2014 के चुनाव में 'चायवाला', गुजरात चुनाव में 'विकास' और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में 'चौकीदार'. ये पहले सिर्फ एक शब्द हुआ करते थे, लेकिन चुनावी रण में इन्हें एक कैंपेन बना दिया गया. इस बार पीएम ने खुद को देश का चौकीदार बताया तो विपक्ष ने इसका काट निकाला और पीएम मोदी को 'चौकीदार चोर है' कहना शुरू कर दिया. आरोप लगाया गया कि पीएम ने कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की. राहुल गांधी को मानो 2019 चुनाव में अपनी मौजूदगी जताने का हथियार मिल गया था और वह हर मोर्चे पर 'चौकीदार चोर है' के नारे लगवाते थे, लेकिन अब राहुल का ये हथियार ही मोदी का ब्रह्मास्त्र बन चुका है.
भाजपा ने अब 'चौकीदार चोर है' की काट के तौर पर 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन शुरू कर दिया है. एक के बाद एक हर कोई खुद को चौकीदार बता रहा है. पहले तो ये कैंपेन सिर्फ एक हैशटैग की तरह वायरल हुआ और ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा, लेकिन जैसे ही पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ा, एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है. एक के बाद एक हर भाजपा नेता और समर्थक अपने नाम के आगे चौकीदार लगाने लगे हैं. ट्विटर पर हर नाम के आगे 'चौकीदार' लिखा दिखाई दे रहा है.
ट्विटर पर आया चौकीदारों का सैलाब
अगर पीएम मोदी कुछ करते हैं तो उनके करोड़ों चाहने वाले भी उनका अनुसरण जरूर करते हैं. 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन के तहत जैसे ही पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपना नाम बदलकर 'चौकीदार नरेंद्र मोदी' किया, वैसे ही एक के बाद एक भाजपा नेता, कार्यकर्ता, समर्थक और अन्य चाहने वालों ने अपना नाम बदलना शुरू कर दिया. अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, आईटीसेल प्रमुख अमित मालवीय, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, कैलाश विजय वर्गीय, पूनम महाजन,...
2014 के चुनाव में 'चायवाला', गुजरात चुनाव में 'विकास' और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में 'चौकीदार'. ये पहले सिर्फ एक शब्द हुआ करते थे, लेकिन चुनावी रण में इन्हें एक कैंपेन बना दिया गया. इस बार पीएम ने खुद को देश का चौकीदार बताया तो विपक्ष ने इसका काट निकाला और पीएम मोदी को 'चौकीदार चोर है' कहना शुरू कर दिया. आरोप लगाया गया कि पीएम ने कुछ उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की. राहुल गांधी को मानो 2019 चुनाव में अपनी मौजूदगी जताने का हथियार मिल गया था और वह हर मोर्चे पर 'चौकीदार चोर है' के नारे लगवाते थे, लेकिन अब राहुल का ये हथियार ही मोदी का ब्रह्मास्त्र बन चुका है.
भाजपा ने अब 'चौकीदार चोर है' की काट के तौर पर 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन शुरू कर दिया है. एक के बाद एक हर कोई खुद को चौकीदार बता रहा है. पहले तो ये कैंपेन सिर्फ एक हैशटैग की तरह वायरल हुआ और ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा, लेकिन जैसे ही पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार जोड़ा, एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है. एक के बाद एक हर भाजपा नेता और समर्थक अपने नाम के आगे चौकीदार लगाने लगे हैं. ट्विटर पर हर नाम के आगे 'चौकीदार' लिखा दिखाई दे रहा है.
ट्विटर पर आया चौकीदारों का सैलाब
अगर पीएम मोदी कुछ करते हैं तो उनके करोड़ों चाहने वाले भी उनका अनुसरण जरूर करते हैं. 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन के तहत जैसे ही पीएम मोदी ने ट्विटर पर अपना नाम बदलकर 'चौकीदार नरेंद्र मोदी' किया, वैसे ही एक के बाद एक भाजपा नेता, कार्यकर्ता, समर्थक और अन्य चाहने वालों ने अपना नाम बदलना शुरू कर दिया. अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, आईटीसेल प्रमुख अमित मालवीय, दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, कैलाश विजय वर्गीय, पूनम महाजन, मीनाक्षी लेखी, संबित पात्र समेत बहुत से लोगों ने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार लगा लिया है. पीएम मोदी से शुरू हुए इस कैंपेन में नामों की लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है.
वीडियो भी किया था लॉन्च
एक दिन पहले ही भाजपा ने 'मैं भी चौकीदार' का एक वीडियो जारी किया था, जिसके बाद से ही ये कैंपेन शुरू हुआ है. दरअसल, राहुल गांधी हर बार यही कह रहे थे कि 'चौकीदार चोर है', क्योंकि पीएम मोदी खुद को चौकीदार कहते हैं. अब 'मैं भी चौकीदार' कैंपेन के चलते हर कोई खुद को चौकीदार कह रहा है. यानी अब भी अगर राहुल गांधी 'चौकीदार चोर है' कहेंगे तो इससे हर वो शख्स आहत होगा, जिसने अपने नाम के आगे चौकीदार लगाया है. ये कहना गलत नहीं होगा कि जैसे पीएम मोदी ने 'विकास पागल हो गया है' वाले कांग्रेस के नारे को गुजरात की अस्मिता से जोड़ दिया था और कांग्रेस को वो कैंपेन बंद करना पड़ा था, ठीक वैसे ही 'चौकीदार चोर है' को उन्होंने देश की अस्मिता से जोड़ दिया है. जिसे राहुल गांधी अब तक अपना सबसे बड़ा हथियार समझ रहे थे, अब वह पीएम मोदी का ब्रह्मास्त्र बन चुका है.
भाजपा की ओर से चलाया गया 'मैं भी चौकीदार' अभियान जितनी तेजी से देश भर में फैल रहा है, उसे देखकर ये कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी बैकफुट पर आ गए हैं. कल तक वह सीना ठोंक कर चौकीदार चोर है कहते थे, लेकिन हो सकता है कि अब उन्हें अपना वो कैंपेन ही रोकना पड़े. जैसे गुजरात चुनाव के दौरान विकास पागल हो गया है का अभियान कांग्रेस को रोकना पड़ा था. अब ये देखना वाकई दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस इसका जवाब कैसे देती है.
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