पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस समय 'संविधान बचाओ' का नारा देते हुए धरने पर बैठी हुई हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वो ममता के लिए किसी झटके से कम नहीं है. कोलकाता के जिस पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के बचाव में ममता बनर्जी मैदान में उतरी हैं और मोदी सरकार पर एक के बाद एक हमले बोल रही हैं, उसी राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है. हालांकि, इस बात से राहत जरूर दी है कि राजीव कुमार की गिरफ्तारी नहीं होगी, जिसे ममता बनर्जी अपनी जीत कह रही हैं.
रविवार को सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंची थी, लेकिन वहां उल्टा सीबीआई को ही हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद से ही एक ओर ममता बनर्जी धरनी पर बैठ गई हैं तो दूसरी ओर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आपको बता दें कि सीबीआई 'शारदा चिट फंड घोटाले' में जांच के तहत कोलकाता पहुंची थी. उसके बाद से ही ममता बनर्जी बार-बार मोदी सरकार पर हमला करते हुए कह रही हैं कि मोदी सरकार सविंधान की धज्जियां उड़ा रही है, लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश कर रही है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी, लेकिन आज हुई सुनवाई ने सीबीआई को खुश कर दिया है, वहीं दूसरी ओर ममता बनर्जी अंदर ही अंदर दुखी जरूर होंगी.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर?
जब सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने अपनी दलीलें रखीं तो मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि राजीव कुमार को पूछताछ में क्या दिक्कत है? वह सीबीआई के सामने पेश क्यों नहीं होना चाहते हैं? ये भी पूछा कि आखिर पश्चिम बंगाल सरकार को जांच से क्या दिक्कत है? इन सवालों के साथ ही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के...
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस समय 'संविधान बचाओ' का नारा देते हुए धरने पर बैठी हुई हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, वो ममता के लिए किसी झटके से कम नहीं है. कोलकाता के जिस पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के बचाव में ममता बनर्जी मैदान में उतरी हैं और मोदी सरकार पर एक के बाद एक हमले बोल रही हैं, उसी राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है. हालांकि, इस बात से राहत जरूर दी है कि राजीव कुमार की गिरफ्तारी नहीं होगी, जिसे ममता बनर्जी अपनी जीत कह रही हैं.
रविवार को सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंची थी, लेकिन वहां उल्टा सीबीआई को ही हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद से ही एक ओर ममता बनर्जी धरनी पर बैठ गई हैं तो दूसरी ओर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. आपको बता दें कि सीबीआई 'शारदा चिट फंड घोटाले' में जांच के तहत कोलकाता पहुंची थी. उसके बाद से ही ममता बनर्जी बार-बार मोदी सरकार पर हमला करते हुए कह रही हैं कि मोदी सरकार सविंधान की धज्जियां उड़ा रही है, लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश कर रही है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी, लेकिन आज हुई सुनवाई ने सीबीआई को खुश कर दिया है, वहीं दूसरी ओर ममता बनर्जी अंदर ही अंदर दुखी जरूर होंगी.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर?
जब सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने अपनी दलीलें रखीं तो मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि राजीव कुमार को पूछताछ में क्या दिक्कत है? वह सीबीआई के सामने पेश क्यों नहीं होना चाहते हैं? ये भी पूछा कि आखिर पश्चिम बंगाल सरकार को जांच से क्या दिक्कत है? इन सवालों के साथ ही मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई के सामने पेश होने के आदेश दिए हैं. मामले को न्यूट्रल रखने के लिए सीबीआई के समक्ष ये पेशी मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में होगी.
ये हैं आरोप-प्रत्यारोप
सुप्रीम कोर्ट में बहस के दौरान सीबीआई की तरफ से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि राजीव कुमार की अध्यक्षता में बनी एसआईटी सबूतों से छेड़छाड़ कर रही है. आरोप लगाया गया कि उन्होंने सीबीआई को गलत कॉल डिटेल्स दीं. यह भी कहा कि बंगाल में संवैधानिक संस्थाएं चरमरा गई हैं, एसआईटी डेटा और लैपटॉप तक सुरक्षित नहीं रख सकी. हालांकि, राजीव कुमार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर को परेशान करना चाहती है. उन्होंने कहा कि सीबीआई अफसरों को परेशान कर रही है.
ममता बनर्जी ने मारी पलटी
जब सीबीआई की टीम पुलिस कमिश्नर के घर पहुंची तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं. उनका कहना था कि एक सम्मानित पद पर विराजमान व्यक्ति के घर इस तरह से सीबीआई पहुंची है, जबकि उनके पास कोई सर्च वारंट तक नहीं है. उन्होंने ये भी कहा कि उनके कई सांसदों को गिरफ्तार किया गया और वह चुप रहीं, लेकिन अब चुप नहीं बैठेंगी. अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ममता बनर्जी ने कहा है कि ये हमारी जीत है.
तब ममता बनर्जी पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को बचाने में लगी हुई थीं और अब जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दे दिया है तो ममता खुद को बचाते हुए इसे अपनी जीत मान रही हैं. कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं करेगी. यहां आपको बता दें कि रविवार शाम भी सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार करने नहीं, बल्कि पूछताछ के लिए गई थी, क्योंकि सीबीआई के कई समन के बावजूद वह न तो सबूत सीबीआई को दे रहे थे ना ही खुद पेश हो रहे थे. यानी ये कहना गलत नहीं होगा कि ममता बनर्जी ने तिल का ताड़ बना दिया.
भाजपा की प्रतिक्रिया भी जान लीजिए
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कहते हैं कि डीजी, एडीजी और कमिश्नर जैसे पुलिस अधिकारियों का सादे कपड़ों में धरने पर बैठ जाना दिखाता है कि राज्य में संवैधानिक ढांचा ढह रहा है. उन्होंने कहा कि यह सब एक राजदार को बचाने के लिए हो रहा है, जो शारदा चिट फंड घोटाले के बारे में सब कुछ जानता है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि ममता बनर्जी भाजपा से घबराई हुई हैं, इसीलिए वह बार-बार केंद्र पर तरह-तरह के आरोप लगा रही हैं. वह लोकतंत्र और संस्थाओं पर हमला कर रही हैं. इसके अलावा उन्होंने ममता बनर्जी पर सवाल दागते हुए पूछा कि आखिर क्यों ममता इस मामले की जांच नहीं होने देना चाहती हैं? वह क्यों पुलिस कमिश्नर को बचा रही हैं? जिस मामले में लाखों गरीब जनता के रुपए लूटे गए, वो पैसा कहां गया इसकी जांच में सहयोग होना चाहिए. बजाय इस के कमिश्नर तक ममता बनर्जी के साथ धरने पर बैठ गए हैं, जो गलत है.
बिना सर्च वारंट के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पहुंची सीबीआई ने ममता बनर्जी को मोदी सरकार पर हमला करने का एक बहाना दे दिया. ममता ने भी लोकसभा चुनावों से पहले उसे भुनाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. एक ओर तो उन्होंने धरने पर बैठकर पश्चिम बंगाल पुलिस की सहानुभूति पा ली, जिसकी निगरानी में लोकसभा चुनाव होंगे और दूसरी ओर मोदी सरकार पर करारा हमला बोलते हुए अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की. मामला सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद भी कुछ बदला नहीं, राजीव कुमार से तब भी पूछताछ होनी थी और सुप्रीम कोर्ट ने अब यही फैसला भी सुनाया है. इस मामले में सीबीआई को गलत नहीं कहा गया, लेकिन इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब देश की सर्वोच्च जांच संस्था को एक राज्य की पुलिस ने कई घंटों तक हिरासत में रखा. इन सब से ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में अपनी ताकत भी दिखाई और अपनी राजनीति भी खूब चमकाई.
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