, योगी सरकार 2.0 में बदले तेवरों के आगे इनका रसूख भी ठंडा पड़ गया है. बाबा बुलडोजर का खौफ रामेश्वर सिंह यादव और जुगेंद्र सिंह यादव पर इस कदर हावी हुआ कि सालों से कर रखे अवैध निर्माण गिराने के लिए इन्होंने खुद ही लेबर लगवा दी. रामेश्वर के भतीजे विक्रांत यादव ने भी अवैध कब्जा करके बनाये गए अपने कोल्ड स्टोरेज को तुड़वा दिया है. बताना जरूरी है कि ये नेता समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के रिश्तेदार हैं.
वैसे, 'बुलडोजर बाबा' के नाम के साथ सबसे बड़ी बात ये रही कि यूपी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण तक भाजपा और सीएम योगी भी सभाओं में इसका कुछ खास जिक्र नहीं करते थे. लेकिन, अखिलेश यादव के तंज के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे 'मैं भी चौकीदार' जैसे कैंपेन में बदल दिया. एक वीडियो में सीएम योगी खुद अपनी चुनावी सभा में बुलडोजर दिखाते हुए नजर आए थे. वैसे, सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की प्रचंड जीत ने कई अंधविश्वासों और मिथकों पर भी 'बुलडोजर' चलाया था. और, 'बाबा का बुलडोजर' जितनी तेजी से गरज रहा है, वो सीधे तौर पर एक नई 'बुलडोजर मिनिस्ट्री' की ओर ही इशारा है.
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