गुजरात के वोटरों ने नोटा को बसपा और एनसीपी जैसी पार्टियों से ज्यादा चुना. राजनीतिक पार्टियों के प्रति लोगों की ये बेरुखी बहुत कुछ बयान करती है.
गुजरात चुनावों की तस्वीर साफ हो चुकी है. लगातार छठी बार भाजपा वहां सरकार बनाएगी. गुजरात की जनता ने ईवीएम पर सबसे ज्यादा भाजपा के बटन को ही दबाया. दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी रही और तीसरे पर निर्दलीय उम्मीदवारों को मत मिले. लेकिन चौथे नंबर पर? चौथे नंबर पर लोगों ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) पर भरोसा जताया.
वोटरों ने नोटा पर भरोसा जताया
चुनाव आयोग ने जो आंकड़े जारी किए उसके अनुसार लगभग 5,49,692 लोगों यानी 1.8 प्रतिशत लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया. खास बात तो ये है कि बसपा और एनसीपी जैसी पार्टियों से ज्यादा प्रतिशत नोटा का है. अगर तुलनात्मक रूप से देखें तो भाजपा को 49.1 प्रतिशत वोट यानी 1,46,38,918 लोगों का वोट मिला. वहीं दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 41.4 प्रतिशत यानी 1,23,43,326 वोट मिले.
मौजूदा खबर तक भाजपा को 99 सीटें मिल सकती हैं. इसमें से 84 वो जीत चुकी है और 15 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं कांग्रेस 77 सीटों पर कब्जा जमाएगी. इसमें से 70 सीटों पर उन्होंने कब्जा कर लिया है और 7 पर बढ़त बनाए हुए है. मतलब आखिरी नतीजे आने तक नोटा के आंकड़े बदल भी सकते हैं.
गुजरात चुनावों की तस्वीर साफ हो चुकी है. लगातार छठी बार भाजपा वहां सरकार बनाएगी. गुजरात की जनता ने ईवीएम पर सबसे ज्यादा भाजपा के बटन को ही दबाया. दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी रही और तीसरे पर निर्दलीय उम्मीदवारों को मत मिले. लेकिन चौथे नंबर पर? चौथे नंबर पर लोगों ने नोटा (इनमें से कोई नहीं) पर भरोसा जताया.
वोटरों ने नोटा पर भरोसा जताया
चुनाव आयोग ने जो आंकड़े जारी किए उसके अनुसार लगभग 5,49,692 लोगों यानी 1.8 प्रतिशत लोगों ने नोटा का इस्तेमाल किया. खास बात तो ये है कि बसपा और एनसीपी जैसी पार्टियों से ज्यादा प्रतिशत नोटा का है. अगर तुलनात्मक रूप से देखें तो भाजपा को 49.1 प्रतिशत वोट यानी 1,46,38,918 लोगों का वोट मिला. वहीं दूसरे नंबर पर रही कांग्रेस को 41.4 प्रतिशत यानी 1,23,43,326 वोट मिले.
मौजूदा खबर तक भाजपा को 99 सीटें मिल सकती हैं. इसमें से 84 वो जीत चुकी है और 15 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. वहीं कांग्रेस 77 सीटों पर कब्जा जमाएगी. इसमें से 70 सीटों पर उन्होंने कब्जा कर लिया है और 7 पर बढ़त बनाए हुए है. मतलब आखिरी नतीजे आने तक नोटा के आंकड़े बदल भी सकते हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.