फवाद चौधरी. वो शख्स, जो होने को तो पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रह चुका है. लेकिन जिसकी दिलचस्पी हमेशा ही अपने काम से ज्यादा भारत के प्रति रही. जिसने भारत को नीचा दिखाने के लिए मौके बेमौके नीचता की हदें पार की. ट्विटर पर जिसकी सक्रियता ने उसे एक पाकिस्तानी हुक्मरां नहीं बल्कि एक ट्रोल की तरह दिखाया. जिसने हमेशा ही भारत की बर्बादी के सपने देखे. अपने अंजाम तक पहुंच गया है. फवाद चौधरी को अपने ही मुल्क पाकिस्तान के साथ गद्दारी करने के लिए गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी की पुष्टि स्वयं इस्लामाबाद पुलिस ने की है. फवाद चौधरी पर देशद्रोह के गंभीर आरोप तो हैं ही साथ ही उनपर ये भी आरोप हैं कि उन्होंने अपनी गतिविधियों से चुनाव आयोग को धमकाने का काम किया और मुल्क के निजाम में बाधा डाली.
पाकिस्तान में इमरान खान और वर्तमान पीएम शहबाज शरीफ के बीच अब तक चूहे और बिल्ली का खेल चल रहा था. लेकिन अब जबकि फवाद चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है तो माना यही जा रहा है कि दोनों ही हुकमरानों के बीच का गतिरोध अपने निर्णायक मोड़ पर आ गया है.
फवाद चौधरी की गिरफ़्तारी से पाकिस्तान में सियासी घमासान मचा हुआ है
जैसे मुल्क के हालात हैं और जिस तरफ पाकिस्तान की सियासत में इमरान, हुकूमत के लिए किसी कांटे की तरह हैं पीएम शहबाज शरीफ लगातार इसी कोशिश में हैं कि किसी भी सूरत में इमरान खान को गिरफ्तार किया जा सके. फवाद ने इन्हीं साजिशों के लिए सार्वजनिक रूप से सरकार की निंदा की थी. वहीं फवाद पर ये भी आरोप है कि उन्होंने चुनावों की देखरेख करने वाले इलेक्शन कमीशन के चीफ और अन्य सरकारी अधिकारियों को धमकाया था.
फवाद चौधरी की गिरफ्तारी पाकिस्तान में पीटीआई समर्थकों द्वारा एक बड़े मुद्दे की तरह पेश की जा रही है. माना यही जा रहा है कि इस गिरफ्तारी के बाद इमरान खान और शहबाज शरीफ के बीच की कड़वाहट शायद ही कम हो. फवाद को हिरासत में लिया जाना कैसे पाकिस्तान की सियासत को प्रभावित कर रहा है? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पीटीआई की तरफ से पंजाब में सदन को भंग कर दिया गया है और जल्द ही संघीय चुनाव कराने की मांग की गयी है, जिसे हुकूमत ने सिरे से खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि पाकिस्तान चुनाव आयोग के सचिव उमर हमीद की शिकायत के बाद इस्लामाबाद में चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. शिकायत क्योंकि पीटीआई के कद्दावर नेताओं में शुमार फवाद चौधरी से जुड़ी थी प्रशासन भी फ़ौरन ही हरकत में आया और फिर क्या हुआ ? चौधरी की गिरफ्तरी के जरिये हमारे सामने है.
पाकिस्तान में इमरान खान का सत्ता से जाना और शहबाज शरीफ का पीएम बनना भर था जिस रेत के किले का निर्माण किया गया गिरने के फ़ौरन बाद हकीकत खुल के सामने आ गयी है. मुल्क में भयंकर गरीबी और भुखमरी है. आम आवाम दाने दाने को मोहताज है. जैसा आर्थिक संकट है मुल्क कंगाली के मुकाम पर है. ऐसे में जिस तरह मुल्क में राजनीतिक अस्थिरता फैली है और शहबाज शरीफ वर्सेज इमरान खान हो रहा वो हर बीतते दिन के साथ पाकिस्तान को गर्त के अंधेरों में ले जा रहा है.
बाकी बात फवाद चौधरी की हुई है तो पीटीआई के शासनकाल में और उसके बाद भी छोटी छोटी बात के लिए भारत को ट्रोल करने वाले फवाद दोषी हैं या नहीं? फैसला वक़्त करेगा. लेकिन जिस तरह उन्होंने इमरान के प्रति स्वामिभक्ति का परिचय दिया और उन्हें बचाने के लिए गिरफ्तार हुए, साबित हो गया है कि पाकिस्तान में चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हुक्मरानों की कड़ियां एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. बहरहाल फवाद की गिरफ्तारी से एक साथ कई बातें साफ़ हो गयी हैं. साथ ही पाकिस्तान और पाकिस्तानी राजनेताओं का चाल चरित्र और चेहरा बाहर आ गया है.
चूंकि फवाद ने पूर्व में भारत को बर्बाद करने की बात कही थी. हमारे लिए ये देखना दिलचस्प रहेगा कि अपनी खुद की और इमरान खान की बर्बादी को वो और उनका संगठन पीटीआई कैसे रोकते हैं.
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