सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक (PM Modi Security Lapse) को लेकर जांच करने के लिए बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, फिरोजपुर एसएसपी हरदीप भान अपने कर्तव्य और पर्याप्त समय और पुलिस बल होने के बावजूद रास्ता बढ़ाने के में नाकामयाब रहे हैं. रिपोर्ट पढ़ते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण ने कहा कि 'फिरोजपुर एसएसपी को दो घंटे पहले बताया जा चुका था कि पीएम नरेंद्र मोदी उस रास्ते से जाएंगे. इसके बावजूद सड़क को खाली नहीं कराया गया.' आसान शब्दों में कहा जाए, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के लिए फिरोजपुर एसएसपी को जिम्मेदार बताया गया है. लेकिन, यहां सवाल उठना वाजिब है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक क्या सिर्फ फिरोजपुर SSP का ही जुर्म था, कांग्रेस सरकार का क्या?
इत्तेफाक नहीं था पीएम मोदी का काफिला फंसना
प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाली एसपीजी की ब्लू बुक के आधार पर ही कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी का ओवरब्रिज पर काफिला फंसना इत्तेफाक भर नहीं था. प्रधानमंत्री जब भी किसी राज्य के दौरे पर जाते हैं, तो हवाई मार्ग के साथ ही सड़क का रूट भी तय होता है. और, इसके साथ ही एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार रखा जाता है. लेकिन, पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले के फंसने के समय ऐसा कोई इंतजाम नजर नहीं आया. जबकि, पंजाब के तत्कालीन सीएम और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी यही दावा करते रहे कि पीएम मोदी ने अचानक प्लान बदल दिया.
पीएम मोदी के यात्रा मार्ग की सुरक्षा किसके भरोसे?
प्रधानमंत्री की किसी भी मूवमेंट से पहले...
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्देश पर पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक (PM Modi Security Lapse) को लेकर जांच करने के लिए बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. इस रिपोर्ट के अनुसार, फिरोजपुर एसएसपी हरदीप भान अपने कर्तव्य और पर्याप्त समय और पुलिस बल होने के बावजूद रास्ता बढ़ाने के में नाकामयाब रहे हैं. रिपोर्ट पढ़ते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण ने कहा कि 'फिरोजपुर एसएसपी को दो घंटे पहले बताया जा चुका था कि पीएम नरेंद्र मोदी उस रास्ते से जाएंगे. इसके बावजूद सड़क को खाली नहीं कराया गया.' आसान शब्दों में कहा जाए, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के लिए फिरोजपुर एसएसपी को जिम्मेदार बताया गया है. लेकिन, यहां सवाल उठना वाजिब है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक क्या सिर्फ फिरोजपुर SSP का ही जुर्म था, कांग्रेस सरकार का क्या?
इत्तेफाक नहीं था पीएम मोदी का काफिला फंसना
प्रधानमंत्री की सुरक्षा करने वाली एसपीजी की ब्लू बुक के आधार पर ही कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी का ओवरब्रिज पर काफिला फंसना इत्तेफाक भर नहीं था. प्रधानमंत्री जब भी किसी राज्य के दौरे पर जाते हैं, तो हवाई मार्ग के साथ ही सड़क का रूट भी तय होता है. और, इसके साथ ही एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार रखा जाता है. लेकिन, पंजाब में पीएम नरेंद्र मोदी के काफिले के फंसने के समय ऐसा कोई इंतजाम नजर नहीं आया. जबकि, पंजाब के तत्कालीन सीएम और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी यही दावा करते रहे कि पीएम मोदी ने अचानक प्लान बदल दिया.
पीएम मोदी के यात्रा मार्ग की सुरक्षा किसके भरोसे?
प्रधानमंत्री की किसी भी मूवमेंट से पहले स्थानीय पुलिस का एक काफिला सड़क को क्लियर करवाता हुआ चलता है. लेकिन, फिरोजपुर एसएसपी ऐसा करने में कामयाब नहीं हो सके. वहीं, एसएसपी ने ही सड़क के साफ होने की बात एसपीजी को कही थी. जिसके बाद पीएम मोदी का काफिला फिरोजपुर के प्यारेआना गांव के पास ओवरब्रिज पर फंस गया था. लेकिन, चरणजीत सिंह चन्नी ये कहते रहे कि 20 मिनट ही तो रुके थे. तो क्या हो गया? रास्ते में कुछ प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रोड जाम कर दी. लेकिन, इसे पीएम की सुरक्षा में चूक नहीं कहा जा सकता.
पीएम के ट्रैवल प्लान की जानकारी लीक कैसे हुई?
पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक में अहम सवाल यही रहा कि प्रदर्शनकारियों को पीएम के ट्रैवल प्लान की जानकारी कैसे पता चली? जबकि, एसपीजी और पंजाब पुलिस के अलावा इसकी जानकारी किसी और के पास नहीं थी. लेकिन, पीएम मोदी के काफिले के निकलने से लेकर पहुंचने तक की पल-पल की जानकारी प्रदर्शनकारियों के पास पहुंच रही थी. ये कैसे संभव हुआ, इसकी जिम्मेदार पंजाब पुलिस की ही बनती है. वहीं, एसएसपी के पास रोड जाम करने वाले प्रदर्शनकारियों के बारे में भी जानकारी नहीं थी.
सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति क्यों कर रहे थे चन्नी?
किसी भी राज्य में पीएम के दौरे पर मुख्यमंत्री उनसे मिलने जाते हैं. लेकिन, उस दौरान चरणजीत सिंह चन्नी ने खुद कोरोना पॉजिटिव बताया. और, कार्यक्रम से दूरी बना ली. वहीं, पंजाब में किसानों के प्रदर्शन करने की पहले से ही आशंका थी. लेकिन, इसके बावजूद पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर चरणजीत सिंह चन्नी कुछ खास चिंतित नजर नहीं आए थे. चन्नी को पता था कि फिरोजपुर में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, उन्होंने पंजाब पुलिस को बल प्रयोग की जगह बातचीत से सड़क खाली कराने का निर्देश दिया था. यही कारण था कि पंजाब पुलिस के जवान प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पीते नजर आ रहे थे. वैसे, कोरोना पॉजिटिव होने का दावा कर रहे चन्नी उसी शाम बिना मास्क के प्रेस कॉन्फ्रेंस करते दिखे. वहीं, पीएम का काफिला रुकने पर जब चन्नी को फोन किया गया, तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया. वैसे, चन्नी ने ऐसा क्यों किया, ये सवाल अभी भी बरकरार है?
रैली में जा रहे कार्यकर्ताओं पर भी हमला करते रहे प्रदर्शनकारी
पीएम नरेंद्र मोदी का काफिला रुकने से इतर प्रदर्शनकारी फिरोजपुर रैली में जा रहे लोगों की गाडि़यों को भी जगह-जगह रोक रहे थे. गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. और, चरणजीत सिंह चन्नी ने भी इसे माना था. लेकिन, प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई नहीं कर रहे थे. ऐसा क्यों किया गया था, ये तो चन्नी ही बता सकते हैं.
आखिर कांग्रेस चाहती क्या है?
अगर पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ किसी भी तरह की अनहोनी होती, तो देश का माहौल बिगड़ सकता था. क्योंकि, लोगों के अंदर दिल्ली में चले किसान आंदोलन को लेकर गुस्सा भरा हुआ था. इस आंदोलन की वजह से देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धक्का लगा था. खालिस्तान समर्थकों, माओवादियों, देशविरोधी ताकतों के समर्थन चल रहा ये किसान आंदोलन असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया था. इस स्थिति को जानते हुए भी कांग्रेस ने पीएम मोदी की जान को खतरे में डाला. और, ये अभी तक चल रहा है.
भाजपा ने आरोप लगाया है कि पीएम की सुरक्षा में चूक एक भयावह स्थिति उत्पन्न कर सकती थी. क्या कांग्रेस ये चाहती थी, तो किसके इशारे पर चाहती थी. कांग्रेस एक ही परिवार की पार्टी है और उसके इशारे पर ही चलती है. तो, चन्नी को बताना चाहिए कि वह किसके इशारे पर चल रहे थे. पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक की स्क्रिप्ट किस नेता ने लिखी, चन्नी जी किसे रिपोर्ट कर रहे थे. बीते दिनों पीएम नरेंद्र मोदी के तेलंगाना के दौरे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने पर काले गुब्बारे छोड़ दिये थे. ये भी पीएम मोदी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ ही था.
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