भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन के दौरे पर रवाना हो गए हैं. माना जा रहा है कि जहां एक तरफ पीएम मोदी के इस दौरों से भारत के संबंध तीनों ही देशों के साथ बेहतर बनेंगे. तो वहीं दूसरी तरफ ये दौरा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद एक मुख्य मुद्दा रहेगा. साथ ही इससे भारतीय प्रधानमंत्री के विश्व शांति के प्रयासों को बल मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे का पहला पड़ाव फ्रांस होगा जहां वो पेरिस में फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और प्रधानमंत्री चार्ल्स फिलिप से मुलाकात करेंगे और व्यापार, सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा, आतंकवाद और समुद्री सहयोग पर द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस स्थित यूनेस्को मुख्यालय में भारतीय समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे और 1950 और 1966 में एयर इंडिया की दो दुखद हवाई दुर्घटनाओं के शिकार लोगों के लिए एक स्मारक का उद्घाटन करेंगे.
पीएम मोदी के जी7 दौरे का सीधा असर पाकिस्तान को होगा और उसकी स्थिति और ज्यादा ख़राब होगी
पीएम मोदी की इस यात्रा पर यदि गौर किया जाए तो बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पीएम मोदी ने पहली बार पाकिस्तान के ऊपर से उड़ान भरी है. यानी कहा ये भी जा सकता है अपनी इस यात्रा में पीएम मोदी पाकिस्तान की छाती से गुजरकर पाकिस्तान की ही बात करने वाले हैं. हम ऐसा इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि चाहे फ्रांस हो या फिर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन इस मुलाकात में पाकिस्तान समर्पित आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा होने वाला है.
पाकिस्तान के सीने से होकर गुजरा है पीएम मोदी का जहाज
वायुमार्ग के इस्तेमाल पर ना नुकुर कर चुका है पाकिस्तान
ज्ञात हो कि इससे पहले जब अभी पीएम मोदी SCO समिट के तहत बिश्केक जा रहे थे तब अपने वायु मार्ग से गुजरने पर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई थी. बताया गया था कि किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में होने वाले SCO समित में शिरकत करने के लिए जाते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करेंगे, और उनका विमान ओमान, ईरान और मध्य एशिया के लम्बे रास्ते से होकर जाएगा. ध्यान रहे कि भारत ने प्रधानमंत्री को SCO की बैठक में हिस्सा लेने जाने के लिए पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से गुज़रने की अनुमति मांगी थी.
शुरुआत में पाकिस्तान ने न नुकुर की थी मगर बाद में जब दबाव बना और पाकिस्तान को ये एहसास हुआ कि इसे पूरे विश्व के सामने उसकी थू थू होगी उसने भारत को अनुमति दे दी. बाद में पुलवामा आतंकी हमले से खफा भारतीय प्रधानमंत्री ने इस रूट से उड़ान भरने से माना कर दिया था.
यूएई और बहरीन में भी होगी पाकिस्तान की करतूतों पर चर्चा
बात अगर पीएम मोदी के इसी दौरे में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन के दौरे की हो तो भारतीय प्रधानमंत्री जहां एक तरफ अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अली नहयान से मिलेंगे तो वहीं ये राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 जयंती के अवसर पर डाक टिकट भी जारी करेंगे. आपको बताते चले कि इस यात्रा में पीएम मोदी को संयुक्त अरब अमीरात के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से भी नवाजा जाएगा.
पीएम की संयुक्त अरब अमीरात की ये यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण बताई जा रही है क्योंकि एक मुस्लिम देश होने के कारण इसमें पाकिस्तान एक बड़ा मुद्दा बनने वाला है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी की इस यात्रा का सीधा असर पाकिस्तान पर देखने को मिलेगा और शायद आने वाले वक़्त में वो अपनी हद में रहना सीख जाए. अब बात पीएम मोदी की बहरीन यात्रा पर. अपनी इस यात्रा पर बात करते हुए खुद भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा था कि बहरीन यात्रा एक प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी पहली यात्रा होगी और वो बहरीन के प्रधानमंत्री हिज रॉयल हाइनेस प्रिंस शेख खलीफा बिन सलमान अल खलीफा और राजा शेख हमद बिन ईसा अल खलीफा से मिलने के लिए उत्सुक हैं.
बहरहाल, अब जबकि पीएम मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा पर निकल गए हैं. तो साफ़ है कि इसका जहां तरफ फायदा भारत को होगा. तो वहीं कहा ये भी जा रहा है कि उनकी ये यात्रा पाकिस्तान के लिए मुसीबत पैदा कर सकती है. एक ऐसे वक़्त में जब कश्मीर को लेकर पाकिस्तान भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहा हो कहीं न कहीं पाकिस्तान और इमरान खान के दिल में डर बना होगा कि विश्व पटल पर मोदी उसे इतनी आसानी से नहीं छोड़ेंगे.
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