जम्मू कश्मीर से लेकर आतंकवाद और हाफिज सईद से लेकर अपनी अर्थव्यवस्था तक, तमाम अहम मोर्चों पर लगातार भारत के हाथों पराजित / अपमानित होता पाकिस्तान एक बार फिर चर्चा में हैं. कारण हैं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और करतारपुर कॉरिडोर. करतारपुर कॉरिडोर के मद्देनजर, शाह महमूद कुरैशी ने पुनः अपनी कमअक्ली का परिचय देते हुए पीएम मोदी और भारत को चिढ़ाने का काम किया है. कुरैशी ने कहा था कि वो भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन पर बुलाएंगे. पाकिस्तान की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही क्यों चुना गया ? इसपर कुरैशी के अपने तर्क हैं. कुरैशी ने कहा है कि, मनमोहन सिंह सिख समुदाय का भी प्रतिनिधित्व करते हैं.
पाकिस्तान के इस बेतुके न्योते के बाद खबर आई है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह करतारपुर कॉरिडोर के उद्धाटन समारोह में शामिल होने के पाकिस्तान के न्योते को स्वीकार नहीं करेंगे. ANI ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से बताया है कि मनमोहन सिंह को पाकिस्तान का न्योता स्वीकार नहीं है.
ध्यान रहे कि करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर को खोला जाना है. शाह महमूद कुरैशी ने एक टीवी चैनल को बताया, 'करतारपुर गलियारे का उद्घाटन एक बड़ा कार्यक्रम है और पाकिस्तान इसकी जोर-शोर से तैयारी कर रहा है. हमने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसमें बुलाने का निर्णय किया है. हम जल्दी ही इस बारे में उन्हें एक औपचारिक पत्र भेजेंगे.' उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सिख समुदाय का...
जम्मू कश्मीर से लेकर आतंकवाद और हाफिज सईद से लेकर अपनी अर्थव्यवस्था तक, तमाम अहम मोर्चों पर लगातार भारत के हाथों पराजित / अपमानित होता पाकिस्तान एक बार फिर चर्चा में हैं. कारण हैं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और करतारपुर कॉरिडोर. करतारपुर कॉरिडोर के मद्देनजर, शाह महमूद कुरैशी ने पुनः अपनी कमअक्ली का परिचय देते हुए पीएम मोदी और भारत को चिढ़ाने का काम किया है. कुरैशी ने कहा था कि वो भारत के पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन पर बुलाएंगे. पाकिस्तान की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ही क्यों चुना गया ? इसपर कुरैशी के अपने तर्क हैं. कुरैशी ने कहा है कि, मनमोहन सिंह सिख समुदाय का भी प्रतिनिधित्व करते हैं.
पाकिस्तान के इस बेतुके न्योते के बाद खबर आई है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह करतारपुर कॉरिडोर के उद्धाटन समारोह में शामिल होने के पाकिस्तान के न्योते को स्वीकार नहीं करेंगे. ANI ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से बताया है कि मनमोहन सिंह को पाकिस्तान का न्योता स्वीकार नहीं है.
ध्यान रहे कि करतारपुर कॉरिडोर 9 नवंबर को खोला जाना है. शाह महमूद कुरैशी ने एक टीवी चैनल को बताया, 'करतारपुर गलियारे का उद्घाटन एक बड़ा कार्यक्रम है और पाकिस्तान इसकी जोर-शोर से तैयारी कर रहा है. हमने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसमें बुलाने का निर्णय किया है. हम जल्दी ही इस बारे में उन्हें एक औपचारिक पत्र भेजेंगे.' उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं. कुरैशी ने बताया, 'सिख श्रद्धालुओं का स्वागत करके हमें प्रसन्नता होगी, जो गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व पर करतारपुर आने वाले हैं.'
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन द्वारा इस न्योते को अस्वीकार करने के बाद कुछ बातें खुद न खुद साफ़ हो गई हैं. कह सकते हैं कि इस न्योते को खारिज करके कांग्रेस और मनमोहन सिंह ने साफ़ तौर पर पाकिस्तान के मुंह पर तमाचा जड़ा है. कांग्रेस ने पाकिस्तान को इस तरह खारिज करते हुए, एक साफ़ संदेश दिया है. यानी जब बात देश की होगी तो कांग्रेस ने भी पाकिस्तान को संदेश दे दिया है कि वो देश और प्रधानमंत्री के साथ है.
गौरतलब है कि अभी बीते दिनों ही NGA में पीएम मोदी ने बिना नाम लिए ही पाकिस्तान और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को जम कर धोया था. जिसके बाद पाकिस्तान बौखला गया था और दुनिया भर में उसकी जबरदस्त बेइज्जती हुई थी. करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के नामपर जो हरकत पाकिस्तान ने की है उसे देखकर इस बात को कहने में बिलकुल भी गुरेज नहीं है कि शाह महमूद कुरैशी और पाकिस्तान ने एक बार फिर अपने भौंडेपन से दुनिया को वाकिफ करा दिया है.
आपको बताते चलें कि करतारपुर कॉरिडोर सिख समुदाय का एक अहम तीर्थ है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि सिखों के धर्मगुरु गुरुनानक ने अपनी जिंदगी के 17 साल 7 महीने 9 दिन यहां गुजारे थे. माना जाता है कि बाद में गुरुनानक देव यहीं बस गए थे और उनके माता पिता तक का देहांत भी यहीं हुआ था. दिलचस्प बात ये है कि अब तक भारतीय श्रद्धालु, बॉर्डर की तरफ से केवल दूरबीन के जरिये ही इस तीर्थ का दर्शन कर पाते थे.
बात साफ़ है. मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं. यदि करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के लिए पाकिस्तान न्योता भेजने के बारे में सोच रहा था तो सही मायनों में उसे ये न्योता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजना चाहिए था. पीएम मोदी की जगह जिस तरह उसने डॉक्टर मनमोहन सिंह का चयन किया स्पष्ट है कि उसने अंग्रेजों की वो नीति अपनाई जिसमें बांटकर राज करने की नीति का जिक्र है. मामले में एक अच्छी बात ये रही कि कांग्रेस को पाकिस्तान की बदनीयती का अंदाजा हो गया और घोषणा हो गई कि अगर न्योता आ भी गया तो पूर्व प्रधानमंत्री इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराएंगे.
बहरहाल, NGA में पीएम मोदी के बाद अब जबकि करतारपुर कॉरिडोर कांग्रेस और मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान की बेइज्जती कर दी है. देखना दिलचस्प रहेगा कि इसके बाद पाकिस्तान की हरकतों में सुधार होता है या नहीं. बाकी बात शाह महमूद कुरैशी और इमरान खान की चली है तो बता दें कि यदि आज दोनों ही देशों के संबंध ख़राब हुए हैं तो इसके जिम्मेदार पाकिस्तान के ये दोनों नेता और इनकी ऐसी छोटी हरकतें हैं.
ये भी पढ़ें -
इमरान खान पर कार्टून बनाना पाकिस्तान में 'ईशनिन्दा' के समान!
कश्मीर को लेकर N की जंग के बाद आगे क्या...
इमरान खान का 'इस्लाम' कार्ड मुस्लिम मुल्कों से पनाह पाने के लिए ही है
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.