बीफ, घर वापसी, लव जेहाद और असहिष्णुता को लेकर इतनी बहस हो चुकी है कि अब तक आपके कान पक चुके होंगे. लेकिन गुरुवार को जब घुमा फिरा कर यही मुद्दा एक बार फिर संसद में पहुंचा तो ऐसी ऐसी बातें सुनने को मिलीं कि आप हैरत में पड़ जाएंगे कि हमारे सांसदों को आखिर हो क्या गया है. कुछ बयान हंसाने वाले थे तो कुछ ऐसे कि आप सुन कर ही चकरा जाएं. मौका था गाय की तस्करी के शक में, देश के अलग अलग हिस्सों में पशु व्यापारियों पर हो रहे हमलों पर चर्चा का.
1. गाय गोबर देती है, वोट नहीं
जेडीयू के सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने बीफ पर राजनीति करने को लेकर बीजेपी पर करारा हमला बोला और विपक्ष की तरफ से खूब तालियां बटोरीं. बलियावी ने हिन्दुस्तानी जबान में तकरीर करते हुए कहा कि बिहार के चुनाव में बीजेपी के नेता गाय के गले में माला डालकर घुमाते रहे. शायद इस उम्मीद में कि लोग धर्म के आधार पर बंट कर उसे जिता देंगे. लेकिन मैं धन्यवाद देता हूं गाय का जिसने बीजेपी को बता दिया कि वो दूध और गोबर दो दे सकती है, लेकिन वोट नहीं. पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा.
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2. संसद की सीट पर किसका लेदर?
लोक सभा और राज्य सभा में सांसदों की जो सीट आप तस्वीरों में देखते हैं उस पर लेदर लगा हुआ है. नेताओं को इस सीट पर बैठ कर राजनीति करते तो आप रोज देखते होंगे, लेकिन बीफ की बहस में सीट खुद राजनीति का मुद्दा बन गयी. गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि गाय की तस्करी के शक में मुसलमानों को जिस तरह से निशाना बनाया जा रहा है वो वाकई डराने वाला है. क्या गाय इंसानों की जिन्दगी से बढ़ कर है? अगर ऐसा है तो संसद की सीट पर जो लेदर लगा है उसकी भी जांच करा ली जाए कि वो किस जानवर का है. कहीं ऐसा न हो कल हमारी सीट को...
बीफ, घर वापसी, लव जेहाद और असहिष्णुता को लेकर इतनी बहस हो चुकी है कि अब तक आपके कान पक चुके होंगे. लेकिन गुरुवार को जब घुमा फिरा कर यही मुद्दा एक बार फिर संसद में पहुंचा तो ऐसी ऐसी बातें सुनने को मिलीं कि आप हैरत में पड़ जाएंगे कि हमारे सांसदों को आखिर हो क्या गया है. कुछ बयान हंसाने वाले थे तो कुछ ऐसे कि आप सुन कर ही चकरा जाएं. मौका था गाय की तस्करी के शक में, देश के अलग अलग हिस्सों में पशु व्यापारियों पर हो रहे हमलों पर चर्चा का.
1. गाय गोबर देती है, वोट नहीं
जेडीयू के सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने बीफ पर राजनीति करने को लेकर बीजेपी पर करारा हमला बोला और विपक्ष की तरफ से खूब तालियां बटोरीं. बलियावी ने हिन्दुस्तानी जबान में तकरीर करते हुए कहा कि बिहार के चुनाव में बीजेपी के नेता गाय के गले में माला डालकर घुमाते रहे. शायद इस उम्मीद में कि लोग धर्म के आधार पर बंट कर उसे जिता देंगे. लेकिन मैं धन्यवाद देता हूं गाय का जिसने बीजेपी को बता दिया कि वो दूध और गोबर दो दे सकती है, लेकिन वोट नहीं. पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा.
इसे भी पढ़ें: वाह रे वोट पॉलिटिक्स! गाय बचाओ, सांड को मरने दो
2. संसद की सीट पर किसका लेदर?
लोक सभा और राज्य सभा में सांसदों की जो सीट आप तस्वीरों में देखते हैं उस पर लेदर लगा हुआ है. नेताओं को इस सीट पर बैठ कर राजनीति करते तो आप रोज देखते होंगे, लेकिन बीफ की बहस में सीट खुद राजनीति का मुद्दा बन गयी. गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि गाय की तस्करी के शक में मुसलमानों को जिस तरह से निशाना बनाया जा रहा है वो वाकई डराने वाला है. क्या गाय इंसानों की जिन्दगी से बढ़ कर है? अगर ऐसा है तो संसद की सीट पर जो लेदर लगा है उसकी भी जांच करा ली जाए कि वो किस जानवर का है. कहीं ऐसा न हो कल हमारी सीट को लेकर भी विवाद हो जाए!
3. आप मोदी की Tolerance देखिए जनाब!
जब गाय और बीफ जैसे संवेदनशील मसले पर राज्य सभा में बहस हो रही थी तो गृह मंत्री राजनाथ सिंह पूरे समय सदन में मौजूद थे. लेकिन सरकार की तरफ से जवाब देने की बारी आयी तो सोची समझी रणनीति के तहत जवाब देने के लिए गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजु उठे. रिजिजु न सिर्फ अल्पसंख्यक बौद्ध समुदाय के हैं बल्कि खुलेआम खुद कह चुके हैं कि वो बीफ खाते हैं. विपक्ष के नेता गोल मोल जवाब देने के लिए रिजिजु की खिंचाई कर ही रहे थे कि रिजिजु ने बड़ी मासूमियत से हिन्दी में ऐसी बात कह दी कि सबको हंसी आ गयी. उन्होने कहा, हमारे प्रधानमंत्री मोदी पर सोशल मीडिया में इतने हमले हुए, इतना बदनाम किया गया, लेकिन क्या उन्होंने किसी के खिलाफ कारवाई की? जबकि पहले कई सरकारें ऐसा कर चुकी हैं. आप मोदी जी की Tolerance देखिए जनाब!
4. तो मुर्गे का कत्ल भी बंद करो
जेडीयू सांसद गुलाम रसूल बलियावी आज पूरे फॉर्म में थे. काली टोपी, लहराती दाढ़ी और पान के साथ एक से एक जुमले. बलियावी ने कहा कि माहौल ऐसा बनाया जा रहा है कि दूसरे लोग तय करेंगे कि किसको क्या खाना है. "अगर बीफ को लेकर ऐसी हाय तौबा है तो दूसरे बेचारे दूसरे जानवरों ने क्या बिगाड़ा है. क्यों न मुर्गे, बकरे, भैंसे सबके कत्ल पर पाबंदी लगाई जाए. मुसलमान शाकाहारी बनने को तैयार हैं, लेकिन दूसरे लोगों को ज्यादा परेशानी हो जाएगी."
मुर्गे पर चर्चा... |
5. तो क्या इंसान खाना भी शुरू कर दें?
बलियावी अपनी शानदार तकरीर पर मिली वाहवाही का लुत्फ उठा ही रहे थे कि सदन में एक ऐसा सवाल उछाला गया जिससे उनकी बोलती बंद हो गयी. सवाल उठाने वाले सांसद थे बीजेपी के वासवराज पाटिल जो इस तर्क से जरा भी सहमत नहीं थे कि हर किसी को अपनी पसंद का भोजन करने की आजादी होनी चाहिए. उनकी चिंता थी कि देश में गायों की संख्या तेजी से कम हो रही है. पाटिल ने कहा "खाने के मामले में सिर्फ अपनी इच्छा की बात करना ठीक तर्क नहीं है. एक देश में ईदी अमीन इंसान का मांस खाता था. तो क्या इच्छा होने से इंसान खाना भी शुरू कर देगें?"
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राजनाथ सिंह ने इस मामले पर सरकार का लिखित जवाब सदन में पेश किया जिसमें कहा गया कि पशु व्यापारियों के खिलाफ हिंसा से निपटना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.