लोकसभा चुनावों के इस मौसम में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति खूब हो रही है. भाजपा लगातार पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाती रहती है कि ममता बनर्जी एक एंटी हिंदू हैं, जो शरणार्थियों और मुस्लिमों का साथ देती हैं. भले ही भाजपा इन बातों के कोई भी सबूत पेश ना कर सके, लेकिन खुद ममता बनर्जी ने इसके सबूत देश के दे दिए हैं. सबूत के तौर पर सिर्फ कोई बयान या तस्वीर नहीं, बल्कि पूरा वीडियो है, जो अब इंटरनेट की सनसनी बन गया है.
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि ममता बनर्जी कुछ लोगों पर गुस्सा हो रही हैं, जो 'जय श्री राम' के नारे लगा रहे थे. अब सवाल ये है कि आखिर वह 'जय श्री राम' के नाम पर गुस्सा हुईं क्यों? क्या भगवान राम के नाम पर नारे लगाना गलत है? नहीं. दरअसल, 'जय श्री राम' के नारे को अब राजनीतिक पार्टी भाजपा से जोड़कर देखा जाने लगा है. ममता बनर्जी भी यही सोचकर नाराज हुईं, लेकिन क्या 'जय श्री राम' के नारे को किसी एक राजनीतिक पार्टी से जोड़कर देखना उचित है?
ममता की नाराजगी को भाजपा की मदद ही समझिए
'जय श्री राम' के नारों से भले ही ममता बनर्जी नाराज हो गई हों और इसे गाली कह दिया हो, लेकिन भाजपा को उनके इस बयान से फायदा हुआ है. जब बात विदेशी लोगों द्वारा पश्चिम बंगाल में घुसकर रहने का भाजपा ने विरोध किया और कहा कि ये लोग देश के लोगों का नुकसान कर रहे हैं, तो ममता बनर्जी ने भाजपा का विरोध किया था. आए दिन भाजपा की ओर से ममता बनर्जी पर धर्म की राजनीति का आरोप लगता रहा है. भाजपा तो ममता बनर्जी को हिंदू विरोधी कहती रही है, जिस खुद ममता ने साबित कर दिया है. आखिर जय श्री राम के नारे का विरोध करना और उसे गाली कहना हिंदुओं का विरोध नहीं तो फिर क्या है? चुनाव के मौके...
लोकसभा चुनावों के इस मौसम में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति खूब हो रही है. भाजपा लगातार पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाती रहती है कि ममता बनर्जी एक एंटी हिंदू हैं, जो शरणार्थियों और मुस्लिमों का साथ देती हैं. भले ही भाजपा इन बातों के कोई भी सबूत पेश ना कर सके, लेकिन खुद ममता बनर्जी ने इसके सबूत देश के दे दिए हैं. सबूत के तौर पर सिर्फ कोई बयान या तस्वीर नहीं, बल्कि पूरा वीडियो है, जो अब इंटरनेट की सनसनी बन गया है.
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि ममता बनर्जी कुछ लोगों पर गुस्सा हो रही हैं, जो 'जय श्री राम' के नारे लगा रहे थे. अब सवाल ये है कि आखिर वह 'जय श्री राम' के नाम पर गुस्सा हुईं क्यों? क्या भगवान राम के नाम पर नारे लगाना गलत है? नहीं. दरअसल, 'जय श्री राम' के नारे को अब राजनीतिक पार्टी भाजपा से जोड़कर देखा जाने लगा है. ममता बनर्जी भी यही सोचकर नाराज हुईं, लेकिन क्या 'जय श्री राम' के नारे को किसी एक राजनीतिक पार्टी से जोड़कर देखना उचित है?
ममता की नाराजगी को भाजपा की मदद ही समझिए
'जय श्री राम' के नारों से भले ही ममता बनर्जी नाराज हो गई हों और इसे गाली कह दिया हो, लेकिन भाजपा को उनके इस बयान से फायदा हुआ है. जब बात विदेशी लोगों द्वारा पश्चिम बंगाल में घुसकर रहने का भाजपा ने विरोध किया और कहा कि ये लोग देश के लोगों का नुकसान कर रहे हैं, तो ममता बनर्जी ने भाजपा का विरोध किया था. आए दिन भाजपा की ओर से ममता बनर्जी पर धर्म की राजनीति का आरोप लगता रहा है. भाजपा तो ममता बनर्जी को हिंदू विरोधी कहती रही है, जिस खुद ममता ने साबित कर दिया है. आखिर जय श्री राम के नारे का विरोध करना और उसे गाली कहना हिंदुओं का विरोध नहीं तो फिर क्या है? चुनाव के मौके पर भाजपा ने भी इसे भुनाने में कोई देर नहीं की और ट्वीट करते हुए लिखा- 'जय श्री राम के नारों पर दीदी गुस्सा क्यों हो गईं और उन्होंने इसे गाली क्यों कहा?'
नारों की आवाज सुनकर रोक दिया काफिला
ममता बनर्जी शनिवार को पश्चिम बंगाल के चंद्रकोण जिले से अपने काफिले से गुजर रही थीं. इसी दौरान रास्ते में कुछ लोग 'जय श्री राम' के नारे लगा रहे थे. ममता ने तुरंत ही गाड़ी रुकवाई और पलक झपके गाड़ी से बाहर निकल आईं. उन्हें देखते ही नारा लगा रहे लोग भाग गए. गाड़ी से बाहर निकल कर उन्होंने पहले तो भाग रहे लोगों को रुकने के लिए कहा. और फिर अपना गुस्सा दिखाते हुए उसे गाली तक कह दिया. उनका मानना है कि उन्हें चिढ़ाने के लिए वो लोग ऐसा बोल रहे थे. अब सवाल ये है कि आखिर भगवान राम का नारा लगाने से कोई चिढ़ कैसे सकता है? ऐसे तो 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' भी भाजपा वाले खूब बोलते हैं, तो क्या अब ऐसे नारे लगाने वालों से भी ममता चिढ़ेंगी? खैर, ऐसा करने की ममता बनर्जी ने उन्हें जो सजा दी है, उस पर आलोचना होना लाजमी है.
3 लोगों को पकड़ा
ममता बनर्जी गाड़ी से उतरीं भी और 'जय श्री राम' के नारे लगाने वालों पर चिल्लाई भीं, लेकिन साथ ही ऐसा करने वालों के खिलाफ एक्शन भी ले लिया. 'जय श्री राम' के नारे लगाने के आरोप में करीब 3 लोगों को हिरासत में भी ले लिया गया. घटना के वक्त वह चंद्रकोण में एक चुनाव कैंपेन के लिए जा रही थीं, इसी दौरान ये सब हुआ.
सवाल ये उठता है कि आखिर 3 लोगों के नारे लगाने से क्या हो जाएगा? दिल्ली में तो अरविंद केजरीवाल को किसी शख्स ने थप्पड़ तक मार दिया. क्या नारे लगाने की घटना उससे बड़ी है? ममता बनर्जी का गुस्सा उनका डर साफ करता है. अगर ऐसा नहीं होता तो वह गाड़ी से उतर लोगों पर इस तरह गुस्सा नहीं करतीं. वैसे दिलचस्प बात ये है कि जहां ये नारे लगे हैं, वह तृणमूल कांग्रेस का गढ़ रहा है. तो इसे क्या समझा जाए? इशारा तो यही मिल रहा है कि राज्य से टीएमसी जाने वाली है और भाजपा आने वाली है. खैर, इसका फैसला 21 मई को होगा कि ममता की सत्ता बचेगी या बंगाल में भी इस बार मोदी लहर बहेगी.
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