इस शर्त पर कि पाकिस्तान में भी 'अच्छे दिन' आएंगे. सरकार बनाने वाले इमरान खान आए रोज सुर्खी बटोरते हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, इमरान फिर सुर्ख़ियों में है वजन है उनका सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलामन के विशेष विमान से अमेरिका जाना. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विशेष विमान पर सवार होकर न्यूयॉर्क पहुंचे. बताया जा रहा है कि अमेरिका पहुंचने से पहले इमरान खान की रियाद यात्रा का उदेश्य मोहम्मद बिन सलमान समेत सऊदी के आला अधिकारियों से भेंट करना था. इस मुलाकात के बाद इमरान कमर्शियल फ्लाइट का इस्तेमाल करके अमेरिका पहुंचने वाले थे मगर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उन्हें अपना विशेष अतिथि बताते हुए अपना विशेष विमान दे दिया. माना जा रहा है कि इमरान की इस यात्रा का उद्देश्य 'मिशन कश्मीर' है.
यात्रा के लिए मोहम्मद बिन सलमान द्वारा इमरान को विशेष विमान देना इमरान समर्थकों द्वारा 'दोस्ती का बेमिसाल' उदाहरण बताया जा रहा है. मगर सवाल ये है कि क्या ये वैसा ही है जैसा दिख रहा है ? जवाब है नहीं. बात साफ़ है. एक ऐसे वक्त में जहां आतंकवाद से लेकर गिरती हुई अर्थव्यवस्था तक लगभग सभी प्रमुख मुद्दों पर पाकिस्तान विफल चल रहा हो. तमाम मुख्य मुद्दों पर लगातार गिरती हुई साख चर्चा में हो, सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जो कुछ भी किया है वो दया से ज्यादा कुछ नहीं है.
हम इसे सलमान की रहमदिली इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बात जब पॉलिटिकल फायदे की हो तो सलमान का इमरान को अपना जहाज देना मारुती की कोई गाड़ी देने जैसा है. इस जेस्चर के लिए वाकई इमरान खान को मोहम्मद बिन सलमान का एहसानमंद रहना...
इस शर्त पर कि पाकिस्तान में भी 'अच्छे दिन' आएंगे. सरकार बनाने वाले इमरान खान आए रोज सुर्खी बटोरते हैं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, इमरान फिर सुर्ख़ियों में है वजन है उनका सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलामन के विशेष विमान से अमेरिका जाना. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विशेष विमान पर सवार होकर न्यूयॉर्क पहुंचे. बताया जा रहा है कि अमेरिका पहुंचने से पहले इमरान खान की रियाद यात्रा का उदेश्य मोहम्मद बिन सलमान समेत सऊदी के आला अधिकारियों से भेंट करना था. इस मुलाकात के बाद इमरान कमर्शियल फ्लाइट का इस्तेमाल करके अमेरिका पहुंचने वाले थे मगर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उन्हें अपना विशेष अतिथि बताते हुए अपना विशेष विमान दे दिया. माना जा रहा है कि इमरान की इस यात्रा का उद्देश्य 'मिशन कश्मीर' है.
यात्रा के लिए मोहम्मद बिन सलमान द्वारा इमरान को विशेष विमान देना इमरान समर्थकों द्वारा 'दोस्ती का बेमिसाल' उदाहरण बताया जा रहा है. मगर सवाल ये है कि क्या ये वैसा ही है जैसा दिख रहा है ? जवाब है नहीं. बात साफ़ है. एक ऐसे वक्त में जहां आतंकवाद से लेकर गिरती हुई अर्थव्यवस्था तक लगभग सभी प्रमुख मुद्दों पर पाकिस्तान विफल चल रहा हो. तमाम मुख्य मुद्दों पर लगातार गिरती हुई साख चर्चा में हो, सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जो कुछ भी किया है वो दया से ज्यादा कुछ नहीं है.
हम इसे सलमान की रहमदिली इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बात जब पॉलिटिकल फायदे की हो तो सलमान का इमरान को अपना जहाज देना मारुती की कोई गाड़ी देने जैसा है. इस जेस्चर के लिए वाकई इमरान खान को मोहम्मद बिन सलमान का एहसानमंद रहना चाहिए. यदि सलमान ये रहमदिली न दिखाते तो शायद ही इमरान इतने ठाठ से कभी अमेरिका पहुंच पाते.
ध्यान रहे कि संबंध सुधारने के नाम पर सऊदी गए इमरान ने, न सिर्फ मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की. बल्कि इस दोस्ताने को और मजबूत दिखाने के लिए अपनी पत्नी के साथ उमरा किया है. इमरान के इस रुख के बाद आलोचना तेज हो गई है. तर्क दिए जा रहे हैं फिलहाल इमरान अपने को अच्छा राजनेता साबित करना चाहते हैं और इसके लिए वो कोई भी कीमत चुकाने से गुरेज नहीं करने वाले.
इमरान खान और मोहम्मद बिन सलमान के रिश्ते के बीच अब भी एक सवाल जस का तस बना हुआ है कि आखिर इमरान ने यूएस जाने के लिए रियाद का मार्ग क्यों चुना ? इमरान सीधे ही क्यों नहीं अमेरिका चले गए ? इस सवाल का जवाब तमाम कारणों में छिपा है. आइये नजर डालते हैं कुछ कारणों पर.
अमेरिका नहीं जाती PIA की फ्लाइट्स
PIA यानी पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स की फ्लाइट्स अमेरिका नहीं जाती. आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान का रवैया किसी से छुपा नहीं है. आज भले ही पाकिस्तान, कश्मीर को लेकर आंसू बहा रहा हो और भारत को बदनाम करने के लिए प्रोपोगेंडा फैला रहा हो. मगर बात जब एक बड़े स्केल की आती है तो पाकिस्तान का शुमार उन मुल्कों में होता है जो पूरी तरह से आतंकवाद को समर्पित है. यही वो कारण है जिनके चलते पाकिस्तान से उड़ान भरने वाले किसी भी हवाई जहाज को अमेरिका में उतरने की इजाजत नहीं है. आपको बताते चलें कि सुरक्षा कारणों के मद्देनजर, अमेरिका पाकिस्तान से किसी भी डायरेक्ट फ्लाइट को अपने हवाई क्षेत्र में उतरने की अनुमति नहीं देता. वहीं बात जब पाकिस्तान की हो तो पाकिस्तान की तरफ से तर्क दिए जाते हैं कि वो लगातार घाटे का सामना कर रहा था और यही वो कारण था जिसके तहत अक्टूबर 2017 से पाकिस्तान से अमेरिका पहुंचने वाली सभी डायरेक्ट फ्लाइट्स को बंद कर दिया गया था.
पाकिस्तान चाहते है कि दोबारा शुरू की जाएं सेवाएं
बात मार्च 2019 की है पाकिस्तान ने अमेरिका के सामने मांग रखी थी कि पाकिस्तान से यूएस तक की फ्लाइट्स को दोबारा शुरू किया जाए. इसपर कराची में यूएस कौंसल जनरल जोएन वागनर ने पाकिस्तान को भरोसा दिलाया था कि जल्द ही पाकिस्तान के इस प्रस्ताव पर विचार कर इसे अमली जामा पहनाया जाएगा. ध्यान रहे कि तब वागनर और PIA चीफ एयर मार्शल अरशद मलिक की एक मीटिंग हुई थी जिसमें ये मांग राखी गई थी कि पाकिस्तान को न्यूयॉर्क, शिकागो और ह्यूस्टन तक डायरेक्ट फ्लाइट की अनुमति दी जाए.
पाकिस्तान ने अपने को बताया था मजबूत
भले ही मोहम्मद बिन सलमान के जहाज से आज इमरान अमेरिका पहुंचे हों लेकिन पाकिस्तान बहुत पहले से चाह रहा है कि कैसे भी करके उनकी फ्लाइट्स बिना किसी बाधा के अमेरिका पहुंच जाएं. अपने इस सपने को सच करने के लिए पाकिस्तान ने झूठ का भी खूब सहारा लिया था. गौरतलब है कि उपरोक्त पंक्तियों में जिस मीटिंग की बात हुई है उसमें पाकिस्तान ने ये तर्क दिया था कि अब उसकी अर्थव्यवस्था संभल गई है और वो पूरा खर्च बर्दाश्त कर सकता है.
बहरहाल, बात की शुरुआत इमरान खान के अमेरिका जाने और उसके लिए सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विशेष विमान की मदद लेने से शुरू हुई है. ऐसे में हम अपनी बात को विराम देते हुए बस इतना ही कहेंगे कि वर्तमान में पाकिस्तान एक तबाह होता मुल्क है जिसके पास खोने को कुछ बचा नहीं है. ऐसे में मोहम्मद बिन सलमान ने जो किया है वो राजनीति से कहीं ज्यादा एहसान है. इमरान भले ही ही संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कश्मीर का जिक्र कर लें. लेकिन ईमानदारी की बात यही है कि कश्मीर से ज्यादा जरूरी फ़िलहाल उनके लिए उनका मुल्क है जो उनके खुद के कर्मों के कारण रोज गर्त के अंधेरों में धंसता जा रहा है.
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