दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग के इस्तीफे की बात करें तो ये वाकई किसी झटके से कम नहीं था. जंग का 18 महीने का कार्यकाल तो बचा हुआ था और अचानक जंग ने कहा कि उन्हें उनके पहले प्यार एकेडिमिक्स की तरफ जाना है और उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 2016 में ये पहली बार नहीं है कि किसी बड़े पद से इस्तीफा दिया गया हो. ये साल कुछ ऐसा ही रहा. या तो किसी बड़े इंसान ने खुद ही रिजाइन कर दिया या फिर उसे पद से हटा दिया गया. कॉर्पोरेट और पॉलिटिक्स दोनों ही फील्ड में कई इस्तीफे हुए. तो चलिए देखते हैं 2016 के सबसे बड़े झटके...
ये भी पढ़ें- जंग के जाने के बाद टीम केजरीवाल की आशंकाएं...
कॉर्पोरेट-
1. सायरस मिस्त्री-
टाटा ग्रुप के चेयरमैन सायरस मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया गया. सायरस मिस्त्री को हटाने का टाटा ग्रुप का ये फैसला दिवाली से पहले ही फटाके फोड़ने के लिए काफी था. अभी तक ये विवाद सुलझा नहीं है और सायरस मिस्त्री की याचिका को नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने खारिज कर दिया है.
2. अरनब गोस्वामी-
ये इस्तीफा तो वाकई बवाल मचाने के लिए काफी था. एक दिन अचानक ये खबर आती है कि अरनब गोस्वामी ने टाइम्स नाऊ से इस्तीफा दे दिया है और अब वो अपना अलग वेंचर खोलेंगे. सोशल मीडिया अकाउंट ना होने के बाद भी अरनब दो दिनों तक अपने इस्तीफे की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते रहे. अब खबर आई है कि अरनब अपना नया वेंचर रिपब्लिक लेकर आएंगे.
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर नजीब जंग के इस्तीफे की बात करें तो ये वाकई किसी झटके से कम नहीं था. जंग का 18 महीने का कार्यकाल तो बचा हुआ था और अचानक जंग ने कहा कि उन्हें उनके पहले प्यार एकेडिमिक्स की तरफ जाना है और उन्होंने इस्तीफा दे दिया. 2016 में ये पहली बार नहीं है कि किसी बड़े पद से इस्तीफा दिया गया हो. ये साल कुछ ऐसा ही रहा. या तो किसी बड़े इंसान ने खुद ही रिजाइन कर दिया या फिर उसे पद से हटा दिया गया. कॉर्पोरेट और पॉलिटिक्स दोनों ही फील्ड में कई इस्तीफे हुए. तो चलिए देखते हैं 2016 के सबसे बड़े झटके... ये भी पढ़ें- जंग के जाने के बाद टीम केजरीवाल की आशंकाएं... कॉर्पोरेट- 1. सायरस मिस्त्री- टाटा ग्रुप के चेयरमैन सायरस मिस्त्री को उनके पद से हटा दिया गया. सायरस मिस्त्री को हटाने का टाटा ग्रुप का ये फैसला दिवाली से पहले ही फटाके फोड़ने के लिए काफी था. अभी तक ये विवाद सुलझा नहीं है और सायरस मिस्त्री की याचिका को नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने खारिज कर दिया है. 2. अरनब गोस्वामी- ये इस्तीफा तो वाकई बवाल मचाने के लिए काफी था. एक दिन अचानक ये खबर आती है कि अरनब गोस्वामी ने टाइम्स नाऊ से इस्तीफा दे दिया है और अब वो अपना अलग वेंचर खोलेंगे. सोशल मीडिया अकाउंट ना होने के बाद भी अरनब दो दिनों तक अपने इस्तीफे की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रेंड करते रहे. अब खबर आई है कि अरनब अपना नया वेंचर रिपब्लिक लेकर आएंगे.
3. रघुराम राजन- आरबीआई के सबसे स्मार्ट गवर्नर में से एक कहे जाने वाले राजन के कार्यकाल को लेकर अटकलें चल ही रही थीं कि राजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. खबरों की मानें तो राजन ने ऐसा बीजेपी एमपी सुब्रमनियन स्वामी से विवाद के चलते दिया. राजन तीन बार से आरबीआई गवर्नर रह चुके थे और अब उनकी जगह उर्जित पटेल ने ली है. 4. विजय माल्या- चौंकिए मत, दरअसल विजय माल्या ने राज्य सभा से निकाले जाने से पहले खुद ही इस्तीफा दे दिया. अपने रेजिग्नेशन लेटर में माल्या ने लिखा था कि फाइनेंस मिनिस्ट्री ने गलत इन्फॉर्मेशन पार्लियामेंट कमेटी को गलत जानकारी दी है, लेकिन मैं अब नहीं चाहता कि मेरा नाम आगे इस सब में घसीटा जाए और हालिया हालात से लगता है कि मेरे लिए एक निष्पक्ष सुनवाई की जाएगी या मुझे न्याय मिलेगा. इसलिए मैं इस्तीफा देता हूं. 5. विनीत तनेजा- विनीत तनेजा ने साल की शुरुआत में ही माइक्रोमैक्स के सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था. विनीत ने 2014 में सैमसंग इंडिया छोड़ माइक्रोमैक्स कंपनी के साथ काम करना शुरू किया था. उनके इस्तीफे से माइक्रोमैक्स को काफी बड़ा झटका लगा था.
6. जवाहर सरकार- अपने कार्यकाल को पूरा ना कर पहले ही इस्तीफा देने वालों की लिस्ट में प्रसार भारती के सीईओ जवाहर सरकार का नाम भी शामिल है. फरवरी 2017 में सरकार का कार्यकाल खत्म होने वाला था और उन्होंने अक्टूबर 2016 में ही रिजाइन कर दिया. ये भी पढ़ें- राजनीतिक भाषण देते समय सबसे क्रूर होते हैं मोदी 7. शशांक मनोहर- BCCI के प्रेसिडेंट शशांक मनोहर ने भी इस साल इस्तीफा दे दिया. अचानक दिए गए इस इस्तीफे पर कोई सवाल उठता उससे पहले ही बीसीसीआई सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर ने ये साफ कर दिया कि शशांक को ICC का एक बड़ा पद स्वीकारना है और इसलिए रिजाइन किया गया है. फिलहाल शशांक ICC के चेयरमैन के पद पर कार्यरत हैं.
8. राहुल रवैल- जाने-माने फिल्ममेकर राहुल रवैल ने भी इस साल ऑस्कर सिलेक्शन कमेटी से इस्तीफा दे दिया. अपना पक्ष रखते हुए राहुल ने कहा कि चेयरपर्सन अमोल पालेकर से विवादों के चलते उन्होंने ऐसा किया है. राजनीति- कॉर्पोरेट के अलावा राजनीति में भी कई इस्तीफे और बर्खास्तगी हुई है. 1. आनंदीबेन पटेल- गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने भी इस साल इस्तीफा दिया है. उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र के कारण राजनीति छोड़ने का फैसला लिया. खास बात ये है कि आनंदीबेन ने अपना इस्तीफा फेसबुक के जरिए दिया. आनंदीबेन के पाटिदार विवाद को ना हल पाने को भी इस इस्तीफे से जोड़कर देखा जाता है.
2. नवजोत सिंह सिद्धू- पूर्व क्रिकेटर और पॉलिटीशियन नवजोत सिंह सिद्धू ने भी इस साल राज्य सभा से इस्तीफा दे दिया. इसी के साथ, उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने बीजेपी को छोड़ा. सिद्धू ने राज्यसभा ढाई महीने के अंदर ही छोड़ दी. 3. शिवपाल यादव- अखिलेश यादव ने अक्टूबर में चचा शिवपाल यादव को विवादों के चलते पार्टी से बर्खास्त कर दिया था. 4. राम गोपाल यादव- ये नाम निकाले जाने वालों की लिस्ट में है. शिवपाल यादव को निकाले जाने से नाजार सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने अखिलेश समर्थक राम गोपाल यादव को भी पार्टी से निकाल दिया था. हालांकि, अब शिवपाल और राम गोपाल दोनों ही पार्टी में वापस शामिल कर लिए गए हैं.
4. उदयवीर सिंह सपा के घमासान में पार्टी से निकाले गए नेताओं में एक नाम उदयवीर सिंह का भी है. इस नाम ने इतना बवाल इसलिए मचाया क्योंकि निकाले जाने के कुछ दिन पहले ही उदयवीर ने मुलायम सिंह को चिट्ठी लिखकर उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता पर आरोप लगाया था. उदयवीर का कहना था कि साधना की मंशा अखिलेश की बनी-बनाई छवी को बर्बाद करने में है. और नतीजा ये हुआ कि मुलायम सिंह ने गुस्सा होकर उदयवीर को पार्टी से बर्खास्त कर दिया. ये भी पढ़ें- पाटीदारों की कुलदेवी किसे आशीर्वाद देंगी- राहुल गांधी या केजरीवाल को? 5. गोपाल राय दिल्ली के परिवाहन मंत्री गोपाल राय ने भी इस साल इस्तीफा दे दिया. गोपाल राय के अनुसार उनकी बिगड़ती सेहत के चलते उन्होंने ये कदम उठाया था. हालांकि, उनपर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे थे. सपा से इस साल निकाले गए लोगों की लिस्ट में सुनिल सजन, आनंद भदौरिया, संजय लाथर और युवा नेता गौरव दुबे, दिगविजय सिंह देव और ब्रजेश यादव शामिल हैं. हालांकि, निकाले गए कई नेताओं को वापस पार्टी में ले लिया गया है.
6. बब्बन सिंह चौहान- सिर्फ सपा ही नहीं बसपा भी इन दिनों मुश्किल के दौर से गुजर रही है. अक्टूबर में पार्टी की मुगलसराय सीट से एमएलए रहे बब्बन सिंह चौहान ने ये कहकर इस्तीफा दिया कि मायावती ने उनसे टिकट के बदले 2 करोड़ रुपए मांगे हैं. गौरतलब है कि बसपा से रिजाइन करने वालों की लिस्ट में स्वामी प्रसाद मौर्या, आर के चौधरी, रविंद्र नाथ त्रिपाठी और परमदेव शामिल हैं. लिस्ट तो बहुत लंबी है पर ये अहम नाम हैं जो साबित करते हैं कि 2016 दरअसल हर क्षेत्र में करियर को लेकर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा. सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि कई हाई-प्रोफाइल लोगों की अदला बदली हुई. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |