प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर देश को संबोधित किया. पीएम नरेंद्र मोदी अपने भाषण में किसी बड़ी योजना का ऐलान नहीं किया. लेकिन, पीएम मोदी के भाषण में 2014 की तरह ही देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को केंद्र में रखा गया. पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की बात करते हुए देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के विजन को पूरा करने का संकल्प दिलाया. वहीं, नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में 'पंच प्रण' के जरिये विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता व एकजुटता और नागरिकों के कर्तव्यों की बात की. इस दौरान पीएम मोदी ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर जमकर हमला बोला. आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की वो बड़ी बातें, जो देश में बड़ी बहस खड़ी करेंगी.
भ्रष्टाचारियों का महिमा-मंडन
पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से भ्रष्टाचार से लेकर भ्रष्टाचारियों और उन्हें समर्थन देने वालों तक पर करारा हमला बोला. वैसे, पीएम मोदी ने अपने भाषण में भले ही किसी राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया. लेकिन, उनका इशारा बिलकुल साफ था. पीएम मोदी ने कहा कि 'कई लोग तो इस हाल तक चले जाते हैं कि कुछ लोग जिन्हें कोर्ट ने दोषी पाया है, जेल में हैं. उनका भी महिमांडन करते हैं.' अब यहां बताने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए कि बीते दिनों नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हुई ईडी की पूछताछ पर कांग्रेस नेताओं ने जिस तरह से दिल्ली समेत देशभर में प्रदर्शन किया था. और, गांधी परिवार को देश के लिए कुर्बानी देने वाला परिवार बताकर महिमा-मंडित करने की कोशिश की गई.
वहीं, अप्रत्यक्ष रूप से पीएम नरेंद्र मोदी के निशाने पर हाल ही में...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर देश को संबोधित किया. पीएम नरेंद्र मोदी अपने भाषण में किसी बड़ी योजना का ऐलान नहीं किया. लेकिन, पीएम मोदी के भाषण में 2014 की तरह ही देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को केंद्र में रखा गया. पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की बात करते हुए देश को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के विजन को पूरा करने का संकल्प दिलाया. वहीं, नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में 'पंच प्रण' के जरिये विकसित भारत, गुलामी से मुक्ति, विरासत पर गर्व, एकता व एकजुटता और नागरिकों के कर्तव्यों की बात की. इस दौरान पीएम मोदी ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार पर जमकर हमला बोला. आइए जानते हैं पीएम मोदी के भाषण की वो बड़ी बातें, जो देश में बड़ी बहस खड़ी करेंगी.
भ्रष्टाचारियों का महिमा-मंडन
पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से भ्रष्टाचार से लेकर भ्रष्टाचारियों और उन्हें समर्थन देने वालों तक पर करारा हमला बोला. वैसे, पीएम मोदी ने अपने भाषण में भले ही किसी राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया. लेकिन, उनका इशारा बिलकुल साफ था. पीएम मोदी ने कहा कि 'कई लोग तो इस हाल तक चले जाते हैं कि कुछ लोग जिन्हें कोर्ट ने दोषी पाया है, जेल में हैं. उनका भी महिमांडन करते हैं.' अब यहां बताने की जरूरत नहीं पड़नी चाहिए कि बीते दिनों नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से हुई ईडी की पूछताछ पर कांग्रेस नेताओं ने जिस तरह से दिल्ली समेत देशभर में प्रदर्शन किया था. और, गांधी परिवार को देश के लिए कुर्बानी देने वाला परिवार बताकर महिमा-मंडित करने की कोशिश की गई.
वहीं, अप्रत्यक्ष रूप से पीएम नरेंद्र मोदी के निशाने पर हाल ही में भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ कर आरजेडी का हाथ थामने वाली जेडीयू भी थी. क्योंकि, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में भ्रष्टाचार के आरोपी साबित होकर सजायाफ्ता हैं. और, नीतीश कुमार ने उसी आरजेडी के साथ गठबंधन किया है. इतना ही नहीं, पीएम मोदी ने कहा कि 'देश में जहां लोग गरीबी से जूझ रहे हैं, तो एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है. दूसरी ओर वे लोग हैं, जिनके पास अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है.' इसके जरिये पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी की करीबी के घर से बरामद हुई करोड़ों की नकदी का जिक्र कर दिया.
भ्रष्टाचारियों पर नकेल के लिए आशीर्वाद मांगा:
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट करके भाग गए, उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिश जारी है. कई लोगों को जेलों में जीने के लिए मजबूर कर दिया है. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटना पड़े. वे अब बच नहीं पाएंगे. इस मिजाज के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में हिंदुस्तान कदम रख रहा है. भ्रष्टाचार का दीमक देश को खोखला कर रहा है. इसके खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर लेकर जाना है. इसके लिए मुझे 130 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद और साथ चाहिए.'
दरअसल, मोदी सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी सियासी दल एक सुर में आरोप लगाते हैं कि 'देश में दो उद्योगपतियों की सरकार चल रही है. और, नरेंद्र मोदी अपने इन दोस्तों का कर्ज माफ कर रहे हैं.' तो, पीएम नरेंद्र मोदी ने इन आरोपों पर भी परोक्ष रूप से अपना पक्ष रखा. भगोड़े आर्थिक अपराधियों और भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसते समय उनके समर्थकों द्वारा लगाए जाने वाले आरोपों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पीएम मोदी ने लोगों से उनका समर्थन मांगकर भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकेत दे दिया है.
परिवारवाद पर मुखरता से होगी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि 'देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली चुनौती है भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती है भाई-भतीजावाद (परिवारवाद). दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की इस बुराई ने देश की अनेक संस्थाओं को अपने कब्जे में ले लिया है. जब तक इसके खिलाफ नफरत पैदा नहीं होगी, तब तक इन संस्थाओं को नहीं बचा पाएंगे. राजनीति के शुद्धिकरण और सभी संस्थाओं के शुद्धिकरण के लिए इस परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलानी होगी.' परिवारवाद का जिक्र करते हुए पीएम मोदी का इशारा कांग्रेस समेत उन तमाम राजनीतिक दलों की ओर ही था. जो राजनीति में परिवारवाद को पोषित करते रहे हैं. आसान शब्दों में कहा जाए, तो तकरीबन हर विपक्षी दल ही नरेंद्र मोदी के निशाने पर रहे. बताना जरूरी है कि नरेंद्र मोदी के प्रधामंत्री बनने के बाद से ही भाजपा में परिवारवाद की राजनीति को तेजी से खत्म करने की ओर कदम बढ़ाए गए हैं.
परिवारवाद पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'ऐसा नहीं था कि पहले देश में प्रतिभाएं नहीं थीं. लेकिन, पहले चयन भाई-भतीजावाद से गुजरता था. वे खेल के मैदान तक तो पहुंच जाते थे, लेकिन परफॉर्म नहीं कर पाते थे. अब खिलाड़ियों के चयन में पारदर्शिता आई है. भाई-भतीजावाद खत्म होने का असर दिखाई दे रहा है. योग्यता के आधार पर खिलाड़ियों का चयन हो रहा है. तो, दुनिया भर में खेल के मैदानों में तिरंगा लहरा रहा है. हमें योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने की ओर बढ़ना होगा.'
...और जनता में कर्तव्यबोध जगाने के लिए कराया 'पंच प्रण'
नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में 'पंच प्रण' का जिक्र किया. ये पंच प्रण पूरी तरह से भविष्य के भारत को लेकर रोडमैप की तरह है. पीएम मोदी ने इसके लिए विकसित भारत, गुलामी से जुड़ी सोच से मुक्ति, भारत की विरासत पर गर्व, एकता व एकजुटता और नागरिकों के कर्तव्यों की बात की. पीएम मोदी ने कहा कि 'जब सपने बड़े होते हैं, संकल्प बड़े होते हैं, तो पुरुषार्थ भी बड़ा होता है. अगले 25 वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. पहला प्रण विकसित भारत होगा. और, इससे कम कुछ नहीं चलेगा. दूसरा प्रण है, भारतीयों के मन, मस्तिष्क से गुलामी को खत्म करना है. तीसरा प्रण है, हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. क्योंकि, इसी ने हमें कभी स्वर्णिम काल दिया था. यही विरासत समय के अनुकूल परिवर्तन की आदत रखती है. चौथा प्रण 130 करोड़ देशवासियों में एकता और एकजुटता है. पांचवां प्रण नागरिकों का कर्तव्य है. जिसमें प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी बाहर नहीं होते हैं.'
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