भारतीय राजनीति में सबका साथ सबका विकास का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल रहे हैं. पार्टी की मजबूती की बात करें, तो नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने में अद्भुत परिश्रम किया है. पूरे देश में सभी स्तर के चुनावों का संचालन करने में नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मोदी जी ने भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुषों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पार्टी का विस्तार किया तथा इसका जनाधार बढ़ाया. भारतीय जनता पार्टी आज देश में प्रथम स्थान की पार्टी है. साथ ही यह विश्व में सबसे अधिक सदस्यता वाली राजनीतिक पार्टी के रूप में जानी जाती है. मोदी सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में गौरवशाली भारत से आधुनिक भारत तक की यात्रा को मजबूती प्रदान की है.
चरैवेति चरैवेति भाजपा का यात्रा मंत्र
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1984 में भाजपा के लोकसभा में केवल दो ही सदस्य थे. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों पर विजय प्राप्त की थी. इस चुनाव की विशेषता यह थी कि तीन दशक के पश्चात किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ था. इसके पश्चात वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों पर विजय प्राप्त की, जो किसी पार्टी द्वारा जीती गईं सर्वाधिक सीटें थीं. नरेंद्र मोदी जब प्रथम बार प्रधानमंत्री बने थे, तब देश के केवल सात राज्यों में भाजपा की सरकार थी. गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं गोवा में भाजपा के मुख्यमंत्री थे, जबकि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल एवं आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ भाजपा सत्ता में भागीदार थी.
वर्ष 2018 में भाजपा अपने शीर्ष पर थी. उस समय 21 राज्यों में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां सत्ता में थीं. इससे यह बात सिद्ध होती है कि मोदी जी के विराट एवं प्रभावशाली...
भारतीय राजनीति में सबका साथ सबका विकास का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल रहे हैं. पार्टी की मजबूती की बात करें, तो नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने में अद्भुत परिश्रम किया है. पूरे देश में सभी स्तर के चुनावों का संचालन करने में नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मोदी जी ने भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुषों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पार्टी का विस्तार किया तथा इसका जनाधार बढ़ाया. भारतीय जनता पार्टी आज देश में प्रथम स्थान की पार्टी है. साथ ही यह विश्व में सबसे अधिक सदस्यता वाली राजनीतिक पार्टी के रूप में जानी जाती है. मोदी सरकार ने अपने 9 साल के कार्यकाल में गौरवशाली भारत से आधुनिक भारत तक की यात्रा को मजबूती प्रदान की है.
चरैवेति चरैवेति भाजपा का यात्रा मंत्र
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1984 में भाजपा के लोकसभा में केवल दो ही सदस्य थे. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 282 सीटों पर विजय प्राप्त की थी. इस चुनाव की विशेषता यह थी कि तीन दशक के पश्चात किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ था. इसके पश्चात वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 303 सीटों पर विजय प्राप्त की, जो किसी पार्टी द्वारा जीती गईं सर्वाधिक सीटें थीं. नरेंद्र मोदी जब प्रथम बार प्रधानमंत्री बने थे, तब देश के केवल सात राज्यों में भाजपा की सरकार थी. गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं गोवा में भाजपा के मुख्यमंत्री थे, जबकि पंजाब में शिरोमणि अकाली दल एवं आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ भाजपा सत्ता में भागीदार थी.
वर्ष 2018 में भाजपा अपने शीर्ष पर थी. उस समय 21 राज्यों में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां सत्ता में थीं. इससे यह बात सिद्ध होती है कि मोदी जी के विराट एवं प्रभावशाली व्यक्तित्व एवं कुशलता के कारण ही आज भाजपा सत्ता के केंद्र में बनी हुई है. वास्तव में राज्यों में भाजपा को सत्ता में लाने में भी मोदी जी ने अथक परिश्रम किया है. यह बात भी उल्लेख करने के योग्य है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात से देश में विपक्ष नाम की वस्तु भी प्राय: लुप्त हो गई.
देश में सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस भी सिकुड़ती गई. देश ही नहीं, अपितु उन सभी राज्यों की यही स्थिति है जहां भाजपा सत्ता में है. कोई भी पार्टी भाजपा के समक्ष खड़ा होने में सक्षम प्रतीत नहीं हो रही है. मोदी जी के सुशासन एवं कौशल्य के समक्ष सभी पार्टियां धराशायी हुई पड़ी हैं. विपक्ष के पास ऐसा कोई मुद्दा नहीं है, जिससे वह सत्ताधारी पार्टी को घेर सके. वामपंथी पार्टियां भी लुप्त सी हो चुकी हैं.
ऐतिहासिक निर्णय लेने वाले प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी देश के ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने बिना किसी भय के ऐतिहासिक निर्णय लेकर सबको चकित कर दिया. यह उनके निर्भीक व्यक्तित्व का ही प्रमाण है कि उनकी सरकार ने अनुच्छेद-370 और अनुच्छेद-35A को निरस्त कर दिया. इसके कारण जम्मू और कश्मीर का देश के शेष भागों के साथ पूर्ण एकीकरण हो गया. लगभग 70 वर्षों तक इस अस्थायी अनुच्छेद ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके मूलभूत अधिकारों से वंचित कर दिया था. ये दोनों अनुच्छेद क्षेत्र के विकास में बड़ी बाधा थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि अनुच्छेद-370 ने जम्मू-कश्मीर को दशकों तक केवल आतंकवाद, अलगाववाद, भ्रष्टाचार और परिवारवाद दिया. यह अनुच्छेद हटने के पश्चात पूर्ण विश्वास है कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ेंगे.
मोदी की राम मंदिर निर्माण में भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर राम मंदिर का शिलान्यास किया था. राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन के पश्चात यह प्रथम अवसर था, जब मोदी जी अयोध्या आए थे. उन्होंने राम मंदिर के निर्माण कार्यों में विशेष रुचि ली तथा कार्यों का निरीक्षण भी किया. वह कार्य की प्रगति की समय-समय पर जानकारी लेते रहे. उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने लालकृष्ण आडवाणी द्वारा प्रारम्भ की गई रथयात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंरने गुजरात में रथ यात्रा का नेतृत्व किया था. उन्होंने राम जन्मभूमि आन्दोलन के समय गांव-गांव घूमकर आन्दोलन के लिए समर्थन जुटाया था. उन्होंने हस्ताक्षर अभियान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उनके प्रयासों के कारण ही अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो सका.
धर्म-संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व की ऐतिहासिक धरोहरों के सौन्दर्यीकरण का संकलप लिया है. इस कड़ी में उन्होंने भगवान शंकर की नगरी काशी को भव्यता प्रदान करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि काशी के बाबा विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं का स्वागत इस प्रकार हो कि वे बार-बार यहां आने के लिए उत्साहित हों तथा वे अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करें.
उन्होंने काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की नींव रखकर इसका कार्य प्रारंभ करवाया. वे देशभर के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्त्व वाले स्थलों का जीर्णोद्धार करवा रहे हैं तथा इसके साथ ही धार्मिक स्थलों के विकास एवं सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान दे रहे है. केदारनाथ का पुनर्निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रहा है. बद्रीनाथ में भी नए मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्य चल रहा है. ये धार्मिक स्थल हमारे देश की गौरवशाली संस्कृति के प्रतीक हैं. ये भविष्य में हमारी संस्कृति को जीवित रखने का माध्यम हैं, ये संस्कृति के संवाहक भी हैं.
जनकल्याण के कार्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अंतिम व्यक्ति तक के जीवन को सुखी एवं समृद्ध देखने के अभिलाषी हैं. इसके लिए वे निरंतर प्रयासरत हैं. उनके शासन में देश ने प्राय: सभी क्षेत्रों में उन्नति की है. कृषि, उद्योग, रोजगार, आवास, परिवहन, विद्युत, पेयजल, शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, सुरक्षा व्यवस्था, धर्म, संस्कृति एवं पर्यावरण आदि क्षेत्रों में मोदी सरकार ने सराहनीय एवं प्रशंसनीय कार्य किए हैं. छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है. वृद्धजन, विधवा एवं दिव्यांगजन को पेंशन के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है.
सरकार द्वारा अनाथ बच्चों के भरण-पोषण की भी व्यवस्था की गई है. जिन परिवारों में कोई कमाने वाला व्यक्ति नहीं है, सरकार उन्हें भी वित्तीय सहायता उपलब्ध करवा रही है. निर्धन परिवार की लड़कियों एवं दिव्यांगजन के विवाह लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है. निराश्रित गौवंश के संरक्षण पर भी सरकार विशेष ध्यान दे रही है. सरकार प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में भी कार्य कर रही है, ताकि लोगों को स्वच्छ वातावरण मिल सके. स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. भयावह कोविड महामारी के समय देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को राशन उपलब्ध करवाना, पीड़ितों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाना तथा सभी देशवासियों को कोविड से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण अभियान चलाना आदि ऐसे कार्य हैं, जो मोदी सरकार की सफलता को दर्शाते हैं.
जनसंपर्क अभियान
भाजपा द्वारा मोदी सरकार की उपलब्धियों से जनता को परिचित करवाने के लिए 30 मई से 30 जून तक जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. पार्टी ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे इसमें बढ़ चढ़कर भाग लें.
इस बात में कोई दो मत नहीं है कि नरेंद्र मोदी के शासन काल में भारतीय संस्कृति को उसका खोया हुआ गौरव वापस मिल रहा है. अपने 9 साल के कार्यकाल में मोदी सरकार ने विश्व में देश का नाम बढ़ाया है. देश ही नहीं, अपितु वैश्विक स्तर पर मोदी जी के कार्यों की सराहना हो रही है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.