इंतजार शब्द भी बड़ा बोझिल है. कोई कहता है इंतजार का फल मीठी होता है लेकिन कई बार इसी इंतजार के चक्कर प्रेमिका नाराज भी हो जाती है. हां इंतजार करना तब अच्छा लगता है जब हमें पूरा यकीन हो सामने वाला पूरी सिद्दत के साथ इसे खत्म करने में लगा हो, लेकिन यहां तो मामला ही उलट है क्योंकि इस इंतजार की कोई इंतहा ही नहीं है.
अब ऐसे में कोई भी बुरा मान जाएगा और अगर वह कोई पाक पीएम (Pakistan Pm Imran Khan) हों तो फि क्या कहनें. चलिए बताते हैं कि माजरा क्या है?
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान काफी समय से जो बाइडेन से बात करना चाहते हैं और बड़ी सहनशीलता के साथ उनके फोन आने का इंतजार भी कर रहे हैं. वो भी इसी साल के जनवरी से जब जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाला है.
सुनकर हैरान मत होइए क्योंकि यही सच है कि जो बाइडेन ने अभी तक एक बार भी इमरान खान से बात नहीं की है. बड़ी गजब बेइज्जी है यार. सोचिए एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस होकर आए हैं और जो बाइडेन के साथ बकायदा मीटिंग भी की है. दूसरी तरफ पाक पीएम का इंतजार है जो खत्म होने का नाम नहीं लेता.
अब तो इमरान खान की यह सहनशीलता नाराजगी में भी बदल गई है. अब इंसान तो गुस्सें खींज ही जाता है, बस यही हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के पीएम महोदय के साथ हुआ है.
असल में जो बाइडेन के पाक पीएम से बात ना करने के मसले पर पानी तब फिर गया जब पहली बार व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी किया गया. व्हाइट हाउस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि वह इस बात का 'अनुमान' नहीं लगा सकतीं कि राष्ट्रपति बाइडेन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कब बात करेंगे.
हां एक बात और पाक पीएम इमरान...
इंतजार शब्द भी बड़ा बोझिल है. कोई कहता है इंतजार का फल मीठी होता है लेकिन कई बार इसी इंतजार के चक्कर प्रेमिका नाराज भी हो जाती है. हां इंतजार करना तब अच्छा लगता है जब हमें पूरा यकीन हो सामने वाला पूरी सिद्दत के साथ इसे खत्म करने में लगा हो, लेकिन यहां तो मामला ही उलट है क्योंकि इस इंतजार की कोई इंतहा ही नहीं है.
अब ऐसे में कोई भी बुरा मान जाएगा और अगर वह कोई पाक पीएम (Pakistan Pm Imran Khan) हों तो फि क्या कहनें. चलिए बताते हैं कि माजरा क्या है?
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान काफी समय से जो बाइडेन से बात करना चाहते हैं और बड़ी सहनशीलता के साथ उनके फोन आने का इंतजार भी कर रहे हैं. वो भी इसी साल के जनवरी से जब जो बाइडेन ने अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभाला है.
सुनकर हैरान मत होइए क्योंकि यही सच है कि जो बाइडेन ने अभी तक एक बार भी इमरान खान से बात नहीं की है. बड़ी गजब बेइज्जी है यार. सोचिए एक तरफ पीएम नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस होकर आए हैं और जो बाइडेन के साथ बकायदा मीटिंग भी की है. दूसरी तरफ पाक पीएम का इंतजार है जो खत्म होने का नाम नहीं लेता.
अब तो इमरान खान की यह सहनशीलता नाराजगी में भी बदल गई है. अब इंसान तो गुस्सें खींज ही जाता है, बस यही हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के पीएम महोदय के साथ हुआ है.
असल में जो बाइडेन के पाक पीएम से बात ना करने के मसले पर पानी तब फिर गया जब पहली बार व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी किया गया. व्हाइट हाउस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि वह इस बात का 'अनुमान' नहीं लगा सकतीं कि राष्ट्रपति बाइडेन, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कब बात करेंगे.
हां एक बात और पाक पीएम इमरान खान ने पहले ही इस बात की शिकायत कर चुके हैं. उन्होंने अमेरिकी मीडिया से कहा था कि एक 'व्यस्त' राष्ट्रपति बाइडेन ने उनसे बात करने की जहमत नहीं उठाई, जबकि वॉशिंगटन को अफगानिस्तान को स्थिर करने में पाकिस्तान का समर्थन चाहिए था.
बेइज्जती तब और तब खराब हो गई जब व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने नियमित प्रेस वार्ता के दौरान यह पूछे जाने पर कि ‘क्या बाइडेन जल्द ही खान को फोन कर सकते हैं या नहीं?’ इसपर उन्होंने जवाब दिया कि, "मेरे पास इस समय अनुमान लगाने के लिए कुछ भी नहीं है. यदि वे कोई बात-मुलाकात करते हैं, तो हम निश्चित रूप से आप सभी को इस बारे में बताएंगे."
इस मामले पर मीडिया ने तब प्रकाश डाला जब जब राष्ट्रपति बाइडेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक कर रहे थे. अब ये तो जो बाइडेन ही जानें कि वे पाक पीएम के साथ बात क्यों नहीं करना चाहते? पद संभालने के बाद एक फोन तक किया नहीं किया, बताओ भला…
असल में दुनियां से पाकिस्तान की चाल छिपी नहीं है, अभ कर्मों का फल तो मिलेगा ही भले इंतजार का मिले या ना मिलें…इंतहा हो गई इंतजारी की...इसे सुनिए और तसल्ली रखिए, शायद फोन आ जाए!
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