अमृतसर से लगभग 350 किलोमीटर दूर पाकिस्तान सुरंगों का जाल बना रहा है. खबरों के अनुसार पाकिस्तान तीन सुरंगों का निर्माण कर रहा है. इन सुरंगों की लंबाई और चौड़ाई 10 मीटर है, जिनका प्रयोग परमाणु हथियारों को रखने के लिए किया जाएगा. ख़ुफ़िया जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के पास 140 परमाणु हथियार हैं. प्रत्येक सुरंग में 12 से 24 परमाणु हथियारों को रखा जा सकता है. ये सुरंगें मुख्य सड़कों से जुड़ी हुई हैं, ताकि ज़रूरत पड़ने पर परमाणु हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके.
कुछ समय पहले पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने दावा किया था कि उन्होंने कम दूरी की मारक क्षमता वाले परमाणु हथियार बना लिए हैं. पाकिस्तान अनेक प्रकार के संकटों से गुज़र रहा है. वहां लोकतांत्रिक सरकार और सेना के बीच अविश्वास की स्थिति है. आतंकवादी खुले आम सड़कों पर ज़लसे करते हैं. अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. कई स्थानों पर आतंकवादी सरकार को चुनौती दे रहे हैं. ऐसे हालात में यदि पाकिस्तान अपनी परमाणु शक्ति को बढ़ाने में लगा है तो यह भारत के लिए बहुत बड़ी समस्या है. किसी को नहीं पता कि कब पाकिस्तानी परमाणु हथियारों पर आतंकी संगठनों का क़ब्ज़ा हो जाए.
इस परिस्थिति में भारत को अपनी प्रथम प्रयोग निषेध की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए. पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है जिसकी फ़ितरत में छल और कुटिलता कूट-कूट कर भरी है. भारत को ऐसे देश के परिपेक्ष में प्रथम प्रयोग निषेध की परमाणु नीति को स्थगित कर देना चाहिए. हम परमाणु हथियारों के मामले में किसी प्रकार का ज़ोख़िम नहीं ले सकते हैं. परमाणु आक्रमण की स्थिति बड़ी भयावह होती है. सिर्फ़ दो परमाणु बमों ने जापान को द्वितीय विश्व युद्ध में हार मानने के लिए मजबूर कर दिया...
अमृतसर से लगभग 350 किलोमीटर दूर पाकिस्तान सुरंगों का जाल बना रहा है. खबरों के अनुसार पाकिस्तान तीन सुरंगों का निर्माण कर रहा है. इन सुरंगों की लंबाई और चौड़ाई 10 मीटर है, जिनका प्रयोग परमाणु हथियारों को रखने के लिए किया जाएगा. ख़ुफ़िया जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के पास 140 परमाणु हथियार हैं. प्रत्येक सुरंग में 12 से 24 परमाणु हथियारों को रखा जा सकता है. ये सुरंगें मुख्य सड़कों से जुड़ी हुई हैं, ताकि ज़रूरत पड़ने पर परमाणु हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सके.
कुछ समय पहले पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने दावा किया था कि उन्होंने कम दूरी की मारक क्षमता वाले परमाणु हथियार बना लिए हैं. पाकिस्तान अनेक प्रकार के संकटों से गुज़र रहा है. वहां लोकतांत्रिक सरकार और सेना के बीच अविश्वास की स्थिति है. आतंकवादी खुले आम सड़कों पर ज़लसे करते हैं. अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. कई स्थानों पर आतंकवादी सरकार को चुनौती दे रहे हैं. ऐसे हालात में यदि पाकिस्तान अपनी परमाणु शक्ति को बढ़ाने में लगा है तो यह भारत के लिए बहुत बड़ी समस्या है. किसी को नहीं पता कि कब पाकिस्तानी परमाणु हथियारों पर आतंकी संगठनों का क़ब्ज़ा हो जाए.
इस परिस्थिति में भारत को अपनी प्रथम प्रयोग निषेध की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए. पाकिस्तान एक आतंकवादी देश है जिसकी फ़ितरत में छल और कुटिलता कूट-कूट कर भरी है. भारत को ऐसे देश के परिपेक्ष में प्रथम प्रयोग निषेध की परमाणु नीति को स्थगित कर देना चाहिए. हम परमाणु हथियारों के मामले में किसी प्रकार का ज़ोख़िम नहीं ले सकते हैं. परमाणु आक्रमण की स्थिति बड़ी भयावह होती है. सिर्फ़ दो परमाणु बमों ने जापान को द्वितीय विश्व युद्ध में हार मानने के लिए मजबूर कर दिया था.
अतः भारत को पहले अपनी सुरक्षा करनी चाहिए, बाद में आदर्शवाद के बारे में सोचना चाहिए. जब पूरी दुनिया पाकिस्तान पर भरोसा नहीं करती है तो हमें ऐसा करने की क्या ज़रूरत है?
ये भी पढ़ें-
सर्जिकल स्ट्राइक का जश्न मनाने से पहले ये आंकड़े देख लें
एक सर्जिकल स्ट्राइक ने बता दिया कि भारत कोई 'सॉफ्ट' देश नहीं है
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.