चीन (China) के वुहान शहर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus Disease) के बारे में तो आप जानते ही होंगे. अब तो ये वायरस (Virus) भारत-अमेरिका समेत दुनिया के बाकी देशों को भी अपनी जद में ले रहा है. 300 से अधिक लोग इस वायरस की वजह से मर चुके हैं, जबकि 14 हजार से भी अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. इसी बीच दुनियाभर के देश चीन के वुहान शहर से अपने नागरिकों को निकालने में लगे हुए हैं. भारत ने भी चीन के वुहान से भारत के नागरिकों को निकालना (India evacuate its citizens from china) शुरू कर दिया है. लेकिन चीन को अपना जिगरी यार मानने वाला पाकिस्तान अपने नागरिकों की कुर्बानी देने के लिए तैयार है. जहां एक ओर दुनिया भर के देश चीन में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए उन्हें वहां से निकालने की कोशिशें कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान (Paksitan) के राष्ट्रपति (Arif Alvi) ने वहां फंसे पाकिस्तानियों को पैगम्बर मोहम्मद (Prophet) का पाठ पढ़ा दिया है. इमरान खान (Imran Khan) की तो इन दिनों घिग्घी बंध गई है. वहीं चीन में फंसे पाकिस्तानी नागरिक कई दिनों से लगातार सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए खुद को निकालने की अपील कर रहे हैं. कोई ट्वीट कर रहा है तो कोई सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही. भारतीयों को मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा निकाला जा रहा है और ये दृश्य देख वहां के पाकिस्तानी छात्रों से रहा नहीं गया. अब तो चीन में फंसे पाकिस्तानी भी पाकिस्तान को कोस रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत से कुछ सीखो.
क्या बोले पाकिस्तानी राष्ट्रपति?
जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ...
चीन (China) के वुहान शहर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus Disease) के बारे में तो आप जानते ही होंगे. अब तो ये वायरस (Virus) भारत-अमेरिका समेत दुनिया के बाकी देशों को भी अपनी जद में ले रहा है. 300 से अधिक लोग इस वायरस की वजह से मर चुके हैं, जबकि 14 हजार से भी अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. इसी बीच दुनियाभर के देश चीन के वुहान शहर से अपने नागरिकों को निकालने में लगे हुए हैं. भारत ने भी चीन के वुहान से भारत के नागरिकों को निकालना (India evacuate its citizens from china) शुरू कर दिया है. लेकिन चीन को अपना जिगरी यार मानने वाला पाकिस्तान अपने नागरिकों की कुर्बानी देने के लिए तैयार है. जहां एक ओर दुनिया भर के देश चीन में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए उन्हें वहां से निकालने की कोशिशें कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान (Paksitan) के राष्ट्रपति (Arif Alvi) ने वहां फंसे पाकिस्तानियों को पैगम्बर मोहम्मद (Prophet) का पाठ पढ़ा दिया है. इमरान खान (Imran Khan) की तो इन दिनों घिग्घी बंध गई है. वहीं चीन में फंसे पाकिस्तानी नागरिक कई दिनों से लगातार सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए खुद को निकालने की अपील कर रहे हैं. कोई ट्वीट कर रहा है तो कोई सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही. भारतीयों को मोदी सरकार (Modi Government) द्वारा निकाला जा रहा है और ये दृश्य देख वहां के पाकिस्तानी छात्रों से रहा नहीं गया. अब तो चीन में फंसे पाकिस्तानी भी पाकिस्तान को कोस रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत से कुछ सीखो.
क्या बोले पाकिस्तानी राष्ट्रपति?
जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी को पता चला कि पाकिस्तान के नागरिक भी वुहान में फंसे हैं और वह मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं तो उनकी मदद करने के बजाय वह मोहम्मद पैगंबर का संदेश भेजने वाले मैसेंजर बन गए. उन्होंने ट्वीट किया- किसी भी बीमारी के फैलने पर पैगंबर के निर्देश आज भी सही साबित होते हैं- अगर आपको पता चले कि कहीं पर प्लेग फैला है तो वहां बिल्कुल मत जाइए, लेकिन अगर आपकी अपनी ही जमीन पर प्लेग फैले तो उस जगह को छोड़कर कहीं मत जाइए. यानी उन्होंने एक बात साफ कर दी है कि वह मदद नहीं करेंगे, पाकिस्तानी नागरिकों को नहीं निकालेंगे.
मानवाधिकार की सामाजिक कार्यकर्ता गुलालाई इस्माइल ने आरिफ अल्वी के बयान की निंदा की है. उन्होंने कहा है कि जहां एक ओर चीन में फंसे पाकिस्तानी लोग खुद को बचाने की अपील करते हुए वीडियो भेज रहे हैं, वहीं पाकिस्तान के राष्ट्रपति धर्म का इस्तेमाल करते हुए कह कहे हैं कि पाकिस्तान उनकी मदद नहीं करेगा. गुलालाई ने लिखा है कि इन स्टूडेंट्स पर थोड़ी दया दिखाओ और उनके लिए एक प्लेन भेजकर उन्हें वापस उनके घर लाओ.
एक नजर उन पर, जिनके सिर पर मौत मंडरा रही है
चीन के वुहान में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिल सका है. 300 से अधिक लोग मर चुके हैं. वहां रह रहे कुछ पाकिस्तानी भी इसके शिकार हो चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान उन्हें बचाने के लिए कुछ नहीं कर रहा है. वहां फंसे पाकिस्तानी गिड़गिड़ा रहे हैं, लेकिन इमरान खान भी कुछ नहीं बोल रहे हैं. बल्कि वहां फंसे पाकिस्तानी तो अब अपने ही देश को कोसने लगे हैं, क्योंकि उसने उन्हें मरने के लिए वहां छोड़ दिया है. अब तो पाकिस्तानी ये तक कहने लगे हैं कि पाकिस्तान को भारत से कुछ सीखना चाहिए.
आरिफ अल्वी के ट्वीट पर एक पाकिस्तानी नागरिक ने ट्वीट किया है कि हदीस के बारे में क्या कहेंगे, जो कहता है कि जब भी कहीं जिंदगी बचाने का कोई विकल्प दिखे तो उसे बचाएं. हमें यहां मरने के लिए मत छोड़ें. दुनिया के और भी मुस्लिम देश हैं, जैसे जॉर्डन और सऊदी अरब, जो अपने लोगों को यहां से निकाल रहे हैं. मुझे लगा रहा है कि यहां मानवता को ध्यान में रखने की जरूरत है.
चीन में पाकिस्तानी नागरिक इतने बुरे फंसे हैं कि उनकी मदद को कोई तैयार नहीं. पाकिस्तान बोला चीन से बात करो, चीन बोले पाकिस्तानी दूतावास जाओ, पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारियों ने कहा कि मौत तो एक न एक दिन आनी ही है, यहां आए या वहां आए. मतलब हद है...
धर्म जब हद से गुजरता है तो...
धर्म-जाति इसलिए बने थे, ताकि लोगों का मैनेजमेंट आसान रहे. इंसानों ने अपनी सहूलियत के लिए तमाम धर्म और जातियां बनाईं, लेकिन अगर धार्मिक कट्टरता हद से गुजर जाए तो वही होता है जो आरिफ अल्वी कहते दिख रहे हैं. एक ओर लोग मौत के मुहाने पर खड़े हैं, कोरोना वायरस उन्हें अपनी जद में लेने को बेताब है, लेकिन पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी पैगंबर का संदेश बांच रहे हैं. वाकई, धर्म में इतना भी नहीं डूब जाना चाहिए कि इंसानियत ही मर जाए. जिस धर्म को इंसानों ने बनाया, आज वही धर्म इंसानियत का दुश्मन बन गया है. धर्म की कट्टरता में अंधे कुछ लोग उल्टा ट्विटर पर चीन में फंसे पाकिस्तानी नागरिकों को ही कोस रहे हैं. सयेद फैसल नाम के एक शख्स ने ट्वीट करते हुए कहा है कि क्या तुम लोग ये चाहते हो कि ये वायरल पाकिस्तान में भी लाखों को संक्रमित कर दे? अब तो आप ये समझ ही गए होंगे कि आज पाकिस्तान दुनिया में अलग-थलग क्यों हो गया है और ऐसी गरीबी से क्यों जूझ रहा है.
भारत अपनों के लिए सब कुछ करता है
स्वर्गीय पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तो जानी ही इसीलिए जाती थीं कि वह अपने नागरिकों को दुनिया के किसी भी कोने से सुरक्षित निकाल लाती थीं. भारत सरकार कभी भी अपने नागरिकों को मरने के लिए नहीं छोड़ता. इस बार भी भारत सरकार लगातार चीन से अपने नागरिकों को निकाल रही है. गुरुग्राम के मानेसर में ऐसे कुछ लोगों के रखा भी गया है, जहां उनकी स्क्रीनिंग हो रही है कि कहीं वह संक्रमित तो नहीं. जहां एक ओर चीन में पाकिस्तानी नागरिक डरे-सहमे हैं, वहीं दूसरी ओर ट्विटर पर मौजूद इस पोस्ट की मानें तो मानेसर के कैंप में भारतीय नागरिक जश्न मना रहे हैं.
अपनों को छोड़ देता है पाकिस्तान
बात भले ही कोरोना वायरस के बीच फंसे पाकिस्तानी नागरिकों को निकालने की हो या करगिल में अपने ही जवानों का शव लेने की हो, पाकिस्तान की फितरत ही है मुकरने की. पिछले दिनों सीमा पर जब गोलीबारी में पाकिस्तानी सेना के कुछ जवान मारे गए थे, तो पाकिस्तान ने उन्हें भी अपना मानने से इनकार कर दिया था. पाकिस्तान के लिए उसके नागरिक या सेना के जवान सिर्फ प्यादे हैं, जिन्हें वो दाव पर लगाने से पीछे नहीं हटता. अपनी राजनीति और स्वार्थ के लिए पाकिस्तान किसी भी हद तक जा सकता है और अब चीन से अपने ही नागरिकों को नहीं निकालना पाकिस्तान की असलियत का पर्दाफाश कर रहा है.
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