राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा का क्या मतलब है? क्या वो जनता जो उनसे उदास हो चली है उसे दिखाना चाहती हैं के मैंने अभी तक तुम लोगों के लिए क्या-क्या नहीं किया है? या ये उनकी अंतिम कोशिश है कि किसी तरह जनता जो उनसे विमुख हो रही है उससे जुड़ा जाए? वसुंधरा राजे की विभिन्न चरणों में चलने वाली ये गौरव यात्रा 4 अगस्त को शुरू हुई थी और इसका समापन जो 30 सितम्बर को होना था, उसके आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. अभी यात्रा अजमेर डिवीज़न में है.
अगर हम वसुंधरा राजे की पिछली राजस्थान यात्राओं को देखें तो इस यात्रा पर संदेह करना वाजिब ही है. वसुंधरा राजे ने इससे पहले राजस्थान में इसी तरह की दो यात्राएं की हैं - 2003 में और 2013 में - और दोनों बार वो विपक्ष में थीं और दोनों ही बार उनकी यात्राएं सफल भी रही थीं. और इस बार वो सत्ता पक्ष में हैं.
2003 में उन्होंने राजस्थान परिवर्तन यात्रा की थी और भाजपा 200 में से 120 सीटें जीतने में सफल रही थी. 2013 में भी अपनी राजस्थान यात्रा के बाद दो तिहाई के भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की थी.
2008 में उन्हें कांग्रेस ने हराया क्योंकि जनता को उनका काम पसंद नहीं आया होगा. उस समय वसुंधरा राजे ने कोई यात्रा नहीं की थी. 2013 में कांग्रेस को हराकर वो सत्ता में वापस आईं. अब फिर चुनाव का समय है. और हर कोई यही कह रहा है कि वसुंधरा के चुनाव हारने के आसार हैं. उनके खिलाफ विरोधी लहर है. 100 से ज्यादा किसान बीजेपी राज में ख़ुदकुशी कर चुके हैं. गुज्जर लोग फिर से अपने 5% आरक्षण की मांग के लिए आंदोलन शुरू करने के लिए कह रहे हैं.