वैसे तो बिहार स्थित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रम के दुष्कर्म केस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, लेकिन क्या इससे दोषियों को सजा मिल पाएगी क्योंकि इससे पहले भी कई मामलों में सीबीआई की जांच पूरी तरह विफल रही हैं. खैर, दोषी जो भी हो, अगर सज़ा मिल भी जाती है तो भी नीतीश कुमार, जो कि 'सुशासन' बाबू के नाम से प्रसिद्ध हैं, के ऊपर अब तक का सबसे बड़ा काला धब्बा ज़रूर लग गया है.
बेबस व असहाय लड़कियां:
मुजफ्फरपुर बालिका आश्रम में छोटी-छोटी बच्चियों को वहां किस दुर्दशा से गुजरना पड़ रहा था यह सोचकर भी शर्म से सिर झुक जाता है. इन पीड़ित बच्चियों ने पूछताछ के दौरान उनके साथ हुए ज़ुल्म की जो दर्दनाक आपबीती सुनाई है वो दर्शाती है कि इन बच्चियों के जो रक्षक के रूप में खाल ओढ़े हुए थे वे मनुष्य नहीं बल्कि राक्षस थे. ये इस बात को दर्शाता है कि हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो राक्षसी प्रवृत्ति से ग्रसित हैं. ये घटना इस बात को दिखती है कि कैसे इन असहाय बच्चियों को ऊंची राजनीतिक पहुंच वाले लोग शोषण करते रहते हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है.
रिपोर्ट को नज़रअंदाज़ किया गया:
इस दर्दनाक घटना की रिपोर्ट टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर फरवरी महीने में ही जमा कर दी थी, जिसमें नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया गया था. इसके अनुसार कम से कम 34 लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया था जिनकी उम्र सात साल से अठारह साल के बीच थी. यही नहीं, इस रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान कई लड़कियों को गर्भपात के लिए भी मजूबर किया गया था. लेकिन सरकार का आलम ये कि अब जाकर इस पर कार्यवाई की गई. वो भी तब जब ये राष्ट्रीय स्तर पर खबरों में आया.
मंत्री के पति पर आरोप:
नीतीश कुमार के कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा सीधे फायरिंग लाइन में हैं. उन पर आरोप है कि वो बालिका सुधार गृह...
वैसे तो बिहार स्थित मुजफ्फरपुर बालिका आश्रम के दुष्कर्म केस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, लेकिन क्या इससे दोषियों को सजा मिल पाएगी क्योंकि इससे पहले भी कई मामलों में सीबीआई की जांच पूरी तरह विफल रही हैं. खैर, दोषी जो भी हो, अगर सज़ा मिल भी जाती है तो भी नीतीश कुमार, जो कि 'सुशासन' बाबू के नाम से प्रसिद्ध हैं, के ऊपर अब तक का सबसे बड़ा काला धब्बा ज़रूर लग गया है.
बेबस व असहाय लड़कियां:
मुजफ्फरपुर बालिका आश्रम में छोटी-छोटी बच्चियों को वहां किस दुर्दशा से गुजरना पड़ रहा था यह सोचकर भी शर्म से सिर झुक जाता है. इन पीड़ित बच्चियों ने पूछताछ के दौरान उनके साथ हुए ज़ुल्म की जो दर्दनाक आपबीती सुनाई है वो दर्शाती है कि इन बच्चियों के जो रक्षक के रूप में खाल ओढ़े हुए थे वे मनुष्य नहीं बल्कि राक्षस थे. ये इस बात को दर्शाता है कि हमारे समाज में कुछ लोग ऐसे हैं जो राक्षसी प्रवृत्ति से ग्रसित हैं. ये घटना इस बात को दिखती है कि कैसे इन असहाय बच्चियों को ऊंची राजनीतिक पहुंच वाले लोग शोषण करते रहते हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है.
रिपोर्ट को नज़रअंदाज़ किया गया:
इस दर्दनाक घटना की रिपोर्ट टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई (टीआईएसएस) ने अपने सोशल ऑडिट के आधार पर फरवरी महीने में ही जमा कर दी थी, जिसमें नाबालिग लड़कियों के साथ कई महीने तक रेप और यौन शोषण होने का खुलासा किया गया था. इसके अनुसार कम से कम 34 लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया था जिनकी उम्र सात साल से अठारह साल के बीच थी. यही नहीं, इस रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान कई लड़कियों को गर्भपात के लिए भी मजूबर किया गया था. लेकिन सरकार का आलम ये कि अब जाकर इस पर कार्यवाई की गई. वो भी तब जब ये राष्ट्रीय स्तर पर खबरों में आया.
मंत्री के पति पर आरोप:
नीतीश कुमार के कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा सीधे फायरिंग लाइन में हैं. उन पर आरोप है कि वो बालिका सुधार गृह में बराबर जाया करते थे. इस घटना में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मंजू वर्मा के पति पर आरोप लगाया था. हालांकि पति पर लगे आरोपों पर मंजू वर्मा ने कहा था कि अगर उनके पति पर लगे आरोप सिद्ध हो जायेंगे तो वो राजनीति से संन्यास ले लेंगी. वैसे मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को भी गिरफ्तार किया जा चुका है.
सुशील मोदी का जवाब:
बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने अपने एक ट्वीट में कहा था कि लड़कियों पर फब्तियां कसने और उनसे छेड़छाड़ करने के चलते अज्ञात लोगों ने लालू प्रसाद के दोनों बेटों पर हमला कर दिया था. यानी मुजफ्फरपुर बालिका आश्रम के दुष्कर्म मामले में कुछ बोलने के बजाए वो तेजस्वी यादव पर अपनी भड़ास निकाल रहे थे.
सुशासन पर काला धब्बा:
आरोपी चाहे जो भी हों, आरोपियों को चाहे जो सजा मिले, इतना तो तय है कि 'सुशासन बाबू' यानी नीतीश कुमार पर अब तक का सबसे बड़ा 'धब्बा' तो लग ही गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी बालिका आश्रय गृह में बच्चियों के साथ दुष्कर्म मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया.
इस तरह मुजफ्फरपुर में बच्चियों के साथ की गई दरिंदगी इस बात की गवाह बन रही है कि जब इन बेबस और असहाय बच्चियों पर उपकार के नाम पर बनी और सरकारी पैसों से चलने वाली ऐसी संस्थाएं इस प्रकार का व्यवहार करें तो हमारे समाज के ऐसे लोग किसी खास बीमारी से कुंठित हो रहे हैं.
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