यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) के जितेंद्र नारायण त्यागी बनने के बाद अब मलयाली फिल्म निर्देशक अली अकबर (Ali Akbar) ने भी आधिकारिक रूप से इस्लाम धर्म छोड़ दिया है. सनातन धर्म अपनाने वाले अली अकबर ने मुस्लिम से हिंदू बनने को उन मुसलमानों के खिलाफ अपना प्रदर्शन बताया था, जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर स्माइली पोस्ट कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि वह राष्ट्र-विरोधियों के साथ खड़े नहीं रह सकते हैं. अली अकबर के साथ उनकी पत्नी लुसीअम्मा भी धर्म परिवर्तन कर हिंदू बनी हैं. वैसे, शुद्धिकरण के लिए किए जाने वाले विधि-विधान के बाद अली अकबर अब रामासिम्हा (Rama Simhan) के नाम से जाने जाएंगे. और, अली अकबर के इस नाम को चुनने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. दरअसल, अली अकबर एक फिल्म बना रहे हैं, जो मोपला दंगों (Moplah Riots) पर आधारित है. आइए जानते हैं अली अकबर के रामासिम्हा नाम चुनने के पीछे की ये कहानी क्या है...
अली अकबर ने रामासिम्हा नाम क्यों चुना?
ऐसा कहा जाता है कि देश के आजाद होने से कुछ हफ्ते पहले केरल के मल्लपुरम में एक परिवार ने मुस्लिम धर्म छोड़ कर हिंदू धर्म अपना लिया था. ये पूरा परिवार भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का अनुयायी होकर उनकी पूजा-पाठ करने लगा था. जिसके बाद ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए मजहबी भीड़ ने उनके पूरे परिवार को खत्म कर दिया था. बताया जाता है कि इस्लाम के अपमान को लेकर उग्र हुई भीड़ ने जिस शख्स के परिवार पर अपना कहर बरपाया था, उसका नाम धर्म परिवर्तन के बाद रामासिम्हा हो गया था. हालांकि, अली अकबर ने अपना नाम रखने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है. लेकिन, मोपला दंगों पर फिल्म बनाने (Malayalam Film Director) और भाजपा के सदस्य होने की वजह से ये कहानी उनके नाम के साथ जोड़ी जा रही है. कहा जाता है कि मोपलाओं ने रामासिम्हा, उनकी पत्नी, उनके भाई और उनके खानसामे समेत परिवार के अन्य सदस्यों को बर्बर तरीके से मौत के घाट उतार दिया था. कहा जाता है कि मोपला दंगों में मौत का तांडव देख चुके लोगों में इस हत्याकांड का विरोध करने की हिम्मत ही नहीं बची थी.
यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) के जितेंद्र नारायण त्यागी बनने के बाद अब मलयाली फिल्म निर्देशक अली अकबर (Ali Akbar) ने भी आधिकारिक रूप से इस्लाम धर्म छोड़ दिया है. सनातन धर्म अपनाने वाले अली अकबर ने मुस्लिम से हिंदू बनने को उन मुसलमानों के खिलाफ अपना प्रदर्शन बताया था, जो सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन पर स्माइली पोस्ट कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि वह राष्ट्र-विरोधियों के साथ खड़े नहीं रह सकते हैं. अली अकबर के साथ उनकी पत्नी लुसीअम्मा भी धर्म परिवर्तन कर हिंदू बनी हैं. वैसे, शुद्धिकरण के लिए किए जाने वाले विधि-विधान के बाद अली अकबर अब रामासिम्हा (Rama Simhan) के नाम से जाने जाएंगे. और, अली अकबर के इस नाम को चुनने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है. दरअसल, अली अकबर एक फिल्म बना रहे हैं, जो मोपला दंगों (Moplah Riots) पर आधारित है. आइए जानते हैं अली अकबर के रामासिम्हा नाम चुनने के पीछे की ये कहानी क्या है...
अली अकबर ने रामासिम्हा नाम क्यों चुना?
ऐसा कहा जाता है कि देश के आजाद होने से कुछ हफ्ते पहले केरल के मल्लपुरम में एक परिवार ने मुस्लिम धर्म छोड़ कर हिंदू धर्म अपना लिया था. ये पूरा परिवार भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार का अनुयायी होकर उनकी पूजा-पाठ करने लगा था. जिसके बाद ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए मजहबी भीड़ ने उनके पूरे परिवार को खत्म कर दिया था. बताया जाता है कि इस्लाम के अपमान को लेकर उग्र हुई भीड़ ने जिस शख्स के परिवार पर अपना कहर बरपाया था, उसका नाम धर्म परिवर्तन के बाद रामासिम्हा हो गया था. हालांकि, अली अकबर ने अपना नाम रखने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है. लेकिन, मोपला दंगों पर फिल्म बनाने (Malayalam Film Director) और भाजपा के सदस्य होने की वजह से ये कहानी उनके नाम के साथ जोड़ी जा रही है. कहा जाता है कि मोपलाओं ने रामासिम्हा, उनकी पत्नी, उनके भाई और उनके खानसामे समेत परिवार के अन्य सदस्यों को बर्बर तरीके से मौत के घाट उतार दिया था. कहा जाता है कि मोपला दंगों में मौत का तांडव देख चुके लोगों में इस हत्याकांड का विरोध करने की हिम्मत ही नहीं बची थी.
मोपला दंगे या मोपला विद्रोह?
वैसे, इस्लाम धर्म छोड़कर रामासिम्हा बने अली अकबर ने केरल के इतिहास के सबसे चर्चित और विवादित दंगों को लेकर फिल्म बनाने का फैसला लिया है. वामपंथी दलों, कांग्रेस और वामपंथी इतिहासकारों का मानना है कि केरल के मालाबार इलाके में 20 अगस्त 1921 को भड़के मोपला विद्रोह (Moplah rebellion) की शुरुआत अंग्रेजों के खिलाफ हुई थी. वहीं, दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों का मानना है कि मोपला विद्रोह हिंदुओं के खिलाफ मुसलमानों का पहला जिहाद था. पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान केरल में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कम्मनम राजशेखरन ने मोपला विद्रोह को हिंदुओं के नरसंहार से जोड़ते हुए पहला जिहाद बताया था. कहा जाता है कि मोपला दंगों के दौरान मालाबार इलाके में मोपला मुसलमानों ने हजारों हिंदुओं पर अपना कहर बरपाते हुए कत्लेआम मचा दिया था. हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार हुए और हजारों हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन कर उन्हें मुसलमान बना दिया गया. केरल की वामपंथी सरकार मोपला दंगों को लेकर हमेशा से ही दक्षिणपंथियों के निशाने पर रही है.
क्या खिलाफत आंदोलन था मोपला विद्रोह?
मोपला विद्रोह को खिलाफत आंदोलन के तौर पर भी देखा जाता है. क्योंकि, भारत में खिलाफत आंदोलन और मोपला विद्रोह एकसाथ भड़के थे. प्रथम विश्वयुद्ध में तुर्की की हार के बाद अंग्रेजों ने खलीफा को गद्दी से हटा दिया था. जिसके बाद दुनियाभर के नाराज मुसलमानों ने खलीफा को फिर से गद्दी पर बैठाने के लिए खिलाफत आंदोलन की शुरुआत की. भारत में भी खिलाफत आंदोलन को तत्कालीन कांग्रेस के मौलाना अबुल कलाम आजाद, महात्मा गांधी जैसे नेताओं का समर्थन हासिल था. दरअसल, शुरुआत में मोपला विद्रोह केवल अंग्रेजों के खिलाफ था. लेकिन, बाद में इसने सांप्रदायिक रंग लेते हुए हिंदू जमींदारों के खिलाफ दंगों का रूप ले लिया था. क्योंकि, केरल में खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया था. जिसके चलते इसका नेतृत्व मोपला मुसलमानों के हाथ में चला गया. जिन पर इस्लाम के कट्टर मौलवियों का प्रभाव था. जिसके बाद ये खिलाफत आंदोलन हिंदुओं के नरसंहार का जरिया बन गया. कुछ दक्षिणपंथी इतिहासकारों का मानना है कि महात्मा गांधी ने खिलाफत आंदोलन में हिंदुओं को जोड़ने के लिए ही असहयोग आंदोलन चलाया था.
मोपला विद्रोह पर महात्मा गांधी और आंबेडकर के विचार
महात्मा गांधी ने मोपला विद्रोह के बारे में कहा था कि 'हिंदुओं को मोपला विद्रोह के कारणों का पता लगाना चाहिए. वो पाएंगे कि वो दोषरहित नहीं हैं.' वहीं, बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने मोपला विद्रोह को लेकर महात्मा गांधी पर सवाल खड़े किए थे. आंबेडकर ने कहा था कि 'मिस्टर गांधी ने कभी भी हिंदुओं के खिलाफ व्यापक अपराधों के लिए मुसलमानों को जिम्मेदार नहीं ठहराया.'
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