अपने स्कूल कॉलेज (School College) के दिनों को याद करिये. जब टीचर पढ़ा रहा हो, और कुछ शरारती बच्चे आपस में बात कर रहे हों. टीचर द्वारा उन शरारती बच्चों को क्लास के बाहर हाथ ऊपर करके खड़ा होने का या फिर मुर्गा बन जाने का फ़रमान सुना दिया जाता था. दूसरे बच्चे उन्हें देखते और ये बिगड़ैल बच्चे उन बच्चों की नजर में हंसी का पात्र बनते. सवाल होगा कि ऐसा क्यों होता है ? तो कारण उन बच्चों को शर्मिंदगी का एहसास कराना. अब इन बातों को अगर हम मनोविज्ञान (Psychology) की दृष्टि से देखें तो मिलता कि अगर किसी दोषी को सजा के बजाए शर्मिंदा किया जाए तो सुधार की गुंजाइश ज्यादा होती है. भारतीय राजनीति में ये बात किसी को समझ में आई हो या न आई हो यूपी के मुख्यमंत्री (P CM) योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस बात को बखूबी समझते हैं. शायद यही वो कारण है कि यौन अपराध, महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों से छेड़खानी, दुर्व्यहार करने वालों के लिए जो फरमान यूपी के मुखिया ने सुनाया है वो क़ाबिल ए तारीफ़ है. खबर है कि ऐसे अपराधियों के पोस्टर (Posters) अब शहर के चौराहों पर लगाए जाएंगे. योगी आदित्यनाथ ने CAA की तर्ज पर ऐसे आरोपियों की तस्वीरें सार्वजिक स्थल पर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने गृह और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटें.
बताते चलें कि यूपी में महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और यौन अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं बात अगर प्रशासन की हो तो वो भी इस दिशा में खासा गंभीर है और बिना किसी देरी के ऐसे अपराधियों पर नकेल कस रहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है दुराचारियों और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर...
अपने स्कूल कॉलेज (School College) के दिनों को याद करिये. जब टीचर पढ़ा रहा हो, और कुछ शरारती बच्चे आपस में बात कर रहे हों. टीचर द्वारा उन शरारती बच्चों को क्लास के बाहर हाथ ऊपर करके खड़ा होने का या फिर मुर्गा बन जाने का फ़रमान सुना दिया जाता था. दूसरे बच्चे उन्हें देखते और ये बिगड़ैल बच्चे उन बच्चों की नजर में हंसी का पात्र बनते. सवाल होगा कि ऐसा क्यों होता है ? तो कारण उन बच्चों को शर्मिंदगी का एहसास कराना. अब इन बातों को अगर हम मनोविज्ञान (Psychology) की दृष्टि से देखें तो मिलता कि अगर किसी दोषी को सजा के बजाए शर्मिंदा किया जाए तो सुधार की गुंजाइश ज्यादा होती है. भारतीय राजनीति में ये बात किसी को समझ में आई हो या न आई हो यूपी के मुख्यमंत्री (P CM) योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) इस बात को बखूबी समझते हैं. शायद यही वो कारण है कि यौन अपराध, महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों से छेड़खानी, दुर्व्यहार करने वालों के लिए जो फरमान यूपी के मुखिया ने सुनाया है वो क़ाबिल ए तारीफ़ है. खबर है कि ऐसे अपराधियों के पोस्टर (Posters) अब शहर के चौराहों पर लगाए जाएंगे. योगी आदित्यनाथ ने CAA की तर्ज पर ऐसे आरोपियों की तस्वीरें सार्वजिक स्थल पर चस्पा करने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ ने गृह और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश दिया है कि वो ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटें.
बताते चलें कि यूपी में महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ और यौन अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. वहीं बात अगर प्रशासन की हो तो वो भी इस दिशा में खासा गंभीर है और बिना किसी देरी के ऐसे अपराधियों पर नकेल कस रहा है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है दुराचारियों और अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर तत्काल प्रभाव में कार्रवाई की जाए.
वहीं मुख्यमंत्री ने ये भी कहा है कि इस तरह के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ साथ उनके मदगारों के नाम भी उजागर किए जाएं. मामले में दिलचस्प बात ये है कि ऐसे अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस, महिला पुलिस कर्मियों की मदद लेगी. बताया जा रहा है कि प्रशासन महिला पुलिस कर्मियों को चौराहों पर खड़ा करेगी और वहीं से ये लोग ऐसे अपराधियों की निगरानी करेंगे.
गौरतलब है कि ऐसे अपराधों पर लगाम लग सके इसलिए पुलिस महकमा और गृह विभाग दोनों ही इस दिशा में गंभीर हुए हैं. ऐसे मामलों के लिए विभागीय स्तर पर भी सख्ती बरती जा रही है और कहा गया है कि कहीं भी महिलाओं के साथ कोई आपराधिक घटना हुई तो संबंधित बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और सीओ की जिम्मेदारी तय होगी.आम नागरिकों की सुरक्षा के प्रति गंभीर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी इस नई पहल पर एंटी रोमियो स्क्वाड का भी उदाहरण दिया है. सीएम योगी ने कहा है कि जिस तरह एंटी रोमियो स्क्वाड ने प्रभावी कार्रवाई की है वैसे ही ऐसे मामलों पर हर जनपद की पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई करे.
महिला सुरक्षा के प्रति गंभीर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस पहल ने सूबे के अधिकारियों को भी सक्रिय कर दिया है. निर्देश स्वयं अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने जारी किए हैं. अपर मुख्य सचिव गृह ने इसके बाद एक बैठक भी की है जिसमें दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शने की बात की गयी है.राज्य सरकार की इस पहल पर अवनीश अवस्थी ने कहा है कि जनमानस में पुलिस की बेहतर छवि का प्रदर्शन किया जाए ताकि महिलाओं व बालिकाओं में पुलिस के प्रति विश्वास और अधिक बढ़े.
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने गृह और पुलिस विभाग से जुड़े सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि महिलाओं व बालिकाओं के विरूद्ध होने वाली किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जाए और अपराधियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए. वहीं डीजीपी ने पुलिस महकमे को निर्देशित किया है कि महिलाओं/बच्चियों के साथ घटित होने वाले अपराधों का तत्काल पंजीकरण कर नामित अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाए. जनपदों में गठित एन्टी रोमियों स्क्वायड द्वारा अनवरत अभियान चलाया जाए और खास तौर पर महिला पुलिस कर्मियों को इस स्क्वायड में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए लगाया जाए.
योगी सरकार की इस नई योजना पर कुछ कहना अभी जल्दबाजी है. लेकिन जैसे इरादे मुख्यमंत्री के हैं और जिस तरह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आम लोगों के प्रति सजग हैं. उससे इतना तो साफ है कि इस योजना का सीधा असर जनता को दिखेगा. वहीं बात अगर फायदे की हो तो योगी आदित्यनाथ को अपनी इस योजना के परिणाम 22 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दिखेंगे.
कुल मिलाकर कहा यही जा सकता है कि यदि योगी आदित्यनाथ अपनी इस योजना को अमली जामा पहना पाए तो आने वाले वक्त में शहर भर में यौन अपराधियों के पोस्टर सुशासन की दिशा में तुरुप का इक्का साबित होंगे और योगी आदित्यनाथ को फतेह दिलाएंगे.
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