विजय क्या है? इस प्रश्न की सैकड़ों परिभाषाएं हो सकती हैं. मगर सबसे सार्थक परिभाषा होगी, दुश्मनी के बावजूद, एक दुश्मन का दूसरे दुश्मन के काम की तारीफ़ करना. ऐसे मौके कम आते हैं और राजनीति में तो इनकी मात्रा लगभग न के बराबर ही रहती है. लेकिन ऐसी नाउम्मीदी में भी पीएम मोदी ने करिश्मा कर दिखाया है. कांग्रेस पार्टी के सबसे तेज तर्रार और देश के इंटीलेक्चुअल्स में शुमार शशि थरूर ने Cowin को लेकर देश के प्रधानमंत्री की शान में ट्विटर पर कसीदे पढ़े हैं. कोरोना और उसकी रोकथाम के मद्देनजर प्रधानमंत्री को लेकर जो कांग्रेस पार्टी और स्वयं राहुल गांधी का रवैया रहा है ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि एक प्रबल कांग्रेसी द्वारा प्रधानमंत्री की तारीफ ने कांग्रेस खेमे की बेचैनी बढ़ा दी है. सवाल ये है कि जैसा पार्टी का फॉरमेट और कार्यप्रणाली है कहीं ये तारीफ थरूर के जी का जंजाल न बन जाए. कांग्रेस पार्टी के विरले नेताओं में शुमार शशि थरूर भले ही केंद्र सरकार और पीएम मोदी की आलोचना के लिए जाने जाते हों मगर जब बात तारीफों की आती है तो वो उतनी ही शिद्दत से प्रधानमंत्री और उनकी नीतियों की तारीफ करते हैं. इस बार फिर थरूर ने सरकार की तारीफ की है. कारण बनी है कोविन ऐप. थरूर के अनुसार कोविन ऐप इजी टू यूज और शानदार है.
बताते चलें कि व्हाट्सअप के जरिए कोविन से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड की सुविधा को लेकर थरूर ने सरकार की तारीफों के पुलिंदे बांधे हैं. ध्यान रहे वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में ऐसे मौके कम ही आते हैं जब एक विरोधी दूसरे विरोधी की तारीफ करे. चूंकि ये मुद्दा कांग्रेस पार्टी में और किसी से नहीं बल्कि शशि थरूर से जुड़ा है हमें इसलिए भी हैरत नहीं होनी चाहिए क्यों...
विजय क्या है? इस प्रश्न की सैकड़ों परिभाषाएं हो सकती हैं. मगर सबसे सार्थक परिभाषा होगी, दुश्मनी के बावजूद, एक दुश्मन का दूसरे दुश्मन के काम की तारीफ़ करना. ऐसे मौके कम आते हैं और राजनीति में तो इनकी मात्रा लगभग न के बराबर ही रहती है. लेकिन ऐसी नाउम्मीदी में भी पीएम मोदी ने करिश्मा कर दिखाया है. कांग्रेस पार्टी के सबसे तेज तर्रार और देश के इंटीलेक्चुअल्स में शुमार शशि थरूर ने Cowin को लेकर देश के प्रधानमंत्री की शान में ट्विटर पर कसीदे पढ़े हैं. कोरोना और उसकी रोकथाम के मद्देनजर प्रधानमंत्री को लेकर जो कांग्रेस पार्टी और स्वयं राहुल गांधी का रवैया रहा है ये कहना अतिश्योक्ति न होगा कि एक प्रबल कांग्रेसी द्वारा प्रधानमंत्री की तारीफ ने कांग्रेस खेमे की बेचैनी बढ़ा दी है. सवाल ये है कि जैसा पार्टी का फॉरमेट और कार्यप्रणाली है कहीं ये तारीफ थरूर के जी का जंजाल न बन जाए. कांग्रेस पार्टी के विरले नेताओं में शुमार शशि थरूर भले ही केंद्र सरकार और पीएम मोदी की आलोचना के लिए जाने जाते हों मगर जब बात तारीफों की आती है तो वो उतनी ही शिद्दत से प्रधानमंत्री और उनकी नीतियों की तारीफ करते हैं. इस बार फिर थरूर ने सरकार की तारीफ की है. कारण बनी है कोविन ऐप. थरूर के अनुसार कोविन ऐप इजी टू यूज और शानदार है.
बताते चलें कि व्हाट्सअप के जरिए कोविन से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड की सुविधा को लेकर थरूर ने सरकार की तारीफों के पुलिंदे बांधे हैं. ध्यान रहे वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में ऐसे मौके कम ही आते हैं जब एक विरोधी दूसरे विरोधी की तारीफ करे. चूंकि ये मुद्दा कांग्रेस पार्टी में और किसी से नहीं बल्कि शशि थरूर से जुड़ा है हमें इसलिए भी हैरत नहीं होनी चाहिए क्यों कि थरूर न केवल सुलझे हुए हैं बल्कि उनके अंदर सच बोलने की हिम्मत है.
गौरतलब है कि देश में कोविड टीकाकरण के लिए अहम Cowin App पर रोज़ नए प्रयोग किये जा रहे हैं ताकि इसका यूजर इंटरफेस उपभोक्ताओं के लिए आसान बनाया जा सके. बात अगर इस ऐप की हो तो जहां इसपर टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन और स्लॉट बुकिंग की जा सकती है तो वहीं इसपर जाकर उपभोगता वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट भी डाउनलोड कर सकते हैं.
प्रोसेस जनता के लिए सुगम रहे इसलिए व्हाट्सएप्प पर मैसेज के जरिये भी इसे हासिल किया जा सकता है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार शशि थरूर को ये सुविधा बहुत पसंद आई है और उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर ट्वीट कर सरकार के प्रयासों की सराहना की है.
मामले के मद्देनजर शशि थरूर ने ट्वीट किया है और लिखा है कि, ''मैंने हमेशा सरकार के अच्छे काम को स्वीकार किया और इसकी तारीफ की है. CO-WIN के आलोचक के रूप में मैं कहूंगा कि उन्होंने बेहद शानदार काम किया है. 9013151515 पर 'download certificate' वॉट्सऐप मैसेज भेजिए, ओटीपी मिलेगा और अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट प्राप्त कर लीजिए. आसान और तेज.''
ये कोई पहली बार नहीं है जब थरूर ने पीएम की तारीफ की और भाजपा की गुड बुक्स में आए. 2019 में उन्होंने तब एक नई बहस को पंख दिये थे जब उन्होंने ये कहा था कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगर अच्छा काम करते हैं तो उसकी प्रशंसा होनी चाहिए.
तब थरूर ने एक ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा था कि, ''मैं 6 साल पहले से ही यह कहता आ रहा हूं कि जब नरेंद्र मोदी अच्छा कहें या अच्छा करें तो उनकी तारीफ होनी चाहिए. इससे जब पीएम गलती करेंगे तो हमारी आलोचना को विश्वसनीयता मिलेगी. मैं इस बात का स्वागत करता हूं कि विपक्ष के अन्य नेता भी इसे मानने लगे हैं.
दिलचस्प ये कि तब उस वक़्त कांग्रेस पार्टी के दो और बड़े नेताओं अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने इस बात की वकालत की थी कि मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है.
पीएम मोदी को कांग्रेस के खेमे से शशि थरूर की तारीफ मिलना इसलिए भी बड़ी बात है क्योंकि थरूर का शुमार उन चुनिंदा लोगों में है जो बड़ी से बड़ी और साधारण से साधारण चीज का पोस्टमार्टम उचित तर्कों के साथ कर देते हैं. चूंकि थरूर का मिजाज अपनी पार्टी और पार्टी के अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी से बहुत अलग है इसलिए मोदी की तारीफ थरूर को मुसीबत में भी डाल सकती है.
बहरहाल भविष्य किसी ने नहीं देखा है. इस तारीफ का नतीजा क्या निकलता है? वो हमें पता चल ही जाएगा. मगर जो बात है अपने राजनीतिक दुश्मन के अच्छे कामों की तारीफ कर थरूर ने ये साबित कर दिया कि वो अपनी जुबान के पक्के हैं, यदि किसी चीज का वादा किया है तो वो मुकरेंगे नहीं.
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