एकेडमी अवार्ड्स के इतिहास में जा कर देखें तो विजेता कलाकारों एवम फिल्मों की एक बड़ी परंपरा सामने दिखाई देती है। द साइलेंस ऑफ लैंब्स ( 1991) हॉरर जॉनर में सभी पांच मुख्य वर्गो में ऑस्कर्स जीतने वाली पहली फिल्म थी. जेम्स कैमरून की टाइटैनिक (1998) ने ग्यारह ऑस्कर्स अपने नाम कर इतिहास रच दिया था.
हाल के बरसों में स्लमडॉग मिलिनेयर और ग्रैविटी जैसी फ़िल्मों को अपने परिश्रम का फल मिला. एकेडमी पुरस्कारों की रेस में पहुंचने वाली कई फिल्मों की कहानी लेकिन दूसरी हुई. जीत की प्रबल दावेदार माने जानी वाली यह फिल्में इतिहास में कहीं खो गई.ऑस्कर्स का इतिहास केवल जीत का इतिहास नहीं अपितु कंपटीशन में हार गई दावेदार फिल्मों एवम कलाकारों का भी इतिहास रहा है.
आइए जानें मार्टिन स्कोर्सीज से लेकर स्टीवन स्पीलबर्ग तक की वो फिल्में जिनको कई ऑस्कर्स नामांकन तो मिले लेकिन जीत एक भी नहीं सकी।
डॉक्टर स्ट्रेंजलव ( 4 नॉमिनेशन)
मास्टर फिल्ममेकर स्टेनली कुब्रिक ने कोल्ड वॉर को केंद्र में रखकर यह फिल्म बनाई थी. जिसके कारण न्यूक्लियर हथियारों की रेस का बड़ा खतरा था.रूस यूक्रेन युद्ध से उपजे हालात ने अमेरिका एवम रूस के दरम्यान ऐसे ख़तरे दिखाई देते है. कुब्रिक की फिल्म में व्यक्त की गई चिताएं आज भी प्रासंगिक हैं. इसे बेस्ट एक्टर बेस्ट पिक्चर बेस्ट स्क्रीनप्ले एवम बेस्ट डायरेक्टर का ऑस्कर नॉमिनेशन मिला . लेकिन अफसोस एक भी जीत नहीं पाई. कुब्रिक को पूरे कैरियर में एक बार भी ऑस्कर नहीं मिला. कोई फिल्म इसकी सबसे करीब थी तो वो डॉक्टर स्ट्रेंजलव थी.
साइको ( 4 नॉमिनेशन)
अल्फ्रेड हिचकॉक की फिल्म अपने समय से...
एकेडमी अवार्ड्स के इतिहास में जा कर देखें तो विजेता कलाकारों एवम फिल्मों की एक बड़ी परंपरा सामने दिखाई देती है। द साइलेंस ऑफ लैंब्स ( 1991) हॉरर जॉनर में सभी पांच मुख्य वर्गो में ऑस्कर्स जीतने वाली पहली फिल्म थी. जेम्स कैमरून की टाइटैनिक (1998) ने ग्यारह ऑस्कर्स अपने नाम कर इतिहास रच दिया था.
हाल के बरसों में स्लमडॉग मिलिनेयर और ग्रैविटी जैसी फ़िल्मों को अपने परिश्रम का फल मिला. एकेडमी पुरस्कारों की रेस में पहुंचने वाली कई फिल्मों की कहानी लेकिन दूसरी हुई. जीत की प्रबल दावेदार माने जानी वाली यह फिल्में इतिहास में कहीं खो गई.ऑस्कर्स का इतिहास केवल जीत का इतिहास नहीं अपितु कंपटीशन में हार गई दावेदार फिल्मों एवम कलाकारों का भी इतिहास रहा है.
आइए जानें मार्टिन स्कोर्सीज से लेकर स्टीवन स्पीलबर्ग तक की वो फिल्में जिनको कई ऑस्कर्स नामांकन तो मिले लेकिन जीत एक भी नहीं सकी।
डॉक्टर स्ट्रेंजलव ( 4 नॉमिनेशन)
मास्टर फिल्ममेकर स्टेनली कुब्रिक ने कोल्ड वॉर को केंद्र में रखकर यह फिल्म बनाई थी. जिसके कारण न्यूक्लियर हथियारों की रेस का बड़ा खतरा था.रूस यूक्रेन युद्ध से उपजे हालात ने अमेरिका एवम रूस के दरम्यान ऐसे ख़तरे दिखाई देते है. कुब्रिक की फिल्म में व्यक्त की गई चिताएं आज भी प्रासंगिक हैं. इसे बेस्ट एक्टर बेस्ट पिक्चर बेस्ट स्क्रीनप्ले एवम बेस्ट डायरेक्टर का ऑस्कर नॉमिनेशन मिला . लेकिन अफसोस एक भी जीत नहीं पाई. कुब्रिक को पूरे कैरियर में एक बार भी ऑस्कर नहीं मिला. कोई फिल्म इसकी सबसे करीब थी तो वो डॉक्टर स्ट्रेंजलव थी.
साइको ( 4 नॉमिनेशन)
अल्फ्रेड हिचकॉक की फिल्म अपने समय से काफ़ी आगे की फिल्म साबित हुई थी. हालांकि ऑस्कर्स की रेस में आकर निराश लौटी. एक हॉरर फिल्म को मेनस्ट्रीम में लाकर खड़ा करने का सबसे पहला श्रेय इसी फिल्म को जाता है. फिल्म की कथा को जोसेफ स्टिफानो ने मूल रॉबर्ट ब्लॉक के उपन्यास आधार पे विकसित किया था. फिल्म को निर्देशन सपोर्टिंग एक्ट्रेस बेस्ट आर्ट डायरेक्शन एवम सहायक अभिनेत्री वर्ग में ऑस्कर नमांकन मिला.
फिल्म के संदेश ने नही, ना ही कलाकारों की अदाकारी ने बल्कि इसके ओरिजनल कंटेंट ने इसे क्लासिक बनाया. फिल्म हमारे भीतर के भय के अनेक स्तरों को सामने लेकर आई.
इट्स आ वंडरफुल लाईफ ( 5 नॉमिनेशन)
अमेरिका में अमेरिका के ऊपर अब तक सबसे शानदार कहे जानी वाली फिल्म को हालांकि रिलीज़ के समय अच्छा रिस्पोंस नहीं मिला फिर भी फ्रैंक कापरा के क्राफ्ट के दम पे ऑस्कर की रेस में शामिल हुई.यह विश्व युद्ध से उपजे हालात की कहानी थी. फिलिप डोरेन एक क्रिसमस फंतासी कथा से प्रेरित थी. जेम्स स्टीवर्ट ने जॉर्ज बेली का किरदार निभाया था. समुदाय के हितों के लिए खुद के सपनों का त्याग कर देता है. फिल्म पिक्चर निर्देशन अभिनय जैसे प्रमुख वर्गो में नॉमिनेशन हासिल कर जीत की दावेदार बनी थी.
द वुल्फ ऑफ वाल स्ट्रीट ( 5 नॉमिनेशन)
इन्वेस्टर एवम प्रोड्यूसर जॉर्डन बेलफोर्ट के जीवन की सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म में उनके कैरियर के उतार चढ़ाव को दिखाया गया. कैसे एक बड़ा स्टॉक इन्वेस्टर जुर्म की दुनिया में जा फंसा और सरकारी की आंखों का किरकिरी बना. नब्बे के दशक में पार्टनर डॉनी एजोफ के साथ मिलकर ब्रोकरेज फर्म की नींव डाली. आगे चलकर यह कंपनी शेयर मार्केट का बड़ा नाम बन कर आई थी.
लियोनार्डो डीकैप्रियो जॉर्डन बेलफोर्ट भूमिका में नज़र आए थे. मार्टिन स्कोर्सीज को फिल्म के लिए आठवीं बार बेस्ट डायरेक्टर का ऑस्कर नॉमिनेशन मिला . वहीं कैप्रियो को अभिनय के लिए ऑस्कर नॉमिनेशन मिला.
डल्लास बायर क्लब कंपटीशन में आगे निकलकर जीती थी. अभिनेत्री जोनाह हील ने कैरियर का श्रेष्ठ काम किया लेकिन ऑस्कर ट्रॉफी घर नहीं ला सकीं. जबकि कैप्रियो पांचवे अवसर में भी जीत नहीं पाए. अभिनेता के खाते में पहला एकेडमी अवार्ड 2016 में रेवानांट से आया था.
नेब्रास्का ( 6 नॉमिनेशन)
नेब्रास्का यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका के एक राज्य का नाम है. अलेक्जेंडर पेन की इस ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म में राज्य को एक कैरेक्टर तरह रखा गया. 2013 में आई फिल्म को फिल्मकार ने पूरी तरह से ब्लैक एण्ड व्हाईट में शूट किया. यह एक ब्लैक एंड व्हाइट कॉमेडी थी. बुजुर्ग वुडी ग्रांट को खुशफहमी हो रही कि उसने बड़ी रकम जीती है . ईनाम को हासिल करने वो नेब्रास्का जाने की जिद करता है.
पिता की हालात देखकर बेटा उन्हें उस यात्रा पर ले जाता है. फिल्म ने कुल 6 वर्गो में नॉमिनेशन हासिल किया था. अफसोस जीत एक भी नहीं पाई . ब्रूस डर्न हालांकि कान फ़िल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्टर का खिताब अपने नाम किया था.
डबल इंडेम्निटी ( 7 नॉमिनेशन)
साइको की तरह ही यह फिल्म भी गलत समय पर रिलीज़ की मारी बनी . दर्शकों का माइंडसेट शायद अभी इस किस्म के कहानियों के लिए तैयार नहीं था. बिली वाइल्डर ने इसे रेमंड शिंडलर की कथा के आधार पे विकसित किया था. कहानी एक इंश्योरेंस एजेंट की जोकि एक महिला के जाल में फंस कर क्रिमिनल की तरह एक्ट करने लगता है.
वाल्टर नेफ एक अनुभवी आदमी था मगर एफेयर में उलझ कर कातिल बन गया. वाल्टर ने महिला का साथ दिया पति के कत्ल में. फिल्म को रिलीज़ के वक्त उतना अच्छा रिस्पोंस नहीं मिला. लेकिन बाद में रियलाइज किया गया कि वो समय से काफ़ी आगे थी. एकेडमी अवार्ड्स में यूं ही नहीं सात वर्गो में शॉर्टलिस्ट हुई थी.
गॉडफादर पार्ट तीन ( 7 नॉमिनेशन)
फ्रांसिस फोर्ड कपोला की यह तीसरी किस्त बाकी दो की तरह भले ही मकबूल ना हुई हो लेकिन ऑस्कर्स की रेस में एक दो नहीं बल्कि सात वर्गो में नॉमिनेट हुई थी. माईकल कोरोलिन अपने परिवार की बदनामी को खत्म करने का मुश्किल फ़ैसला लेता है.क्या लेकिन इस मिशन में कामयाब हो पाया यही फिल्म की मुख्य बिंदु था.बूढ़ा हो चला माईकल एक उपयुक्त उत्तराधिकारी को विरासत सौंप देना चाहता था.
लेकिन युवा नई नस्ल की हरकतें उसे निराश कर रहीं.जुर्म की दुनिया से परिवार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए एक नई साफ सुथरी व्यवस्था स्थापित करना उसकी प्रार्थमिकता थी. मगर कई चुनौतियां सामने हैं. फिल्म ने कई नॉमिनेशन जीता .
हालांकि उसी साल रिलीज़ हुई गॉडफेलास निश्चित ही बेहतर फिल्म थी. मार्टिन स्कोर्सी की फिल्म 6 वर्गों में नॉमिनेट हुई थी. जबकि उस साल के सारे पुरस्कार केविन कोस्टनार की डांसेस विथ वुल्फ्स बटोर ले गई. फिल्म को 12 वर्गों में नॉमिनेशन मिला था.
गैंग्स ऑफ न्यूयॉर्क (10 नॉमिनेशन)
मार्टिन स्कॉर्सीज को फिल्म को बनाने में 24 साल लग गए. बड़े विश्वास से उन्होंने इस प्रॉजेक्ट को आकार दिया. ऑस्कर्स में दस वर्गो में नॉमिनेट भी हुई किंतु जीत नहीं पाई . बहुतों को यकीं रहा कि मार्टिन अवश्य पुरस्कार जीतेंग,मगर ऐसा नहीं हुआ. रोमन पोलांस्की की पियानिस्ट बाज़ी मार ले गई. बेस्ट डायरेक्टर का ईनाम वो जीत ले गए.
म्यूजिकल ड्रामा शिकागो भी कंपटीशन में थी। कई वर्गों में ऑस्कर ट्रॉफी घर ले कर आई. लियोनार्डो डीकैप्रियो ने एमेस्टरडम वेलोन की भूमिका में युवा आयरिश शरणार्थी का किरदार निभाया था. वो अपने पिता के हत्यारे से बदला लेने के लिए आया है. उसका सामना शरणार्थी विरोधी गैंग के सरगना विलियम कटिंग से है.
टर्निंग पॉइंट ( 11 नॉमिनेशन)
ऑस्कर्स के इतिहास में इतना नॉमिनेशन मिलने बाद एक भी ना जीतने वाली दूसरी फिल्म थी. एनी बैनक्रॉफ्ट एवम शिरले मकलीन ने मुख्य भूमिकाएं निभाई.कहानी एक भूतपूर्व बले डांसर की थी जो अपने परिवार के लिए कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य है. पति के साथ न्यूयॉर्क से ओकलाहामा चली आती है.
यहां इसकी मुलाकात पुरानी साथी इमा से होती है. बेटी इमलिया को डांस ग्रुप ज्वाइन करने को लेकर डीडी उत्साहित है. क्योंकि उसे अपना गुजरा कल सामने दिखाई दे रहा है . टर्निंग प्वाइंट के साथ कंपटीशन में शामिल एनी हॉल क्लोज एनकाउंटर्स ऑफ थर्ड काइंड और स्टार वार्स ज्यादातर ऑस्कर्स ले गई. हरबर्ट रॉस की फिल्म जबकि खाली हाथ लौटी.
कलर परपल ( 11 नॉमिनेशन)
एलिस वाकर की रचना को आधार बना कर स्टीवन स्पीलबर्ग ने यह फिल्म बनाई थी. कहानी अफ्रीकन अमेरिकन युवती शेली ( व्हूपी गोल्डबर्ग) की है. चार दशक की यात्रा में बंटा उसका सफ़र शोषण एवम धोखे से बचकर निकला है. एक खराब बाप बेटी की शादी अपने से भी ख़राब लड़के से कर देता है. शेली के पास कहीं और खुशी तलाश करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प यह दोनों नहीं छोड़ते.
अफ्रीका में अपनी बिछड़ी बहन के साथ किसी दिन नई शुरुआत की चाहत लिए वो भटक रही है. क्या वो यह दिन देख पाती है. यही कहानी है. व्हूपी गोल्डबर्ग को ऑस्कर नहीं मिला. भविष्य में द घोस्ट के लिए मिलना था शायद इसलिए भी.
स्पीलबर्ग के लिए दुःख की बात यह रही कि आज परपल कलर की चर्चा भी कोई उस तरह नहीं करता, जिसकी हकदार थी. सिडनी पोलैक की फिल्म 'आउट ऑफ अफ्रीका ' को इस वर्ष ग्यारह नॉमिनेशन मिले, सात ऑस्कर अपने नाम यह फिल्म कर गई थी.
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