पिछले साल दिसम्बर में जयललिता के निधन के बाद से वहां की सियासत में लगातार कुछ न कुछ घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दक्षिण भारत के सुपरस्टार कमल हसन के मिलने की घटना ने इसमें एक और कड़ी जोड़ दी है. इससे पहले दोनों की मुलाकात सितंबर 2015 में दिल्ली सचिवालय में फिल्म उद्योग को मदद के सिलसिले में हुई थी.
वैसे तो दक्षिण भारत में फिल्मी सितारों के राजनीति में आने की परंपरा कोई नयी नहीं है. जैसे एमजीआर, एन टी रामा राव और जयललिता जैसे कई फिल्मी सितारे राजनीति में अपना परचम लहरा चुके हैं. ऐसे में सवाल ये कि क्या कमल हसन भी इन्ही नक्शे कदम पर चल रहे हैं? पहले भी हसन कई मौकों पर राजनीति में पदार्पण के संकेत दे चुके हैं. लेकिन इस बार केजरीवाल के साथ मुलाकात कर अपनी मंशा पर लगभग मुहर लगा दिया है. इसी महीने कमल हसन ने कहा था 'भगवा मेरा रंग नहीं है'. यानि भाजपा ज्वाइन नहीं करेंगे. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से मुलाकात. तो क्या उन्होंने नई संभावना को गले लगा लिया है? हालांकि तमिलनाडु में ना तो आम आदमी पार्टी का कोई ढांचा और जनाधार है और ना ही कमल हसन का.
तमिलनाडु की राजनीति में वैक्यूम
तमिलनाडु की राजनीति में कुछ सालों से द्रविड़ दलों का प्रभुत्व है. DMK और AIADMK यहां के प्रमुख राजनीतिक दल हैं. INC तीसरा प्रमुख दल है और अन्य छोटे दल भी यहां की राजनीति का हिस्सा हैं. तमिलनाडु की राजनीति बहुत जटिल हो गई है. राज्य में सत्तारूढ़ AIADMK संकट से जूझ रही है. दिनाकरण समर्थक 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. मुख्य विपक्षी दल DMK के पास भी सत्ता संघर्ष के लिए जरूरी कारकों व ताकत का...
पिछले साल दिसम्बर में जयललिता के निधन के बाद से वहां की सियासत में लगातार कुछ न कुछ घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दक्षिण भारत के सुपरस्टार कमल हसन के मिलने की घटना ने इसमें एक और कड़ी जोड़ दी है. इससे पहले दोनों की मुलाकात सितंबर 2015 में दिल्ली सचिवालय में फिल्म उद्योग को मदद के सिलसिले में हुई थी.
वैसे तो दक्षिण भारत में फिल्मी सितारों के राजनीति में आने की परंपरा कोई नयी नहीं है. जैसे एमजीआर, एन टी रामा राव और जयललिता जैसे कई फिल्मी सितारे राजनीति में अपना परचम लहरा चुके हैं. ऐसे में सवाल ये कि क्या कमल हसन भी इन्ही नक्शे कदम पर चल रहे हैं? पहले भी हसन कई मौकों पर राजनीति में पदार्पण के संकेत दे चुके हैं. लेकिन इस बार केजरीवाल के साथ मुलाकात कर अपनी मंशा पर लगभग मुहर लगा दिया है. इसी महीने कमल हसन ने कहा था 'भगवा मेरा रंग नहीं है'. यानि भाजपा ज्वाइन नहीं करेंगे. इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल से मुलाकात. तो क्या उन्होंने नई संभावना को गले लगा लिया है? हालांकि तमिलनाडु में ना तो आम आदमी पार्टी का कोई ढांचा और जनाधार है और ना ही कमल हसन का.
तमिलनाडु की राजनीति में वैक्यूम
तमिलनाडु की राजनीति में कुछ सालों से द्रविड़ दलों का प्रभुत्व है. DMK और AIADMK यहां के प्रमुख राजनीतिक दल हैं. INC तीसरा प्रमुख दल है और अन्य छोटे दल भी यहां की राजनीति का हिस्सा हैं. तमिलनाडु की राजनीति बहुत जटिल हो गई है. राज्य में सत्तारूढ़ AIADMK संकट से जूझ रही है. दिनाकरण समर्थक 18 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया है. मुख्य विपक्षी दल DMK के पास भी सत्ता संघर्ष के लिए जरूरी कारकों व ताकत का अभाव है और इस बीच भाजपा भी यहां अपना आधार बनाने की कोशिशें कर रही हैं. इन्हीं राजनीतिक हलचलों के बीच कमल हसन, अरविन्द केजरीवाल के साथ मिलकर मौके का फायदा उठाने के कोशिश में हैं.
केजरीवाल का गिरता ग्राफ
पहले पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त. उसके बाद राजौरी गार्डन विधानसभा उप-चुनाव में हार. फिर एमसीडी चुनाव में परास्त के बाद केजरीवाल दिल्ली से बाहर अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में हैं.
तमिल फिल्म सुपरस्टार रजनीकांत भी शुरू करेंगे राजनीतिक सफर !
रजनीकांत ने संकेत दिया था कि वो अपनी राजनीतिक पार्टी लॉन्च कर सकते हैं. उनकी पार्टी भाजपा के साथ मिलकर 2019 का लोक सभा चुनाव लड़ सकती है. पिछले लोकसभा चुनावों के ऐन पहले प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने रजनीकांत से मुलाकात भी की थी. लेकिन शुरुआती चर्चाओं के बाद रजनीकांत की तरफ से कुछ ज्यादा सुनने को नहीं मिला था. ऐसा प्रतीत होता है जैसे रजनीकांत केवल लोकप्रियता के दम पर चुनावी रण में हिस्सा लेना नहीं चाहते. इसलिए वो ठोस रणनीति के साथ ही राजनीति में उतरना चाहते हैं.
भाजपा भी पैर जमाने की कोशिश में
भाजपा जयललिता के निधन के बाद से लगातार तमिलनाडु में आधार पाने के लिए प्रयासरत है. जयललिता के निधन के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सक्रियता भी बढ़ गयी थी. भाजपा ने तब पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम का खुला समर्थन किया था. बीजेपी ने AIADMK के दोनों धड़ों के बीच समझौता कराने में भी अहम किरदार निभाया था. आनेवाले समय में भाजपा AIADMK के साथ 2019 का लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ सकती है. इससे पहले भाजपा, अभिनेता विजयकांत के साथ चुनावी गठजोड़ कर चुकी है. हालांकि ये अलग बात है कि इस गठजोड़ से कुछ खास परिणाम सामने नहीं आए.
हालांकि अभी ये तय नहीं हो पाया है कि कमल हसन आप पार्टी ज्वाइन करेंगे या फिर दोनों मिलकर बाकी पार्टियों से मुक़ाबला करेंगे. लेकिन इतना तो लगभग साफ़ है कि ये दोनों सियासी ज़मीन की तलाश में हैं. और तमिलनाडु में क्या ये विकल्प पेश कर पाएगी आनेवाला समय ही बता पायेगा.
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