आज देशभर में 72वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के लुक ने उनको चर्चा का विषय बना दिया है. इस खास मौके पर नरेंद्र मोदी अपनी वेशभूषा को लेकर सोशल मीडिया पर छाए रहे. मोदी ने चूड़ीदार पैजामा, कुर्ता, जैकेट और सिर पर साफा बांध रखा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निराला अंदाज और उनके कपड़े हमेशा से ही अलग छाप छोड़ते रहे हैं. गणतंत्र दिवस हो या फिर स्वंतत्रता दिवस, प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नरेंद्र मोदी की वेशभूषा में 'साफा' या 'पगड़ी' अपनी अलग पहचान बनाती रही है. सिर पर साफा बांधे नजर आने वाले मोदी पगड़ी को इतना महत्व क्यों देते हैं? राष्ट्रीय पर्वों पर रंगों भरा 'साफा' क्या संदेश देता है?
भारत के विभिन्न ग्रामीण अंचलों में साफा या पगड़ी का प्रयोग लंबे समय से होता आया है. आज के आधुनिक समय में शहरों में साफा का इस्तेमाल ना के बराबर हो गया है. लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग पगड़ी बांधे नजर आ जाएंगे. किसानों की वेशभूषा धोती-कुर्ता के साथ उसका सबसे अहम हिस्सा पगड़ी को माना जाता है. अमीर हो या गरीब, मालिक हो या मजदूर, समाज का एक बड़ा वर्ग इसे शान के साथ पहनता है. देश के कई हिस्सों में आज भी पगड़ी अपनी एक अलग पहचान रखती है. जानकार कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग और तबके की इस शान को अपनी पहचान के साथ जोड़ने के प्रयास के तौर पर इस परंपरा को शुरू किया. कृषि प्रधान देश होने की वजह से भी मोदी ने पगड़ी को अपनाकर एक बड़ा संदेश देने की लगातार कोशिश की है.
मनोविज्ञान के आधार पर हर रंग का अपना एक अलग प्रभाव होता है. साथ ही रंग के जरिये व्यक्ति...
आज देशभर में 72वां गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के लुक ने उनको चर्चा का विषय बना दिया है. इस खास मौके पर नरेंद्र मोदी अपनी वेशभूषा को लेकर सोशल मीडिया पर छाए रहे. मोदी ने चूड़ीदार पैजामा, कुर्ता, जैकेट और सिर पर साफा बांध रखा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निराला अंदाज और उनके कपड़े हमेशा से ही अलग छाप छोड़ते रहे हैं. गणतंत्र दिवस हो या फिर स्वंतत्रता दिवस, प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नरेंद्र मोदी की वेशभूषा में 'साफा' या 'पगड़ी' अपनी अलग पहचान बनाती रही है. सिर पर साफा बांधे नजर आने वाले मोदी पगड़ी को इतना महत्व क्यों देते हैं? राष्ट्रीय पर्वों पर रंगों भरा 'साफा' क्या संदेश देता है?
भारत के विभिन्न ग्रामीण अंचलों में साफा या पगड़ी का प्रयोग लंबे समय से होता आया है. आज के आधुनिक समय में शहरों में साफा का इस्तेमाल ना के बराबर हो गया है. लेकिन, ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग पगड़ी बांधे नजर आ जाएंगे. किसानों की वेशभूषा धोती-कुर्ता के साथ उसका सबसे अहम हिस्सा पगड़ी को माना जाता है. अमीर हो या गरीब, मालिक हो या मजदूर, समाज का एक बड़ा वर्ग इसे शान के साथ पहनता है. देश के कई हिस्सों में आज भी पगड़ी अपनी एक अलग पहचान रखती है. जानकार कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग और तबके की इस शान को अपनी पहचान के साथ जोड़ने के प्रयास के तौर पर इस परंपरा को शुरू किया. कृषि प्रधान देश होने की वजह से भी मोदी ने पगड़ी को अपनाकर एक बड़ा संदेश देने की लगातार कोशिश की है.
मनोविज्ञान के आधार पर हर रंग का अपना एक अलग प्रभाव होता है. साथ ही रंग के जरिये व्यक्ति के व्यवहार को भी समझा जा सकता है. रंगों का मनोविज्ञान काफी आकर्षक है. हर व्यक्ति की रंगों को लेकर अलग धारणाएं होती हैं. इसी के सहारे कोशिश करते हैं, पीएम मोदी के साफा या पगड़ी में प्रयोग किए गए रंगों को समझने की. 2015 से लेकर 2021 तक मोदी ने हर बार अपने 'साफा' का रंग बदला है. आज गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी जामनगर की विशेष पगड़ी पहने नजर आए. जामनगर के शाही परिवार ने प्रधानमंत्री को 'हलारी गड़ी' (शाही पगड़ी) उपहार में दी है. लाल रंग की इस पगड़ी में पीले रंग की बिंदियां हैं. माना जाता है कि लाल रंग सम्पन्नता के साथ चेतावनी का भी प्रतीक होता है. वहीं, पीला रंग बौद्धिक और मानसिक शक्ति को दर्शाता है.
2020 में केसरिया रंग की 'बंधनी' पहने हुए थे पीएम मोदी
71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नरेंद्र मोदी ने 'बंधनी' साफा पहना था. केसरिया रंग की इस पगड़ी का एक हिस्सा मोदी की कमर तक लटक रहा था. इस पगड़ी में केसरिया के साथ हरा रंग भी था और इसमें बारीक सुनहरी रेखाएं खिंची थीं. माना जाता है कि केसरिया रंग ताकत और साहस को दर्शाता है. हरा रंग विकास और उद्योगशीलता को प्रकट करता है.
2019 में सुनहरी रेखाओं वाली पीली पगड़ी
70वें गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी ने सुनहरी रेखाओं वाली पीली पगड़ी पहनी थी. इस पगड़ी में लाल और हरे रंग की बिंदियां थी. पीला रंग विद्या, सुख, शांति और एकाग्रता का परिचायक होता है. लाल रंग क्रांति, ऊर्जा और बदलाव लाने वाला होता है. हरा रंग खुशहाली, महत्वकांक्षा और सहनशीलता का प्रतीक माना जाता है. सुनहरा रंग ऐश्वर्य का प्रतीक है.
2018 में बहुरंगी थी पीएम मोदी की पगड़ी
2018 के 69वें गणतंत्र दिवस पर मोदी ने बहुरंगी पगड़ी पहनी थी. उनकी पगड़ी में लाल, पीला, हरा, नारंगी और नीला रंग शामिल था. नारंगी रंग बुद्धिमत्ता और गर्व को दर्शाने वाला होता है. नीला रंग बल, पौरुष और वीरता के भाव का द्योतक है. लाल रंग शौर्य और विजय, पीला रंग ज्ञान व हरा रंग सुख, शांति और स्फूर्ति देने वाला माना जाता है.
2017 में चांदी के रंग की पट्टी वाली गुलाबी पगड़ी
2017 के 68वें गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी ने चांदी के रंग की पट्टी वाली गुलाबी रंग की पगड़ी पहनी थी. गुलाबी रंग सौभाग्य और आनंद का प्रतीक है. साथ ही यह शांत करने वाला रंग कहा जाता है. गुस्से वाले लोगों के मिजाज को गुलाबी रंग शांत बनाता है. चांदी आंशिक रूप से सफेद रंग की होती है. सफेद रंग पवित्रता और शुद्धता को दर्शाता है.
2016 में लाल रंग की पट्टियों वाली पीली पगड़ी
2016 के 67वें गणतंत्र दिवस पर नरेंद्र मोदी ने पीले रंग की पगड़ी पहनी थी. जिसमें लाल रंग की पट्टियों थीं. पीला रंग ज्ञान, सुख, योग्यता, मानसिक तथा बौद्धिक उन्नति का प्रतीक माना जाता है. लाल रंग को धन, संपदा और समृद्धि प्रकट करने वाला माना जाता है.
2015 में पहली बार पहनी थी बहुरंगी पगड़ी
2015 के 66वें गणतंत्र दिवस पर पीएम मोदी ने पहली बार बहुरंगी पगड़ी पहनी थी. इसके बाद से अबतक वह हर राष्ट्रीय पर्व पर पगड़ी पहनकर ही नजर आते हैं. मोदी की पगड़ी में लाल, पीला, हरा, गुलाबी और नीले रंग का मिश्रण था. लाल रंग शुभता और पराक्रम का प्रतीक है. सभी शुभ कार्यों में लाल रंग का प्रयोग किया जाता है. पीला रंग आनंद और खुशी का प्रतीक होता है. गुलाबी रंग नज़ाकत का प्रतीक है. हरा रंग शांति और शीतलता का द्योतक है. नीला रंग वीरता, विश्वास और सुरक्षा को दर्शाता है.
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