मध्य प्रदेश के खरगोन में राम नवमी पर हुई हिंसा के बाद जिस तरह राज्य सरकार ने एक्शन लिया उसे पूरे देश ने देखा. प्रशासन बुलडोजर लेकर आया और उन मुसलमानों की ईंट से ईंट बजा दी जिन्होंने जुलुस पर पत्थरबाजी की थी. प्रशासन द्वारा लिए एक्शन का सेहरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सिर बंधा जा रहा है. स्थिति जब ऐसी हो तो हमें उस नाम को किसी भी सूरत में ख़ारिज नहीं करना चाहिए जिसका रुख अराजक तत्वों पर स्पष्ट है. जो उपद्रवियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अख्तियार किये हुए है. खरगोन हिंसा के बाद जिसके जैसे बयान हैं, साफ़ है कि उसने लॉ एंड आर्डर के लिहाज से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना आराध्य मान लिया है और दंगाइयों के खिलाफ अपने आराध्य के ही नक़्शे कदम पर है. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की. खरगोन हिंसा के बाद जो रवैया बतौर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का है. साफ़ है कि जैसे उन्होंने कसम ही खा ली है कि जो भी अपने कुकर्मों से सूबे के अमन और शांति को प्रभावित करेगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा. खरगोन हिंसा और उस हिंसा के बाद जो एक्शन प्रशासन ने लिया है उसे नरोत्तम मिश्रा ने सही ठहराया है और वो अपनी बातों पर कायम भी हैं.
जब नरोत्तम मिश्रा से दंगाइयों के खिलाफ लिए गए एक्शन पर सवाल हुआ तो उन्होंने सरकारी निर्णय को जायज बताते हुए कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है. वहीं जिस तरह सरकार ने बुलडोजर चलाकर उपद्रवियों के आशियाने को जमींदोज किया उसपर जब बतौर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल हुआ तो उन्होंने एक्शन को वक़्त की जरूरत बताया. बकौल मिश्रा जो कोई भी नियमों के विरुद्ध जाकर काम करेगा उसपर इसी तरह से बुलडोजर चलाया...
मध्य प्रदेश के खरगोन में राम नवमी पर हुई हिंसा के बाद जिस तरह राज्य सरकार ने एक्शन लिया उसे पूरे देश ने देखा. प्रशासन बुलडोजर लेकर आया और उन मुसलमानों की ईंट से ईंट बजा दी जिन्होंने जुलुस पर पत्थरबाजी की थी. प्रशासन द्वारा लिए एक्शन का सेहरा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सिर बंधा जा रहा है. स्थिति जब ऐसी हो तो हमें उस नाम को किसी भी सूरत में ख़ारिज नहीं करना चाहिए जिसका रुख अराजक तत्वों पर स्पष्ट है. जो उपद्रवियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अख्तियार किये हुए है. खरगोन हिंसा के बाद जिसके जैसे बयान हैं, साफ़ है कि उसने लॉ एंड आर्डर के लिहाज से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना आराध्य मान लिया है और दंगाइयों के खिलाफ अपने आराध्य के ही नक़्शे कदम पर है. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की. खरगोन हिंसा के बाद जो रवैया बतौर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का है. साफ़ है कि जैसे उन्होंने कसम ही खा ली है कि जो भी अपने कुकर्मों से सूबे के अमन और शांति को प्रभावित करेगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा. खरगोन हिंसा और उस हिंसा के बाद जो एक्शन प्रशासन ने लिया है उसे नरोत्तम मिश्रा ने सही ठहराया है और वो अपनी बातों पर कायम भी हैं.
जब नरोत्तम मिश्रा से दंगाइयों के खिलाफ लिए गए एक्शन पर सवाल हुआ तो उन्होंने सरकारी निर्णय को जायज बताते हुए कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है. वहीं जिस तरह सरकार ने बुलडोजर चलाकर उपद्रवियों के आशियाने को जमींदोज किया उसपर जब बतौर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल हुआ तो उन्होंने एक्शन को वक़्त की जरूरत बताया. बकौल मिश्रा जो कोई भी नियमों के विरुद्ध जाकर काम करेगा उसपर इसी तरह से बुलडोजर चलाया जाएगा.
ध्यान रहे रामनवमी के दिन खरगोन और बडवानी में जुलूस पर पथराव हुआ. जिसके बाद न केवल प्रशासन हरकत में आया बल्कि एक ऐसा एक्शन लिया जिसने सियासत तेज कर दी है और मामले को हिंदू मुस्लिम का रंग दे दिया है. बताते चलें कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद खरगोन हिंसा में अब तक 77 के आस पास लोगों की गिरफ़्तारी हुई है और स्थानीय पुलिस जांच में जुटी है.
अपने मंसूबों को लेकर मिश्रा कितना क्लियर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने बहुत साफ़ लहजे में ये भी कहा था कि जिस जिस घर से पत्थर आए हैं, उन्हें पत्थर का ढेर बनाया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार का मानना है कि प्रदेश में शांति व्यवस्था बिगाड़ने का किसी को कोई अधिकार नहीं है और ना ही हम किसी को बिगाड़ने देंगे.
जैसा लहजा और जैसी बातें नरोत्तम मिश्रा की है साफ़ है कि उनकी पॉलिसी जैसे के संग तैसा वाली है. जिक्र नरोत्तम मिश्रा की दंगाइयों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का हुआ है तो हमें उनकी उस बात को बिलकुल नहीं भूलना चाहिए जो अभी बीते दिनों उन्होंने खरगोन हिंसा के बाद मीडिया से कही थी. मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि दंगाइयों के साथ ऐसा ही व्यवहार होना चाहिए. ऐसे लोग (दंगाई) समाज विरोधी हैं और ये लोग भले लोगों का जीना मुश्किल कर देते हैं.
जिक्र रामनवमी पर हुई हिंसा का हुआ है तो हमें उस वीडियो का भी अवलोकन कर लेना चाहिए जो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है. ज्ञात हो कि अभी बीते दिनों ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में योगी ने बहुत साफ़ लहजे में कह दिया था कि यहां (उत्तर प्रदेश में) दंगा-फसाद के लिए कोई जगह नहीं है. अपने भाषण में योगी आदित्यनाथ ने रामनवमी और रमजान का जिक्र करते हुए कहा था कि देश के अलग अलग राज्यों में जहां राम नवमी पर हिंसा हुई वहीं यूपी में कोई तू तू मैं मैं भी नहीं हुई. योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यूपी में दंगे फसाद के लिए, अराजकता के लिए, गुंडागर्दी के लिए कोई जगह नहीं है.
गौरतलब है कि यूपी में गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास है. लेकिन मध्यप्रदेश में यह महकमा नरोत्तम मिश्रा देख रहे हैं. हिंदू-मुस्लिम तनाव वाले मामलों में योगी आदित्यनाथ की राय से सब वाकिफ हैं. अब नरोत्तम मिश्रा के ताजा बयानों को देखें तो उनके आराध्य भी योगी आदित्यनाथ ही नजर आते हैं.
चर्चा लॉ एंड आर्डर पर हो यही है. यूपी के सन्दर्भ में हो रही है और यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ के कांटेस्ट में हो रही है तो जिक्र पुलिस एनकाउंटर का भी होगा. जब 2017 में योगी आदित्यनाथ यूपी की सत्ता पर काबिज हुए थे सूबे में एनकाउंटर के मामलों में तेजी दिखी थी. विपक्ष लगातार सूबे के मुखिया को घेर रहा था और मामला मानवाधिकार आयोग तक के पास चला गया था.
यूपी में बढ़ते पुलिस एनकाउंट पर योगी आदित्यनाथ का बयान शायद आपने भी सुना ही होगा. यूपी में पुलिस एनकाउंटर पर बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अपराधी या तो यूपी छोड़ेंगे या फिर एनकाउंटर में मारे जाएंगे. यानी तब ही योगी आदित्यनाथ ने लॉ एंड आर्डर पर अपनी मंशा जाहिर कर दी थी.
अब खरगोन दंगे के बाद कथित दंगाइयों के घर तोड़े जाने पर नरोत्तम मिश्रा का बयान सुनिए- बताते चलें कि अभी बीते दिनों ही पत्रकार बरखा दत्त ने खरगोन हिंसा और एक्शन पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से कुछ सवाल पूछे थे. जिस समय बरखा सवाल पूछ रही थीं नरोत्तम मिश्रा भोजन कर रहे थे और उनका अंदाज बहुत ही अनौपचारिक था लेकिन वहां भी वो बड़े क्लियर थे और बातों बातों में उन्होंने ये तक तक दिया कि अब एमपी में भी कोई तू-तू मैं-मैं नहीं करेगा.
नरोत्तम मिश्रा और योगी आदित्यनाथ के बयानों में नजर आने वाला साम्य यूं ही नहीं है. साफ़ है कि नरोत्तम मिश्रा योगी आदित्यनाथ के नक़्शे कदम पर हैं और आने वाले वक़्त में अपराधियों के सामने वैसा ही टेरर कायम करेंगे जैसा वर्तमान में यूपी में योगी आदित्यनाथ ने कर रखा है. बाकी जैसी कार्यप्रणाली है हमें इस बात का पूरा यकीन है नरोत्तम मिश्रा को ऐसा कुछ करने में कोई बहुत बड़ी समस्या नहीं होगी. जनाधार और सत्ता दोनों ही उनके पास है.
ये भी पढ़ें -
Ram navmi Violence: आखिर भारत में 'संवेदनशील इलाके' बनाए किसने हैं?
देश में भले दंगे हों, योगी-राज में सब शांति-शांति है...
आजम खान अगर AIMIM में आ भी गए तो मुसलमानों का भला कैसे होगा?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.