मुकुल रॉय वादे के पक्के निकले. मुकुल ने कह रखा था कि कोलकाता रैली में बड़े खुलासे करेंगे. खुलासे तो किये ही लगे हाथ और बड़े खुलासों का वादा भी कर डाला. शर्त ये है कि बड़े खुलासे तब होंगे जब लाखों की भीड़ जुटी हो.
बीजेपी में मुकुल रॉय की ये पहली रैली थी - और पार्टी के राज्य नेतृत्व के लिए भीड़ जुटाने का फरमान आलाकमान से जारी हुआ था. भीड़ तो ठीक ठाक ही रही, लेकिन शायद मुकुल रॉय के मनमुताबिक नहीं रही. संभव है इसी बहाने वो दिलीप घोष पर तंज भी कसना चाह रहे हों, जिन्होंने कुछ ही दिन पहले मुकुल रॉय को भोजन में चटनी की संज्ञा दे डाली थी.
वैसे मुकुल ने जो कुछ भी रैली में बताया उस पर लोगों ने खूब तालियां बजायी और बीच बीच में मुकुल, मोदी और अमित शाह जिंदाबाद के नारे भी लगते रहे.
ममता पर हमला
मुकुल रॉय ने शारदा चिट फंड केस में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधे सीधे घसीट लिया है. बीती घटनाओं का जिक्र करते हुए मुकुल ने इल्जाम लगाया कि ममता बनर्जी और सुदीप्त सेन के बीच कई मुलाकातें हुई थीं. सुदीप्त सेन शारदा चिट फंड कंपनी के सीएमडी थे.
मुकुल ने उस मीटिंग का भी जिक्र किया जिसके बारे में 2014 में ममता और सुदीप्त सेन की मुलाकात के दावे किये गये थे. शारदा चिटफंड स्कैम सामने आने के बाद टीएमसी के कई नेता फंसे और कुछ को जेल भी जाना पड़ा. आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, "30 जनवरी 2015 को CBI ने शारदा घोटाले में मुकुल रॉय पर लगे आरोपों के संबंध में पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया था. माना जाता है कि इसी दौरान उस वक्त गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने पार्टी और ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के कई राज खोल दिए थे. इसके बाद से ही ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी में दरकिनार करना...
मुकुल रॉय वादे के पक्के निकले. मुकुल ने कह रखा था कि कोलकाता रैली में बड़े खुलासे करेंगे. खुलासे तो किये ही लगे हाथ और बड़े खुलासों का वादा भी कर डाला. शर्त ये है कि बड़े खुलासे तब होंगे जब लाखों की भीड़ जुटी हो.
बीजेपी में मुकुल रॉय की ये पहली रैली थी - और पार्टी के राज्य नेतृत्व के लिए भीड़ जुटाने का फरमान आलाकमान से जारी हुआ था. भीड़ तो ठीक ठाक ही रही, लेकिन शायद मुकुल रॉय के मनमुताबिक नहीं रही. संभव है इसी बहाने वो दिलीप घोष पर तंज भी कसना चाह रहे हों, जिन्होंने कुछ ही दिन पहले मुकुल रॉय को भोजन में चटनी की संज्ञा दे डाली थी.
वैसे मुकुल ने जो कुछ भी रैली में बताया उस पर लोगों ने खूब तालियां बजायी और बीच बीच में मुकुल, मोदी और अमित शाह जिंदाबाद के नारे भी लगते रहे.
ममता पर हमला
मुकुल रॉय ने शारदा चिट फंड केस में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सीधे सीधे घसीट लिया है. बीती घटनाओं का जिक्र करते हुए मुकुल ने इल्जाम लगाया कि ममता बनर्जी और सुदीप्त सेन के बीच कई मुलाकातें हुई थीं. सुदीप्त सेन शारदा चिट फंड कंपनी के सीएमडी थे.
मुकुल ने उस मीटिंग का भी जिक्र किया जिसके बारे में 2014 में ममता और सुदीप्त सेन की मुलाकात के दावे किये गये थे. शारदा चिटफंड स्कैम सामने आने के बाद टीएमसी के कई नेता फंसे और कुछ को जेल भी जाना पड़ा. आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, "30 जनवरी 2015 को CBI ने शारदा घोटाले में मुकुल रॉय पर लगे आरोपों के संबंध में पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया था. माना जाता है कि इसी दौरान उस वक्त गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने पार्टी और ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के कई राज खोल दिए थे. इसके बाद से ही ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी में दरकिनार करना शुरू कर दिया था."
ममता के साथ साथ मुकुल ने उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी को भी कठघरे में खड़ा किया और आरोपों की बौछार की. मुकुल ने फुटबॉल वर्ल्ड कप के समापन समारोह में ममता बनर्जी की तस्वीर और विश्व बंगला के लोगो वाले होर्डिंग को लेकर सवाल खड़े किये. मुकुल रॉय ने पूछा - आखिर विश्व बंगला है क्या?
मुकुल का कहना रहा, "ये सरकारी संपत्ति नहीं है. ये निजी संपत्ति है, जिसके मालिक कोई और नहीं, बल्कि अभिषेक बनर्जी ही हैं."
मुकुल ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की प्रचार सामग्री का कॉन्ट्रैक्ट भी अभिषेक बनर्जी को ही दिया गया. मुकुल ने समझाया कि किस तरह ममता के साये में अभिषेक ने पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बना दिया है.
मुकुल पर मुकदमा
इस बीच मुकुल रॉय के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. ये मुकदमा एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया है जिसने पूर्व सीपीएम नेता ऋतब्रत बनर्जी पर शादी का झांसा देकर रेप करने का केस कर रखा है. महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि मुकुल रॉय के एक सहयोगी ने उस पर मुकदमा वापस लेने का दबाव डाला है.
मुकुल रॉय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें नहीं पता कि वो महिला कौन है और उनकी तो कभी उससे बात भी नहीं हुई. मुकुल रॉय ने आरोप लगाया कि बंगाल में पुलिस का राज चल रहा है और कुछ लोगों को डर है कि ज्यादा सक्रिय होने पर वो उनका काफी नुकसान कर सकते हैं.
मुकुल ने पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु का नाम लेते हुए कहा कि बसु जब बाहर जाते थे तो उनके साथ कुछ लोग होते थे, लेकिन इंवेस्टर लाने के नाम पर ममता बनर्जी के साथ उनकी भारी भरकम टीम जाती है - और हासिल कुछ नहीं होता. फिर बोले, "अरे इंवेस्टर कोई बीजेपी कार्यकर्ता थोड़े हैं कि पुलिस उठा लाएगी और सामने पेश कर देगी."
शारदा और नारदा मामले अरसे से ममता बनर्जी के लिए मुसीबत बने हुए हैं. नारदा स्टिंग तो विधानसभा चुनाव के ऐन पहले आये थे लेकिन ममता अपने दम पर चुनाव जीत गयीं. ये बात तब की है जब मुकुल रॉय भी साथ थे. अब ममता न सिर्फ अकेले हैं, बल्कि मुकुल उनके खिलाफ आक्रामक भी हैं और हमलावर भी. ममता बनर्जी जुझारू नेता हैं और मुश्किल का डट कर सामना करती आयी हैं, लेकिन इस बार दांव उल्टा पड़ गया है. ममता का खास राजदार सियासी दुश्मन के पाले में जा मिला है - फिलहाल सबसे बड़ा पेंच यही है.
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