बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार घोषित किया तो टेंशन कांग्रेस के लिए बढ़ गई. साफ सुधरी छवि वाले दलित नेता को सामने खड़ा कर बीजेपी ने नया दांव खेला है. विपक्ष भी अब दलित नेता की तलाश में है और कई नाम भी सामने आए हैं.
रामनाथ कोविंद का किसी नेता से कोई विवाद नहीं रहा. विपक्ष के मन में भी ये बात चल रही है कि कोविंद का तोड़ आखिर कैसे निकाला जाए. कांग्रेस की नजर में 4 नाम ऐसे हैं जिनमें से वो उम्मीदवार घोषित कर सकती है. फिलहाल पार्टी इन नामों पर विचार कर रही है.
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार उतार सकता है. गैर-एनडीए दलों के 22 जून को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक करने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, भारिपा बहुजन महासंघ के नेता और डॉ. बी आर अंबेडकर के पौत्र प्रकाश यशवंत अंबेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र और सेवानिवृत नौकरशाह गोपालकृष्ण गांधी पर विपक्षी पार्टियां विचार कर रही हैं.
इन चारों नामों में से किसी एक पर पूरे के पूरे विपक्ष के सहमत होने की उम्मीद बहुत कम नजर आ रही है. पूर्व लोसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की तो इन पर कांग्रेस को छोड़कर बाकी दलों को आपत्ति हो...
बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद को उम्मीदवार घोषित किया तो टेंशन कांग्रेस के लिए बढ़ गई. साफ सुधरी छवि वाले दलित नेता को सामने खड़ा कर बीजेपी ने नया दांव खेला है. विपक्ष भी अब दलित नेता की तलाश में है और कई नाम भी सामने आए हैं.
रामनाथ कोविंद का किसी नेता से कोई विवाद नहीं रहा. विपक्ष के मन में भी ये बात चल रही है कि कोविंद का तोड़ आखिर कैसे निकाला जाए. कांग्रेस की नजर में 4 नाम ऐसे हैं जिनमें से वो उम्मीदवार घोषित कर सकती है. फिलहाल पार्टी इन नामों पर विचार कर रही है.
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार उतार सकता है. गैर-एनडीए दलों के 22 जून को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बैठक करने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे, भारिपा बहुजन महासंघ के नेता और डॉ. बी आर अंबेडकर के पौत्र प्रकाश यशवंत अंबेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र और सेवानिवृत नौकरशाह गोपालकृष्ण गांधी पर विपक्षी पार्टियां विचार कर रही हैं.
इन चारों नामों में से किसी एक पर पूरे के पूरे विपक्ष के सहमत होने की उम्मीद बहुत कम नजर आ रही है. पूर्व लोसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की तो इन पर कांग्रेस को छोड़कर बाकी दलों को आपत्ति हो सकती है. खासकर BSP और SP को. इन दोनों ही पार्टी का पूरा जनाधार यूपी में है.
ऐसे में अगर रामनाथ कोविंद के राष्ट्रपति न बनने की कोशिश ये पार्टी करती है तो प्रदेश में पार्टी का इसका विपरीत असर पड़ सकता है. बता दें, ये पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश का व्यक्ति पहली बार राष्ट्रपति बन सकता है. ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव में दोनों ही पार्टी फंसी हुई नजर आ रही है.
लेफ्ट और ममता बेनर्जी भी मीरा कुमार और सुशील कुमार शिंदे के नाम पर सहमत नहीं हैं. ममता पहले ही महात्मा गांधी के पौत्र गोपाल कृष्ण गांधी के नाम पर अपनी सहमती जता चुका हैं. लेकिन कांग्रेस की पहली पसंद मीरा कुमार ही हैं. आखिर विपक्ष का उम्मीदवार होगा कौन, अब ये तो 22 जून को ही पता चलेगा जब विपक्ष की बैठक होगी. लेकिन जिस तरह बीजेपी ने ये दांव खेला है उसके सामने सभी विपक्षी दल टेंशन में जरूर आ गए हैं.
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