इन दिनों संयुक्त राष्ट्र में दुनिया भर के लीडर्स पहुंचे हुए हैं और अर्थव्यवस्था से लेकर पर्यावरण तक की बातें कर रहे हैं. भारत में मोदी सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की योजना बनाई है. इस बात का जिक्र पीएम मोदी ने रविवार को हाउडी मोदी इवेंट में भी किया था. खैर, सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की बात तो पीएम मोदी ने कर दी, लेकिन इसी सिंगल यूज प्लास्टिक के चलते वह फिलहाल निशाने पर आ गए हैं. वैसे वह अकेले नहीं हैं, ट्रंप भी निशाने पर हैं. दरअसल, मंगलवार को न्यूयॉर्क में पीएम मोदी ने ट्रंप से मुलाकात की थी. उनकी मुलाकात के दौरान मेज पर एक कोक की बोतल रखी थी, उसी को लेकर सारा बवाब खड़ा हुआ है.
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने बातें तो बहुत कीं, लेकिन लोगों की नजरें उस डाइट कोक की बोतल ने खींच ली, जो टेबल पर रखी थी. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि पीएम मोदी तो सिंगल यूज प्लास्टिक बैन की बात करते हैं, तो फिर उनके पास की टेबल पर रखी डाइट कोक की बोतल वहां क्या कर रही है? वैसे, यहां ये जानना दिलचस्प है कि वह कोक की बोतल पीएम मोदी के लिए नहीं, बल्कि ट्रंप के लिए रखी गई थी, जिसकी वजह भी दिलचस्प है. खुद प्रसार भारती ने भी डाइट कोक की बोतल पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए ट्वीट किया है. प्रसार भारती ने लिखा है कि मेज पर पड़ी डाइट कोक की बोतल प्रेसिडेंट ट्रंप के लिए है, जो रोजाना कोक पीते हैं. आयोजनकर्ताओं ने ट्रंप के लिए इसकी व्यवस्था की है.
एक दिन में 12 कैन डाइट कोक पीते हैं ट्रंप
जी हां, डाइट कोक अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बहुत ही फेवरेट सॉफ्ट ड्रिंक है. इतनी फेवरेट कि वह एक ही दिन में 12 कैन डाइट कोक पी जाते हैं. इसकी पुष्टि खुद अमेरिका के ही एक अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दिसंबर 2017 में की थी.
अब अगर बात करें वॉशिंगटन पोस्ट में छपी खबर की तो उसके अनुसार डाइट कोक...
इन दिनों संयुक्त राष्ट्र में दुनिया भर के लीडर्स पहुंचे हुए हैं और अर्थव्यवस्था से लेकर पर्यावरण तक की बातें कर रहे हैं. भारत में मोदी सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की योजना बनाई है. इस बात का जिक्र पीएम मोदी ने रविवार को हाउडी मोदी इवेंट में भी किया था. खैर, सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की बात तो पीएम मोदी ने कर दी, लेकिन इसी सिंगल यूज प्लास्टिक के चलते वह फिलहाल निशाने पर आ गए हैं. वैसे वह अकेले नहीं हैं, ट्रंप भी निशाने पर हैं. दरअसल, मंगलवार को न्यूयॉर्क में पीएम मोदी ने ट्रंप से मुलाकात की थी. उनकी मुलाकात के दौरान मेज पर एक कोक की बोतल रखी थी, उसी को लेकर सारा बवाब खड़ा हुआ है.
पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने बातें तो बहुत कीं, लेकिन लोगों की नजरें उस डाइट कोक की बोतल ने खींच ली, जो टेबल पर रखी थी. अब सवाल ये उठ रहे हैं कि पीएम मोदी तो सिंगल यूज प्लास्टिक बैन की बात करते हैं, तो फिर उनके पास की टेबल पर रखी डाइट कोक की बोतल वहां क्या कर रही है? वैसे, यहां ये जानना दिलचस्प है कि वह कोक की बोतल पीएम मोदी के लिए नहीं, बल्कि ट्रंप के लिए रखी गई थी, जिसकी वजह भी दिलचस्प है. खुद प्रसार भारती ने भी डाइट कोक की बोतल पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए ट्वीट किया है. प्रसार भारती ने लिखा है कि मेज पर पड़ी डाइट कोक की बोतल प्रेसिडेंट ट्रंप के लिए है, जो रोजाना कोक पीते हैं. आयोजनकर्ताओं ने ट्रंप के लिए इसकी व्यवस्था की है.
एक दिन में 12 कैन डाइट कोक पीते हैं ट्रंप
जी हां, डाइट कोक अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बहुत ही फेवरेट सॉफ्ट ड्रिंक है. इतनी फेवरेट कि वह एक ही दिन में 12 कैन डाइट कोक पी जाते हैं. इसकी पुष्टि खुद अमेरिका के ही एक अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने दिसंबर 2017 में की थी.
अब अगर बात करें वॉशिंगटन पोस्ट में छपी खबर की तो उसके अनुसार डाइट कोक पीकर ट्रंप ने 1680 कैलोरी और 468 ग्राम सुगर रोजाना की कटौती करने में सफलता पाई है, जो रेगुलर कोक में होती है. यानी अगर वह रेगुलर कोक पीते तो ये कैलोरी और सुगर उनके शरीर में जरूर जाता.
कब आई प्लास्टिक की कोक की बोतल?
बोतलबंद सॉफ्ट ड्रिंक लोग दशकों से पीते आ रहे हैं. पहले ये शीशे की बोतलों में आती थी, फिर स्टील बाद में एल्युमिनियम के कैन में आने लगी. इसी बीच प्लास्टिक की बोतलों में भी कोक आया, लेकिन वह प्रयोग पोल हो गया. अगर बोतल कार्बोनेटेड ड्रिंक कोक की वजह से फटती नहीं, तो शायद प्लास्टिक की बोतलें काफी पहले ही बाजार में आ चुकी होती हैं. 1973 में पहली बार ये चमत्कार हुआ, जब नाथानियल विथ नाम के वैज्ञानिक ने PET (Polyethylene terephthalate) प्लास्टिक डेवलप किया, जिसके बाद ये बोतलें बाजार में चलन में आ गईं. फिर तो कोल्ड ड्रिंक से लेकर पानी तक की बोतलें बनना और उनमें चीजें बिकना शुरू हो गईं.
हैरान करते हैं ये आंकड़े
- अभी तक बने सारे प्लास्टिक का आधा सिर्फ पिछले 15 सालों में बना है.
- हर साल करीब 80 लाख टन प्लास्टिक वेस्ट समुद्र में चला जाता है. यानी अगर पूरी दुनिया में समुद्र के किनारे कचरे से भरे हुए 5 गार्बेज बैग एक-एक फुट की दूरी पर रखे जाएं, उतना प्लास्टिक वेस्ट समुद्र में हर साल जाता है.
- 1950 में 23 लाख टन प्लास्टिक था, 2015 तक ये 44.8 करोड़ टन हो चुका है और 2050 तक इसके 90-100 करोड़ टन हो जाने की उम्मीद है.
- 2050 तक समुद्र में मछलियों से ज्यादा प्लास्टिक की बोलतें तैरती नजर आएंगी.
आपके शरीर में क्या कर सकती हैं 12 डाइट कोक
डाइट कोक में आर्टिफिशियल स्वीटर्स पाए जाते हैं, जो वैज्ञानिकों के अनुसार अधिक मात्रा में लेना नुकसानदायक हो सकता है. 'जर्नल ऑफ द एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डाइटेटिक्स' के अनुसार करीब आधे वयस्क ओर एक चौथाई बच्चे रोजाना ही आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का किसी न किसी तरह इस्तेमाल करते हैं. रेगुलर कोक की हाई सुगर से बचने के लिए डाइट कोक एक अच्छा विकल्प है, लेकिन सिर्फ तब जब इसे सीमित मात्रा में पिया जाए. बहुत से वैज्ञानिक और डाइटीशियन मानते हैं कि डाइट कोक में पाया जाने वाला सुक्रालोस और स्टेविया कैलोरी से बचते हुए मीठी ड्रिंक का मजा लेने का हेल्दी विकल्प है. लेकिन कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि इससे मीठे के टेस्ट का असर कम हो सकता है और आप अनजाने में जरूरत से अधिक सुगर लेने लग सकते हैं. इतना ही नहीं, कुछ रिसर्च ने तो इसके और भी भयानक परिणाम बताए हैं. उससे स्ट्रोक या डिमेंशिया हो सकता है, वजन बढ़ सकता है, कैफीन की मात्रा शरीर में बढ़ सकती है.
यानी लोग तो सिर्फ प्लास्टिक की बोतल को लेकर ट्रंप और मोदी को टारगेट कर रहे हैं, लेकिन दिक्कत तो उसके अंदर मौजूद डाइट कोक से भी है. बोतल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है और बोतल के अंदर की कोक इंसान के शरीर को.
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