नवीन पटनायक कराब 21 साल से ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं. कहने को वे पेशेवर राजनेता हैं, और लोेकप्रिय भी. लेकिन उनकी राजनीति देश के बाकी परंपरागत नेताओं से एकदम विपरीत है. उन्हें यदाकदा ही कैमरे के सामने देखा जाता है. प्रचार से दूर रहने वाले नवीन पटनायक एक रिटायर्ड व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत करते हैं. उनकी सेहत को लेकर भी तरह-तरह की खबरें आती हैं. लेकिन इन सबके बीच जब चुनाव आता है तो राज्य की जनता आंख मूंदकर उन पर विश्वास जताती है. राजनीतिक ग्लैमर से दूर रहने वाले नवीन पटनायक का एक वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ. वो अपने ड्राइंग रूम में बैठे भारतीय हॉकी ओलंपिक टीम का ताली बजाकर उत्साह बढ़ा रहे हैं. और इस वीडियो के सामने आने के बाद चर्चा में आई उनके हॉकी को सपोर्ट करने की कहानी...
असल में टोक्यो ओलंपिक में खेल रही भारतीय हॉकी टीम की जर्सी को गौर से देखिएगा. उस पर ओडिशा लिखा मिलेगा. कई लोगों के दिमाग में शायद यह सवाल आया होगा कि हॉकी टीम के खिलाड़ियों की टीशर्ट पर किसी राज्य का नाम क्यों छापा गया है. दरअसल, जब राष्ट्रीय खेल को आयोजक की तलाश थी, तब नवीन पटनायक ही थे जो सामने आए. 2018 से ओडिशा भारतीय हाकी टीम की प्रायोजक है. उस वक्त सहारा कंपनी वित्तीय संकट से गुजर रही थी.
यूं कह लीजिए कि हाकी के लिए ओडिशा का योगदान अतुलनीय है. नवीन पटनायक ने हॉकी टीम का तब साथ दिया जब उसका कोई सहारा नहीं था. टीम को स्पॉन्सर करने वाला कोई नहीं था. उड़ीसा राज्य सरकार पिछले तीन वर्षों से पुरुष और महिला टीम को स्पॉन्सर कर रही है. 2018 में उड़ीसा ने हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी भी की थी. ओडिशा हर साल टीम को 20 करोड़ रुपये देता है.
इतना ही नहीं, ओडिशा देश में किसी राष्ट्रीय टीम को स्पॉन्सर करने वाला इकलौता राज्य है....
नवीन पटनायक कराब 21 साल से ओडिशा के मुख्यमंत्री हैं. कहने को वे पेशेवर राजनेता हैं, और लोेकप्रिय भी. लेकिन उनकी राजनीति देश के बाकी परंपरागत नेताओं से एकदम विपरीत है. उन्हें यदाकदा ही कैमरे के सामने देखा जाता है. प्रचार से दूर रहने वाले नवीन पटनायक एक रिटायर्ड व्यक्ति की तरह जीवन व्यतीत करते हैं. उनकी सेहत को लेकर भी तरह-तरह की खबरें आती हैं. लेकिन इन सबके बीच जब चुनाव आता है तो राज्य की जनता आंख मूंदकर उन पर विश्वास जताती है. राजनीतिक ग्लैमर से दूर रहने वाले नवीन पटनायक का एक वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ. वो अपने ड्राइंग रूम में बैठे भारतीय हॉकी ओलंपिक टीम का ताली बजाकर उत्साह बढ़ा रहे हैं. और इस वीडियो के सामने आने के बाद चर्चा में आई उनके हॉकी को सपोर्ट करने की कहानी...
असल में टोक्यो ओलंपिक में खेल रही भारतीय हॉकी टीम की जर्सी को गौर से देखिएगा. उस पर ओडिशा लिखा मिलेगा. कई लोगों के दिमाग में शायद यह सवाल आया होगा कि हॉकी टीम के खिलाड़ियों की टीशर्ट पर किसी राज्य का नाम क्यों छापा गया है. दरअसल, जब राष्ट्रीय खेल को आयोजक की तलाश थी, तब नवीन पटनायक ही थे जो सामने आए. 2018 से ओडिशा भारतीय हाकी टीम की प्रायोजक है. उस वक्त सहारा कंपनी वित्तीय संकट से गुजर रही थी.
यूं कह लीजिए कि हाकी के लिए ओडिशा का योगदान अतुलनीय है. नवीन पटनायक ने हॉकी टीम का तब साथ दिया जब उसका कोई सहारा नहीं था. टीम को स्पॉन्सर करने वाला कोई नहीं था. उड़ीसा राज्य सरकार पिछले तीन वर्षों से पुरुष और महिला टीम को स्पॉन्सर कर रही है. 2018 में उड़ीसा ने हॉकी वर्ल्ड कप की मेजबानी भी की थी. ओडिशा हर साल टीम को 20 करोड़ रुपये देता है.
इतना ही नहीं, ओडिशा देश में किसी राष्ट्रीय टीम को स्पॉन्सर करने वाला इकलौता राज्य है. तो अब समझ आ गया होगा कि क्यों खिलाड़ियों की जर्सी पर ओडिशा लिखा है और क्यों नवीन पटनायक की तारीफों के पुल बाधे जा रहे हैं. चलिए अब उस नेता की बात की जाए जो शांत रहकर सारी जिम्मेदारियां चुपचाप निभाता है, वो भी बिना किसी दिखावे के...
बात इस सौम्य राजनेता की
देश में इतने बड़े-बड़े मुद्दे होकर चले जाते हैं, लेकिन सौम्य नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले नवीन पटनायक का नाम कहीं नहीं उछलता. जब कोरोना की पहली लहर आई थी तब देश के लोगों को ये पता चला था कि उड़ीसा ने बहुत अच्छी तरह से इस महामारी से निपटने का काम किया है. उड़ीसा ने इस कोरोना महामारी को फैलने नहीं दिया. इस समय में भी नवीन पटनायक ने कहीं भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह नहीं बताया कि यह कैसे संभव हुआ. हालांकि उड़ीसा सरकार के कुछ अधिकारियों ने इस बारे में जरूर जानकारी दी थी और उनके इंटरव्यू प्रकाशित हुए थे लेकिन नवीन पटनायक का कुछ नहीं छपा था. वे कभा पब्लिक में आते ही नहीं है.
जबकि हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जब नेता अपने प्रचार-प्रसार में जुटे रहते हैं तो ये कौन सा नेता है जो कमरे में बंद रहकर, किसी को न दिखकर भी इतने सालों से लागातार जीतता चला आ रहा है. इसी बीच अचानक से हॉकी की कहानी सामने आती है जब गुदड़ी के लाल ओलंपिक में कमाल करते हैं तब खोजा जाता है कि इसके पीछे कौन है. तब लोगों को पता चलता है कि नवीन पटनायक. तब इनका एक वीडियो सामने आता है जब वे अपने ड्राइंग रूम में बैठकर घरेलू कपड़ों में टीम को चीयर करते दिखते हैं. बस इतनी सी ही बात होती है और फिर गायब हो जाती है. अब अगली बार नवीन पटनायक कब दिखेंगे पता नहीं.
एक ऐसे समय में जब यह बात चल रही हो कि 2024 के चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी का चैलेंजर कौन होगा. मोदी के साथ कौन रहेगा...ऐसी बहुत सी बातें होती हैं तब भी उनकी कोई राय नहीं आती. बहुत से लोगों को तो पता ही नहीं होगा कि नवीन पटनायक दून स्कूल में पढ़ाई के समय गोलकीपर के रूप में हॉकी खेलते थे.
पटनायक ने कभी भी सार्वजनिक रूप से खेल के प्रति अपने प्यार का इजहार ही नहीं किया. इस तरह यह एक रहस्यमयी राजनेता कहे जा सकते हैं. जो काम तो करता है लेकिन अपना प्रचार नहीं. नवीन पटनायक ने चक्रवात के कहर से बुरी तरह प्रभावित उड़ीसा के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग की थी.
पटनायक की छवि ईमानदार और स्वच्छ नेता के रूप में जानी जाती है. कई लोगों का मानना है कि पटनायक की नरम मुस्कान के पीछे आधुनिक राजनीति का सख्त धुरंधर शख्स छिपा है. नवीन पटनायक एक लेखक, कलाप्रेमी और चतुर राजनीतिज्ञ हैं. वे ऊपर से भले ही शांत दिखते हों लेकिन विरोधियों, पार्टी के बागियों के साथ ही कुदरती और सियासी तूफानों से निपटने का हुनर उन्हें बखूबी आता है और यही उनकी सफलता की कुंजी भी है. यही वजह है कि वे 21 साल से अदृिश्य मुख्यमंत्री हैं.
ओडिशा से पुरुष हाकी टीम में उप कप्तान वीरेन्द्र लाकरा आते हैं, जबकि महिला टीम में दीप ग्रेस एक्का शामिल हैं. बस इतनी सी ही है भागीदारी, लेकिन नवीन पटनायक ने टीम को स्पॉन्सर किया क्योंकि कोई और आगे नहीं आया. इनकी यही क्वालिटी जनता का दिल हर बार जीत लेती है.
वहीं नवीन पटनाक ने इसके लिए अपना प्रचार नहीं किया. इस जमाने में जब नेता कोई छोटा भी काम करते हैं तो उसके जरिए अपना नाम कमाने की पूरी कोशिश करता है. चुनाव में हर अपने किए गए हर काम को बढ़ा-चढ़ा कर जनता से बताते हैं और उसे भुनाकर वोटबैंक हांसिल करने की कोशिश करते हैं. नवीन पटनायक, कुदरती और सियासी तूफानों को झेलने में माहिर माने जाते हैं. नवीन पटनायक कभी भी अपने नाम का ढोल पीटने में यकीन नहीं रखते. आपका इस बारे में क्या कहना है...
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