भारत की तरफ से दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक होने के बाद से ही पाकिस्तान बौखला सा गया है. ये देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को झूठा साबित करने की कोशिश में इतना गिर चुका है कि अब उस देश के नेता, अभिनेता और पत्रकार भी झूठ और आडंबर का सहारा लेकर ही काम कर रहे हैं. आलम ये है कि पाकिस्तान को अब अमन के देवता और खूंखार आतंकी में फर्क भी नहीं समझ आता है. बरसों से पाकिस्तान की सरकार का हिस्सा कई चरमपंथी रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से ओछी हरकतें दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही हैं.
पाकिस्तान अपने देश में अमन को किस तरह देखता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगनाह खूंखार आतंकी मसूद अजहर को नोबेल शांति पुरुस्कार के विजेता दलाई लामा से जोड़कर देखा. जी हां, हामिद मीर जो खुद को पाकिस्तानी मीडिया की आज़ादी के शांतिदूत की तरह देखते हैं वो गर्व से ये कहते हैं कि उनके शरीर में मीडिया की आज़ादी के लिए खाई गई दो गोलियां हैं, वो दलाई लामा और मसूद अजहर में फर्क भी नहीं कर सकते.
हामिद मीर ने एक ट्वीट कर लिखा कि, 'ये समझा जा सकता है कि चीन आखिर क्यों मसूद अजहर के मामले में अड़ंगा डाल रहा है, आखिर भारत चीन के दुश्मन दलाई लामा को सालों से पनाह दे रहा है.'
इस ट्वीट के साथ हामिद मीर ने एक लिंक भी पोस्ट किया है जिसके अनुसार चीन ने दलाई लामा पर आतंक फैलाने और फिदायीन हमले करने के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है. ये लिंक है सिड्नी मॉर्निंग...
भारत की तरफ से दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक होने के बाद से ही पाकिस्तान बौखला सा गया है. ये देश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को झूठा साबित करने की कोशिश में इतना गिर चुका है कि अब उस देश के नेता, अभिनेता और पत्रकार भी झूठ और आडंबर का सहारा लेकर ही काम कर रहे हैं. आलम ये है कि पाकिस्तान को अब अमन के देवता और खूंखार आतंकी में फर्क भी नहीं समझ आता है. बरसों से पाकिस्तान की सरकार का हिस्सा कई चरमपंथी रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की तरफ से ओछी हरकतें दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही हैं.
पाकिस्तान अपने देश में अमन को किस तरह देखता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगनाह खूंखार आतंकी मसूद अजहर को नोबेल शांति पुरुस्कार के विजेता दलाई लामा से जोड़कर देखा. जी हां, हामिद मीर जो खुद को पाकिस्तानी मीडिया की आज़ादी के शांतिदूत की तरह देखते हैं वो गर्व से ये कहते हैं कि उनके शरीर में मीडिया की आज़ादी के लिए खाई गई दो गोलियां हैं, वो दलाई लामा और मसूद अजहर में फर्क भी नहीं कर सकते.
हामिद मीर ने एक ट्वीट कर लिखा कि, 'ये समझा जा सकता है कि चीन आखिर क्यों मसूद अजहर के मामले में अड़ंगा डाल रहा है, आखिर भारत चीन के दुश्मन दलाई लामा को सालों से पनाह दे रहा है.'
इस ट्वीट के साथ हामिद मीर ने एक लिंक भी पोस्ट किया है जिसके अनुसार चीन ने दलाई लामा पर आतंक फैलाने और फिदायीन हमले करने के लिए लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है. ये लिंक है सिड्नी मॉर्निंग हेराल्ड की एक स्टोरी का. और खुद को पत्रकार कहने वाले हामिद मीर ने ये भी नहीं देखा कि ये स्टोरी कितनी पुरानी है. 2008 की स्टोरी जिसमें तिब्बत में होने वाले ओलिंपिक खेलों से पहले दलाई लामा पर चीन द्वारा लगाए गए आरोप की बात है. इसी स्टोरी में नीचे ये भी लिखा है कि तिब्बत की ओर से ये सारे आरोप खारिज किए गए हैं और ये कहा गया है कि सारी समस्या चीन की तरफ से खड़ी की गई है. इसी के साथ, ये स्टोरी नीचे चीन में हुए एक विरोध प्रदर्शन की बात भी करती है जहां करीब 1000 मुसलमानों ने चीनी फैसलों के खिलाफ रैली निकाली थी. पर खुद मुस्लिम होने के बाद भी हामिद मीर ने उस स्टोरी को पीछे छोड़ दिया और सीधे दलाई लामा को आतंकी मसूद अजहर से जोड़ दिया.
जिस स्टोरी के आधार पर दलाई लामा पर आरोप लगाया गया है कि वो चीन के दुश्मन हैं उसी स्टोरी को शायद हामिद मीर ने पूरा नहीं पढ़ा.
मतलब पाकिस्तान अब चीन के कर्ज तले कुछ इस तरह दब गया है कि चीन के दुश्मन कहे जाने वाले दलाई लामा और खुद चीन का इतिहास भूल गया. चीन जिसने न सिर्फ तिब्बत बल्कि कश्मीर और यहां तक कि अरुणांचल प्रदेश में भी हमला करने की कोशिश की. वो चीन जो पाकिस्तान को सिर्फ और सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है उसी चीन को लेकर पाकिस्तान अब इतना अंधा हो गया है कि वो दलाई लामा के नोबेल शांति पुरुस्कार की जगह अब दलाई लामा को आतंकवादी बताने से भी पीछे नहीं हट रहा.
हामिद मीर की इस ट्वीट पर भारतीयों ने तो उन्हें ट्रोल करना शुरू ही कर दिया साथ ही कुछ पाकिस्तानी भी हामिद मीर की गलती बताने में जुट गए.
कई लोगों को लगता है कि पाकिस्तान की तरफ से दलाई लामा को लेकर ट्वीट हामिद मीर को नहीं करनी थी क्योंकि ये चीन का आंतरिक मामला है. यानी चीन के सपोर्ट के आगे पाकिस्तानी इतने दबे हुए हैं कि उन्हें ये भी नहीं समझ आता कि वो क्या कर रहे हैं.
हामिद मीर की ट्वीट पर कई हिंदुस्तानियों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया और पाकिस्तानी पत्रकार का सामान्य ज्ञान सही करने की कोशिश की.
ईशनिंदा के लिए मौत की सज़ा देने वाला देश धर्म गुरू को आतंकी बता रहा है-
दलाई लामा चीन के खिलाफ और तिब्बत की आज़ादी के लिए लड़ी गई 40 साल लंबी अहिंसावादी लड़ाई के लिए नोबेल पुरुस्कार जीते. चौंकाने वाली बात तो ये है कि दलाई लामा जो खुद एक देश के धर्म गुरू हैं उन्हें आतंकी उस देश का पत्रकार कह रहा है जहां ईशनिंदा के नाम पर न जाने कितने ही लोगों को हर साल मौत के घाट उतार दिया जाता है.
हामिद मीर की इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर #DalaiLama ट्रेंड करने लगा. हामिद मीर शायद ट्वीट करने से पहले ये भूल गए कि असल में मसूद अजहर एक आतंकी है जिसने भारत पर कई बार हमले करवाए हैं.
चीन का हितैशी पाकिस्तान अजहर की करतूतों को छुपा रहा है-
हाल ही में मसूद अजहर का एक नया ऑडियो सामने आया है. चीन भले ही मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने से पीछे हट रहा हो, लेकिन जैश सरगनाह भारत के खिलाफ और भी ज्यादा जहर उगलने लगा है. nited Nations Security Council (NSC) को भारत ने अजहर के खिलाफ जो सबूत दिए हैं उनमें से एक ऑडियो क्लिप भी है जिसमें अजहर को कहते सुना जा सकता है कि 14 फरवरी का आतंकी हमला सिर्फ एक कड़ी था और इसके आगे बहुत से हमले होने बाकी हैं.
15 मिनट लंबी इस रिकॉर्डिंग में जैश के चीफ मसूद अजहर को कहते सुना जा सकता है कि आतंकी संगठन आगे भी हमले करवाएगा और तब तक करवाता रहेगा जब तक नई दिल्ली कश्मीर को पाकिस्तान के हाथ नहीं सौंप देता. मसूज अजहर कह रहा है कि पाकिस्तान और कश्मीर अलग-अलग नहीं हैं. कश्मीरी कहते हैं कि कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा है पर पाकिस्तान असल में कश्मीर का हिस्सा है. अगर कश्मीर नहीं सौंपा गया तो आग दिल्ली, मुंबई, लखनऊ से होती हुई पूरे देश में फैलेगी.
जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन भारत में होने वाले कई आतंकी हमलों का जिम्मेदार है. इसमें 2001 में संसद पर हुए हमले से लेकर 2016 में पठानकोट, 2018 में उरी और हाल ही में हुए पुलवामा आतंकी हमले शामिल हैं.
पुलवामा आंतकी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस सहित कई देशों ने NSC से मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने को कहा, जिससे मसूद अजहर की संपत्ती को जब्त किया जा सकता है और उसपर पूरी दुनिया में ट्रैवल बैन लग सकता है. भारत ने अपने सभी मित्र देशों से बात कर पाकिस्तान में छुपे मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की बात कही, लेकिन चीन ने हमेशा की तरह बिना किसी कारण के ये बैन नहीं लगने दिया.
इस बात को देखते हुए ये कहना गलत नहीं होगा कि वाकई पाकिस्तान सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए किसी अमन के देवता को आंतकी कह सकता है और ये किसी भी देश के लिए शर्म की बात है.
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