ABCD के चक्कर में लालू प्रसाद को सुनायी जाने वाली सजा एक दिन और टल गयी. असल में कोर्ट में अल्फाबेट के हिसाब से सजा पर बहस हुई, जिसमें लालू की बारी एक दिन बाद हो गयी.फैसला सुनने के लिए लालू को कोर्ट लाया गया था, लेकिन फिर उन्हें जेल पहुंचा दिया गया. सीबीआई अदालत ने लालू सहित 16 आरोपियों को 23 दिसंबर 2017 को चारा घोटाले दोषी करार दिया था. तब सजा की तारीख 3 जनवरी मुकर्रर हुई थी, लेकिन अब ये 5 जनवरी हो गयी है.
लालू को सजा सुनाये जाने से पहले एक नयी बात सामने आ गयी है. सीबीआई के स्पेशल कोर्ट के जज शिवपाल सिंह का कहना है कि लालू को लेकर उनके पास दो लोगों के फोन आये थे. बड़ा सवाल ये है कि लालू के लोगों ने स्पेशल कोर्ट के जज से कहा क्या होगा?
सजा से पहले सिफारिश!
एक तरफ चारा घोटाले में सजा के मुहाने पर खड़े लालू प्रसाद को लेकर जज से सिफारिश की बात सामने आयी है तो दूसरी तरफ लालू खुद द्वारा अपने लोगों की सिफारिश किये जाने की चर्चा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लालू ने अवमानना के नोटिस को लेकर जज से अपने लोगों को बख्श देने की सिफारिश की. लालू ने जज से कहा कि जिन चार लोगों को नोटिस किये हैं उसे ड्रॉप कर दीजिए. बातचीत के दौरान लालू ने इस बात का भी जिक्र किया कि वो खुद भी वकील हैं और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उनका रजिस्ट्रेशन है.
खुद को बेकसूर बताने के साथ ही, लालू ने कहा कि जज साहब किसी ने कुछ नहीं बोला है. इस पर जज ने कहा - 'शिवानंद तिवारी, तेजस्वी यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह और मनीष तिवारी ने बयान दिया है हमने सुना है.' जज ने लालू को बताया कि उनके नेता जनता की अदालत में जाने की बात करते हैं, वे जाति की बात करते हैं.
जाति की बात पर लालू ने थोड़ी देर के लिए हंसी-मजाक वाले अंदाज...
ABCD के चक्कर में लालू प्रसाद को सुनायी जाने वाली सजा एक दिन और टल गयी. असल में कोर्ट में अल्फाबेट के हिसाब से सजा पर बहस हुई, जिसमें लालू की बारी एक दिन बाद हो गयी.फैसला सुनने के लिए लालू को कोर्ट लाया गया था, लेकिन फिर उन्हें जेल पहुंचा दिया गया. सीबीआई अदालत ने लालू सहित 16 आरोपियों को 23 दिसंबर 2017 को चारा घोटाले दोषी करार दिया था. तब सजा की तारीख 3 जनवरी मुकर्रर हुई थी, लेकिन अब ये 5 जनवरी हो गयी है.
लालू को सजा सुनाये जाने से पहले एक नयी बात सामने आ गयी है. सीबीआई के स्पेशल कोर्ट के जज शिवपाल सिंह का कहना है कि लालू को लेकर उनके पास दो लोगों के फोन आये थे. बड़ा सवाल ये है कि लालू के लोगों ने स्पेशल कोर्ट के जज से कहा क्या होगा?
सजा से पहले सिफारिश!
एक तरफ चारा घोटाले में सजा के मुहाने पर खड़े लालू प्रसाद को लेकर जज से सिफारिश की बात सामने आयी है तो दूसरी तरफ लालू खुद द्वारा अपने लोगों की सिफारिश किये जाने की चर्चा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लालू ने अवमानना के नोटिस को लेकर जज से अपने लोगों को बख्श देने की सिफारिश की. लालू ने जज से कहा कि जिन चार लोगों को नोटिस किये हैं उसे ड्रॉप कर दीजिए. बातचीत के दौरान लालू ने इस बात का भी जिक्र किया कि वो खुद भी वकील हैं और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उनका रजिस्ट्रेशन है.
खुद को बेकसूर बताने के साथ ही, लालू ने कहा कि जज साहब किसी ने कुछ नहीं बोला है. इस पर जज ने कहा - 'शिवानंद तिवारी, तेजस्वी यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह और मनीष तिवारी ने बयान दिया है हमने सुना है.' जज ने लालू को बताया कि उनके नेता जनता की अदालत में जाने की बात करते हैं, वे जाति की बात करते हैं.
जाति की बात पर लालू ने थोड़ी देर के लिए हंसी-मजाक वाले अंदाज में आने की कोशिश की, हंसते हुए बोले - 'अब तो सर इंटरकास्ट शादी हो रही है.' लालू ने जज के सामने रांची जेल में बहुत ठंड होने का जिक्र किया और जज से कहा - 'आप दिमाग को कूल रखिएगा तो सब ठीक होगा. जज का जवाब था - 'हम बिल्कुल कूल ही हैं.'
"चिंता की जरूरत नहीं..."
एक रिपोर्ट आई थी कि 2013 में चारा घोटाले में ही सजा सुनाए जाने के बाद लालू ने कहा था - "मुझे शक था कि मुझे यही सजा मिलेगी." फिलहाल तो लालू और उनके लोगों में इसी बात को लेकर चिंता है कि इस बार कितनी सजा सुनायी जाएगी.
लालू के वकील का कहना है कि उन्हें कम से कम एक साल और ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा हो सकती है. वैसे वकील ने लालू की उम्र और सेहत की दुहाई देते हुए उन्हें कम से कम सजा देने की गुजारिश की है. दूसरी तरफ सीबीआई के वकील ने लालू को अधिकतम सजा देने का अनुरोध किया है, ताकि आगे से कोई भी ऐसे अपराध की कोशिश न कर पाये.
इसी बीच खबर आई है कि सीबीआई कोर्ट के जज ने लालू को लेकर सिफारिशी फोन कॉल की बात कही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जज ने लालू से कहा, "आपके लिए मेरे पास कई लोगों ने सिफारिशें की हैं, लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है. मैं केवल कानून का पालन करूंगा."
जज की बात पर, अवमानना का नोटिस पा चुके आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'अगर ऐसा है तो जज को इस मामले की शिकायत करनी चाहिए.' हालांकि, जज ने ये नहीं बताया है कि फोन करने वालों ने लालू को लेकर उनसे क्या कहा.
अब सवाल ये उठता है कि लालू के लोगों ने जज से फोन कर आखिर कहा क्या होगा? क्या लालू के लिए फोन करने वालों ने सजा को लेकर ही बात की होगी या कोई और बात? अगर सजा को लेकर बात की होगी तो लालू के वकील की तरह ही उनकी सेहत के नाम पर कम से कम सजा की बात की होगी? कहीं ऐसा तो नहीं कि लालू के लोगों ने कहा हो कि सजा भले दीजिए लेकिन पांच साल से ऊपर मत दीजिए, प्लीज! दरअसल, लालू के सामने सबसे बड़ी चिंता आने वाला लोक सभा चुनाव है - और खासकर तब जब लंबी सजा के चलते जमानत मिलने में देर हुई और चुनाव वक्त से पहले करा दिया गया.
आखिर में भी सवाल यही है कि लालू को लेकर सीबीआई के स्पेशल कोर्ट के जज को फोन किया तो किसने किया?
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