हफ्तेभर में पाकिस्तान के दो रूप देखने को मिले. दोगले रूप. अभी पाकिस्तान का विदेश विभाग एक भारतीय नागरिक को युनाइटेड नेशंस से आतंकवादी घोषित करने की मांग कर रहा था. और इधर गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) अपनी संसद में भाषण देते हुए दुनिया के लिए आतंकवादी ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) को शहीद बता रहे थे. और ओसामा के मारे जाने को पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बता रहे थे. जी हां, ये वही इमरान खान हैं जो दुनिया के सामने कश्मीर का हवाला देकर भारतीय सेना और प्रधानमंत्री मोदी को अपमानित करने की कोशिश करते हैं, तो दूसरी तरफ तालिबान के साथ गलबहियां करते नजर आते हैं.
जब इमरान ने क्रिकेट छोड़ा था और बतौर राजनेता, पाकिस्तान की राजनीति में एंट्री ली थी. तब उस दौर में इमरान आतंकियों के संगठन तालिबान के लिए सॉफ्ट कार्नर रखते थे और शायद यही वो वजह रही जिसके चलते उन्हें 'तालिबान खान' (Taliban Khan) कहा जाता था. जिनको लगता है कि बीतते वक़्त के साथ इमरान सुधर गए हैं या फिर उन्होंने अपनी विचारधारा बदल ली है. उन्हें पुनः आत्मसात की जरूरत है. अक्सर ही कुछ न कुछ कहकर सुर्खियां बटोरने वाले इमरान एक बार फिर चर्चा में हैं.
सवाल ये है कि वो आदमी जो सैंकड़ों लोगों की मौत की वजह है. अगर इमरान उसे शहीद कह रहे हैं तो ये यूं ही नहीं है. इसके पीछे माकूल वजह है. आतंकियों और आतंकी घटनाओं का समर्थन करके इमरान अपने लोगों के बीच अपनी हीरो वाली छवि बरकरार रखना चाहते हैं. इमरान का जो वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ है वो बीते दिन का है और इसे उन्होंने पाकिस्तान की संसद में दिया है. इस वीडियो पर अगर गौर...
हफ्तेभर में पाकिस्तान के दो रूप देखने को मिले. दोगले रूप. अभी पाकिस्तान का विदेश विभाग एक भारतीय नागरिक को युनाइटेड नेशंस से आतंकवादी घोषित करने की मांग कर रहा था. और इधर गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) अपनी संसद में भाषण देते हुए दुनिया के लिए आतंकवादी ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) को शहीद बता रहे थे. और ओसामा के मारे जाने को पाकिस्तान के लिए शर्मनाक बता रहे थे. जी हां, ये वही इमरान खान हैं जो दुनिया के सामने कश्मीर का हवाला देकर भारतीय सेना और प्रधानमंत्री मोदी को अपमानित करने की कोशिश करते हैं, तो दूसरी तरफ तालिबान के साथ गलबहियां करते नजर आते हैं.
जब इमरान ने क्रिकेट छोड़ा था और बतौर राजनेता, पाकिस्तान की राजनीति में एंट्री ली थी. तब उस दौर में इमरान आतंकियों के संगठन तालिबान के लिए सॉफ्ट कार्नर रखते थे और शायद यही वो वजह रही जिसके चलते उन्हें 'तालिबान खान' (Taliban Khan) कहा जाता था. जिनको लगता है कि बीतते वक़्त के साथ इमरान सुधर गए हैं या फिर उन्होंने अपनी विचारधारा बदल ली है. उन्हें पुनः आत्मसात की जरूरत है. अक्सर ही कुछ न कुछ कहकर सुर्खियां बटोरने वाले इमरान एक बार फिर चर्चा में हैं.
सवाल ये है कि वो आदमी जो सैंकड़ों लोगों की मौत की वजह है. अगर इमरान उसे शहीद कह रहे हैं तो ये यूं ही नहीं है. इसके पीछे माकूल वजह है. आतंकियों और आतंकी घटनाओं का समर्थन करके इमरान अपने लोगों के बीच अपनी हीरो वाली छवि बरकरार रखना चाहते हैं. इमरान का जो वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ है वो बीते दिन का है और इसे उन्होंने पाकिस्तान की संसद में दिया है. इस वीडियो पर अगर गौर करें तो मिल रहा है कि इमरान, ओसामा की तारीफों के पुल बांध रहे हैं और उसे शहीद बता रहे हैं.
अपने एक भाषण में इमरान ये कहते पाए जा रहे हैं कि 'एक हुआ जी ओसामा बिन लादेन को इन्होंने अमेरिकंस ने आके ऐबटाबाद में मार दिया. शहीद कर दिया.'
बात अगर इस पूरी स्पीच की हो तो सदन में इमरान यही बता रहे थे कि पूरी दुनिया पाकिस्तान को बदनाम करने की साजिश रच रही है. साथ ही इमरान अपने भाषण में लोगों को अमेरिका और उसकी नीतियों के बारे में बता रहे हैं. इमरान ने कहा कि तब जो हुआ उसमें पाकिस्तान की खूब बदनामी हुई जो लगातार जारी है.
बात सीधी और एकदम साफ है. भले ही इमरान अपने को मजलूम दर्शा रहे हों. मगर आतंकवाद और आतंकवादियों के प्रति जो उनका नजरिया है वो किसी से छुपा नहीं है. चाहे पुलवामा हमला हो या फिर हाफिज सईद, मौलाना मसूद अज़हर इनका बचाव करके इमरान ने बता दिया कि पाकिस्तान एक ऐसा मुल्क है जिसमें से यदि आतंकवाद और आतंकवादी हट जाएं तो ये मुल्क और इसका निजाम शायद ही चल पाए.
बहरहाल बात इमरान द्वारा ओसामा जैसे मानवता के दुश्मन को शहीद बताने वाले इमरान की हुई है तो इसपर हमें इस अचरज नहीं करना चाहिए क्योंकि जिस आदमी ने अपनी राजनीति की शुरुआत ही तालिबान खान बनकर की हो उसके लिए ओसामा का शहीद या फिर हीरो होना स्वाभाविक है.
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