छल कपट करने वाला व्यक्ति पर यदि भाग्य मेहरबान हुआ और वो ऐसी स्थिति में आ गया कि सत्ता की कुंजी उसे मिल जाए तो भी वो अपना मूल नहीं त्यागता यानी व्यक्ति अपनी आदतों में तो थोड़े बहुत परिवर्तन कर सकता है लेकिन उसकी फितरत जस की तस रहेगी. क्यों कि छल कपट उसकी फितरत में है इसलिए जब जब उसे मौका मिलेगा वो तब तब अपनी फितरत का परिचय देगा. एक तरफ ये और इससे मिलती जुलती तमाम बातें हैं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हैं जिन्होंने झूठ मक्कारी को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है. ताजा मामला इस्लामाबाद सीट पर सीनेट चुनाव का है. इस सीट पर इमरान खान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. एक महत्वपूर्ण सीट पर मिली हार के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया और अपनी कमियों को छिपाते हुए हमेशा की तरह एक बार फिर झूठ का सहारा लिया है. हालांकि, शनिवार को परलियामेंट के निचले सदन में उन्होंने विपक्ष के बॉयकॉट के बीच विश्वास मत हासिल कर लिया. उन्हें 342 सीटों वाले सदन में 178 वोट मिले. बहुमत से सिर्फ 6 वोट ज्यादा.
राष्ट्र के नाम दिए संदेश में जो बातें इमरान खान ने कहीं. न केवल हार को स्वीकार किया बल्कि उन्होंने इसकी वजहों का भी खुलासा कर दिया है. बताते चलें कि बहुमत परीक्षण में उतरने से पहले इमरान खान ने स्पष्ट किया है कि उनके 15- 15 सांसदों ने अपना सौदा कर लिया है और वो बिक गए हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री झूठ के किस लेवल पर उतर आए हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने ये तक कह दिया कि विपक्ष के लोग उन्हें लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं. इमरान खान ने कहा, ''इनकी सोच थी कि मेरे ऊपर नो कॉन्फिडेंस की तलवार लटकाएंगे और मैं मुझे कुर्सी...
छल कपट करने वाला व्यक्ति पर यदि भाग्य मेहरबान हुआ और वो ऐसी स्थिति में आ गया कि सत्ता की कुंजी उसे मिल जाए तो भी वो अपना मूल नहीं त्यागता यानी व्यक्ति अपनी आदतों में तो थोड़े बहुत परिवर्तन कर सकता है लेकिन उसकी फितरत जस की तस रहेगी. क्यों कि छल कपट उसकी फितरत में है इसलिए जब जब उसे मौका मिलेगा वो तब तब अपनी फितरत का परिचय देगा. एक तरफ ये और इससे मिलती जुलती तमाम बातें हैं दूसरी तरफ पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान हैं जिन्होंने झूठ मक्कारी को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है. ताजा मामला इस्लामाबाद सीट पर सीनेट चुनाव का है. इस सीट पर इमरान खान को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है. एक महत्वपूर्ण सीट पर मिली हार के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित किया और अपनी कमियों को छिपाते हुए हमेशा की तरह एक बार फिर झूठ का सहारा लिया है. हालांकि, शनिवार को परलियामेंट के निचले सदन में उन्होंने विपक्ष के बॉयकॉट के बीच विश्वास मत हासिल कर लिया. उन्हें 342 सीटों वाले सदन में 178 वोट मिले. बहुमत से सिर्फ 6 वोट ज्यादा.
राष्ट्र के नाम दिए संदेश में जो बातें इमरान खान ने कहीं. न केवल हार को स्वीकार किया बल्कि उन्होंने इसकी वजहों का भी खुलासा कर दिया है. बताते चलें कि बहुमत परीक्षण में उतरने से पहले इमरान खान ने स्पष्ट किया है कि उनके 15- 15 सांसदों ने अपना सौदा कर लिया है और वो बिक गए हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री झूठ के किस लेवल पर उतर आए हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने ये तक कह दिया कि विपक्ष के लोग उन्हें लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं. इमरान खान ने कहा, ''इनकी सोच थी कि मेरे ऊपर नो कॉन्फिडेंस की तलवार लटकाएंगे और मैं मुझे कुर्सी से प्यार है तो मैं इनके सारे केस खत्म कर दूंगा. मैं खुद विश्वास मत लेने जा रहा हूं. मैं संसद में सबके सामने विश्वास मांगूगा. मैं अपनी पार्टी के लोगों से भी कहता हूं कि आप यदि मेरे साथ नहीं हैं, तो आपका हक है, आप संसद में हाथ उठाकर कह दीजिए. कोई बात नहीं मैं विपक्ष में चला जाऊंगा.'
वहीं इमरान ने ये भी कहा है कि वो पीडीएम के नेताओं के खिलाफ अपनी जंग जारी रखेंगे. ध्यान रहे कि इमरान खान ने पीडीएम के लोगों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. इमरान ने कहा कि, मैं आपको बता दूं, ये जो पीडीएम के सारे बड़े-बड़े हैं. आपको मेरा पैगाम है, मैं सत्ता में रहूं या ना रहूं, मेरी जिंदगी में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. मैं चाहे विपक्ष में रहूं या सत्ता में मैं किसी को नहीं छोड़ूंगा. मैं बाहर भी हो जाऊंगा तो मैं कौम को बाहर निकालूंगा. मैं पब्लिक निकाल कर दिखाऊंगा. मैं जब तक जिंदा हूं, मैं मुल्क के इन गद्दारों का मुकाबला करता रहूंगा. यह मुल्क एक अजीम मुल्क बनेगा और ये तब होगा जब ये सारे डाकू जेल में होंगे.
वहीं सीक्रेट वोटिंग के दौरान जैसा रवैया चुनाव आयोग जा रहा इमरान उसपर भी खूब बिखरे. उन्होंने कहा कि सीक्रेट वोटिंग के जरिये उन लोगों को बचा लिया गया है जिन्होंने पैसे लेकर वोट दिए हैं. इमरान का आरोप है कि पाकिस्तान के एक अन्य लोकप्रिय नेता युसूफ रजा गिलानी ने पैसे देकर वोट खरीदे हैं.इसके अलावा भी इमरान खान ने रामम बातें कहीं हैं. भाषण में जैसा लहजा इमरान खान का था कहीं पर भी उन्होंने अपनी कमियां नहीं गिनाईं. अपने पूरे संबोधन में इमरान ने एक के बाद एक कई झूठ बोले और अपना सारा फोकस उन्होंने विपक्ष के नेताओं पर ही रखा.
जनता से सहानुभूति लेने के लिए मंच संभालने वाले इमरान ने एफएटीएफ का भी जिक्र किया और बताया कि उनपर एफकेएटीएफ का भी दबाव जा. जनता के बीच एक तरह के डर का संचार करते हुए इमरान ने ये भी कहा कि यदि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है तो देश पर कई प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे. बाहर से आने वाले चीजें महंगी हो जाएगी और देश और अधिक गरीबी में चला जाएगा.
सवाल ये है कि पाकिस्तान आज कौन सा बहुत खुशहाल है. मुल्क पर बेरोजगारी अपने चरम पर है. साथ ही पाकिस्तान इमरान खान की बदौलत पाकिस्तान भारी कर्जे की गिरफ्त में है. वर्तमान में भले ही पाकिस्तान चीन को अपना दोस्त कह रहा हो लेकिन हकीकत क्या है उससे पूरी दुनिया वाकिफ है.
बेहतर होता कि इमरान अपनी कमियों पर बात करते. इमरान द्वारा ऐसा करने से न केवल विश्वास का संचार होता बल्कि इससे सत्ता मि दुश्वारियों पर भी राहत मिलती. अंत में हम बस ये कहकर अपनी बातों को विराम देंगे कि इमरान खान को झूठ मक्कारी त्यागकर उन कारणों का पता लगाना चाहिए जिनके चलते इस्लामाबाद की सीनेट सीट उनके हाथ से निकली. "इमरान के पास अब भी वक़्त है. संभाल पाएं तो संभाल लें वरना भविष्य में उनके पास कुछ बचेगा नहीं. आज जैसे इस्लामाबाद की सीनेट सीट उनके हाथों से निकली है कल पूरा पाकिस्तान उनके हाथों से निकल जाएगा और इमरान खान बैठकर सिर्फ तमाशा देखेंगे.
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