मोदी सरकार के मंत्री हरदीप सिंह पुरी का एक ट्वीट अचानक ही सुर्खियों में छा गया. दरअसल, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली में बसाने को लेकर एक ट्वीट किया था. हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा कि ' भारत ने हमेशा शरण मांगने वालों का स्वागत किया है. एक ऐतिहासिक फैसले के तहत रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली के बक्करवाला में EWS फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा. उन्हें बेसिक सुविधाएं, संयुक्त राष्ट्र का शरणार्थी कार्ड और 24 घंटे सुरक्षा दी जाएगी.' केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के इस ऐलान के साथ दिल्ली की सत्ता के गलियारों में भूचाल आ गया. पुरी के इस ट्वीट के बाद हिंदूवादी संगठनों, भाजपा के कुछ नेताओं और समर्थकों ने भी रोहिंग्या मुस्लिमों को तमाम सुविधाएं देने पर काफी हो-हल्ला मचाया.
वहीं, जैसा कि पहले से ही अंदाजा लगाया जा रहा था. इस ट्वीट पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वहीं, बुद्धिजीवी वर्ग के भाजपा और नरेंद्र मोदी विरोधी हिस्से ने भी इस खबर को हाथोंहाथ लिया. और, इसे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का एक अच्छा फैसला बता दिया. लेकिन, इस फैसले पर भाजपा के खिलाफ सबसे ज्यादा हमलावर आम आदमी पार्टी ही नजर आई. AAP विधायक नरेश बालियान ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि 'केंद्र सरकार सभी रोहिंग्या को सरकारी 2BHK फ्लैटों में शिफ्ट कर अच्छा घर दे रही है. वहीं दूसरी ओर भाजपा दूसरों पर आरोप लगाती है कि रोहिंग्याओं को बसा रखा है.' लेकिन, ये ट्वीट कुछ ही घंटों में आम आदमी पार्टी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के लिए एक 'ट्रैप' साबित हो गया. आइए जानते हैं कैसे?
रोहिंग्याओं को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट पर AAP ने रायता फैलाया. लेकिन, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार को ही फंसा दिया.
दरअसल, मोदी सरकार के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के ट्वीट में रोहिंग्या शरणार्थियों को दिल्ली में बसाने से जुड़ी आधी जानकारी ही थी. जिसके सामने आने पर आम आदमी पार्टी की ओर भाजपा पर ही आरोप जड़ दिया गया कि दिल्ली में रोहिंग्या मुस्लिमों को बसाने में भगवा दल का ही हाथ है. अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज से लेकर आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान तक ने रोहिंग्या मुस्लिमों को फ्लैट दिए जाने का विरोध करते हुए धड़ाधड़ ट्वीट किए. दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने तो बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस तक कर डाली. लेकिन, कुछ घंटे बाद गृह मंत्रालय की ओर से किए गए सिलसिलेवार ट्वीट ने पूरा मामला ही पलट दिया.
गृह मंत्रालय ने लिखा कि 'अवैध रोहिंग्या विदेशियों को फ्लैट देने को लेकर चल रही खबरों के बीच साफ करना जरूरी है कि मंत्रालय की ओर से ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है. दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को नई जगह पर भेजने का सुझाव दिया था. गृह मंत्रालय ने जीएनसीटीडी को निर्देश दिया था कि अवैध रोहिंग्या विदेशियों को वर्तमान जगह पर ही रखा जाए. क्योंकि, मंत्रालय इन लोगों को संबंद्ध देश में डिपोर्ट करने के लिए बातचीत कर रहा है. कानून के अनुसार डिपोर्टेशन होने तक अवैध विदेशियों को डिटेंशन सेंटर में ही रखा जाना है. दिल्ली सरकार ने हालिया जगह को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया था. दिल्ली सरकार को तत्काल प्रभाव से ऐसा करने के लिए निर्देश दिए गए हैं.'
वैसे, गृह मंत्रालय के इन ट्वीट्स को देखकर साफ है कि हरदीप सिंह पुरी का ट्वीट आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के लिए एक ट्रैप ही था. क्योंकि, रोहिंग्या मुस्लिमों को फ्लैट, राशन और सुरक्षा देने के नाम पर सबसे ज्यादा आम आदमी पार्टी ने ही भाजपा को निशाने पर लिया. लेकिन, डिटेंशन सेंटर का नाम आते ही अब आम आदमी पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. और, इसे भाजपा का देश के खिलाफ षड्यंत्र बताने लगी है. आखिर में हरदीप सिंह पुरी को भी हथियार डालना पड़ा. उन्होंने अपने बयान से यू-टर्न लेते हुए कहा कि रोहिंग्या मामले में मोदी सरकार का वही स्टैंड माना जाए, जो गृह मंत्रालय ने प्रेसनोट जारी करके कहा है.
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