यूपी में 403 विधानसभा सीटों के लिए इस बार सात चरणों में मत डाले गए थे. आख़िरी चरण में पूर्वांचल की सीटें थीं. इनमें काशी और उसके आसपास की विधानसभा सीटें शामिल हैं जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा सांसद हैं. सातवें चरण में कई दिग्गज मैदान में हैं जो कहीं ना कहीं विधानसभा चुनाव के केंद्र में रहें या उनके आसपास चर्चाएं होती रहीं. इनमें प्रमुख रूप से अखिलेश यादव के सहयोगी नेता ओमप्रकाश राजभर, मुख्तार अंसारी और चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा छोड़ सपा जॉइन करने वाले दारा सिंह चौहान की सीटें प्रमुख हैं.
सातवें चरण में 9 जिलों की 54 सीटों के लिए मोदी ने काशी में कैम्पिंग की थी. उन्होंने काशी समेत पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी सभाएं कीं. खुद मुख्यमंत्री योगी भी गोरखपुर से उम्मीदवार थे. साफ़ है कि मोदी की प्रतिष्ठा के साथ ही योगी, अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद की भी प्रतिष्ठा दांव पर थी. विपक्ष से अखिलेश के साथ उनके सहयोगियों ओमप्रकाश राजभर, कृष्णा पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्य का नेतृत्व कसौटी पर है. जहां तक काशी (वाराणसी) की बात है जिले की आठ विधानसभा सीटों (पिंडरा, अजगरा, शिवपुर, रोहनिया, वाराणसी नॉर्थ, वाराणसी साउथ, वाराणसी कैंट, और सेवापुरी) के ताजा मतगणना रुझान में भाजपा सात सीटों पर आगे है. पिछले चुनाव में यहां की आठ में से सात सीटों पर भाजपा ने विजय दर्ज की थी.
आइए सात हॉट सीटों का हाल जानते हैं:
ओमप्रकाश राजभर और मुख्तार अंसारी.
#1. अखिलेश के सहयोगी ओमप्रकाश राजभर का क्या हाल है
सुभासपा नेता और अखिलेश के अहम गठबंधन सहयोगी ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. राजभर मतों की राजनीति करने वाले ओमप्रकाश ने चुनाव में योगी सरकार पर जमकर...
यूपी में 403 विधानसभा सीटों के लिए इस बार सात चरणों में मत डाले गए थे. आख़िरी चरण में पूर्वांचल की सीटें थीं. इनमें काशी और उसके आसपास की विधानसभा सीटें शामिल हैं जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा सांसद हैं. सातवें चरण में कई दिग्गज मैदान में हैं जो कहीं ना कहीं विधानसभा चुनाव के केंद्र में रहें या उनके आसपास चर्चाएं होती रहीं. इनमें प्रमुख रूप से अखिलेश यादव के सहयोगी नेता ओमप्रकाश राजभर, मुख्तार अंसारी और चुनाव से ठीक पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा छोड़ सपा जॉइन करने वाले दारा सिंह चौहान की सीटें प्रमुख हैं.
सातवें चरण में 9 जिलों की 54 सीटों के लिए मोदी ने काशी में कैम्पिंग की थी. उन्होंने काशी समेत पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी सभाएं कीं. खुद मुख्यमंत्री योगी भी गोरखपुर से उम्मीदवार थे. साफ़ है कि मोदी की प्रतिष्ठा के साथ ही योगी, अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद की भी प्रतिष्ठा दांव पर थी. विपक्ष से अखिलेश के साथ उनके सहयोगियों ओमप्रकाश राजभर, कृष्णा पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्य का नेतृत्व कसौटी पर है. जहां तक काशी (वाराणसी) की बात है जिले की आठ विधानसभा सीटों (पिंडरा, अजगरा, शिवपुर, रोहनिया, वाराणसी नॉर्थ, वाराणसी साउथ, वाराणसी कैंट, और सेवापुरी) के ताजा मतगणना रुझान में भाजपा सात सीटों पर आगे है. पिछले चुनाव में यहां की आठ में से सात सीटों पर भाजपा ने विजय दर्ज की थी.
आइए सात हॉट सीटों का हाल जानते हैं:
ओमप्रकाश राजभर और मुख्तार अंसारी.
#1. अखिलेश के सहयोगी ओमप्रकाश राजभर का क्या हाल है
सुभासपा नेता और अखिलेश के अहम गठबंधन सहयोगी ओमप्रकाश राजभर गाजीपुर जिले की जहूराबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. राजभर मतों की राजनीति करने वाले ओमप्रकाश ने चुनाव में योगी सरकार पर जमकर निशाने साधे. रुझानों में भले ही उनका गठबंधन बहुत कुछ करता नजर नहीं आ रहा है मगर 90359 मतों के साथ अपनी सीट पर वे सजातीय भाजपा उम्मीदवार से काफी आगे हैं. भाजपा ने बसपा से आए कालीचरण राजभर को मैदान में उतारा था. उन्हें 52585 मत मिला है. तीसरे नंबर पर दिख रही बसपा ने यहां सैयदा शादाब फातिमा को मैदान में उतारा है. फातिमा 43082 वोट से पीछे चल रही हैं.
#2. शिवपुर में हारते दिख रहे हैं ओमप्रकाश राजभर के बेटे
मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की शिवपुर विधानसभा सीट से ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद उम्मीदवार हैं. यहां भाजपा ने योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर को मैदान में उतारा है. अनिल राजभर को 115231 वोट मिले. जबकि ओम प्रकाश के बेटे को 87544 वोट मिले हैं. बसपा उम्मीदवार रवि मौर्य 40601 मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं.
#3. रुझान में कहां है मुख्तार अंसारी की राजनीतिक विरासत
मऊ सदर विधानसभा सीट पर कई सालों से जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा है. मुख्तार के बाहुबल को भाजपा ने मुद्दा बनाया था. यहां मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी सुभासपा के टिकट पर गठबंधन की ओर से मैदान में हैं. शुरुआती रुझानों में अब्बास बड़े अंतर से पीछे थे लेकिन उन्होंने निर्णायक बढ़त बनाई. उन्हें 124501 मत मिले. भाजपा के अशोक कुमार सिंह 86274 मतों के साथ दूसरे नंबर पर हैं. बसपा के भीम राजभर 44340 मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं.
#4. फूलपुर पवई में स्थापित होगा किसका वर्चस्व?
अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ की फूलपुर पवई विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल बताई जा रही है. पिछले चुनाव में यहां भाजपा के अरुणकांत यादव ने जीत हासिल की थी. यह जिले में भाजपा की एकमात्र सीट थी. अरुणकांत के पिता रमाकांत यादव के सपा में चले जाने की वजह से भाजपा ने इस बार यहां से राम सूरत को मैदान में उतारा था. जबकि सपा के टिकट पर रमाकांत मैदान में थे. उन्हें 61134 मत मिले. भाजपा उम्मीदवार राम सूरत 44596 मतों के साथ दूसरे नंबर पर और बसपा के शकील अहमद 38400 मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं.
#5. स्वामी के खासमख़ास दारा सिंह चौहान का क्या हो रहा
चुनाव की घोषणा से पहले तक दारा सिंह चौहान भाजपा सरकार में मंत्री थे. स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा जॉइन किया और घोषी से मैदान में थे. पिछली बार मधुबन से लड़ने वाले दारा सिंह 108430 मतों के साथ पहले नंबर पर हैं. जबकि भाजपा के विजय राजभर 86214 मतों के साथ दूसरे स्थान पर चल रहे हैं. रुझानों में यहां बसपा उम्मीदवार वसीम 54248 मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं.
#6. बाहुबली धनंजय सिंह हार रहे या जीत की ओर बढ़ रहे आगे
जौनपुर के बाहुबली विधायक धनंजय सिंह चुनाव के दौरान खूब चर्चा में रहे. धनंजय सिंह जिले की मल्हनी विधानसभा सीट जेडीयू के टिकट पर मैदान में हैं. 79830 मतों के साथ दूसरे नंबर पर हैं. जबकि सपा के लकी यादव 97357 मतों के साथ पहले नंबर पर हैं. लकी यादव मुलायम के खासमख़ास रहे दिवंगत पारसनाथ यादव के बेटे हैं. जबकि बसपा उम्मीदवार शैलेन्द्र यादव 24007 मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं.
#7. बाहुबली विजय मिश्रा का तो हाल बुरा है
सातवें चरण में भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट पर भी सबकी नजरें हैं. यहां से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा प्रगतिशील मानव समाज पार्टी उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं. हालांकि 34985 मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं. समाजवादी पार्टी के राम किशोर बिंद 67215 मतों के साथ दूसरे और भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी के उम्मीदवार विपुल दुबे 73446 मतों के साथ पहले नंबर पर हैं.
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