पश्चिम बंगाल चुनाव में वोटिंग का आधा सफर पूरा हो चुका है - और इस दौरान ममता बनर्जी के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का एक ऑडियो क्लिप (Prashant Kishor Audio Clip) बीजेपी का नया हथियार बन कर सामने आया है.
बीजेपी के आईटी सेल के चीफ और पश्चिम बंगाल चुनाव के सह प्रभारी अमित मालवीय (Amit Malviya) ने प्रशांत किशोर और कुछ पत्रकारों की बातचीत के ऑडियो क्लिप को कई हिस्सों में चुन चुन कर ट्वीट किया है - ठीक उसी दिन जब पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का मतदान हो रहा है. कूच बेहार के एक बूथ पर हुई फायरिंग में टीएमसी के चार कार्यकर्ताओं के मारे जाने की खबर है - और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Modi VS Mamata) एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किये हुए मैदान में डटे हुए हैं.
ऑडियो क्लिप को लेकर प्रशांत किशोर का भी रिएक्शन आ गया है - और वो बीजेपी से पूरी बातचीत का ऑडियो लोगों के साथ शेयर करने की अपील कर रहे हैं. साथ ही, पीके के बचाव में एक पत्रकार ने भी ट्विटर पर दावा किया है कि प्रशांत किशोर ने पूरे सेशन में ममता बनर्जी की जीत के दावे किये - और कई बार अपनी वो पुरानी बात भी दोहरायी कि बीजेपी के लिए 100 सीटें जीतना भी मुश्किल होगा.
बेशक प्रशांत किशोर ने ऐसा किया होगा और यही वजह है कि वो क्लब हाउस चैट का पूरा ऑडियो सामने लाये जाने की बात कर रहे हैं - लेकिन वो ये भूल रहे हैं कि वो अधूरा ऑडियो भी टुकड़े टुकड़े में जो कहानी सुना रहा है वो आधा सच से भी ज्यादा ही लगता है.
पुरानी बात पर कायम हैं प्रशांत किशोर!
बीजेपी के राजनीतिक विरोधी अमित मालवीय पर फेक न्यूज फैलाने का इल्जाम लगाते रहे हैं, लेकिन इस वो ऐसा बोलने वालों को पूरी तरह निराश कर रहे हैं - क्योंकि जो ऑडियो क्लिप बीजेपी नेता ने शेयर किया है उसे लेकर ऑल्ट न्यूज वाले प्रतीक सिन्हा भी फैक्ट चेक के चक्कर में भी नहीं पड़े हैं.
अमित मालवीय के पक्ष में तो सबसे बड़ी बात यही है कि ऑडियो क्लिप की पुष्टि खुद प्रशांत किशोर ही कर रहे हैं....
पश्चिम बंगाल चुनाव में वोटिंग का आधा सफर पूरा हो चुका है - और इस दौरान ममता बनर्जी के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर का एक ऑडियो क्लिप (Prashant Kishor Audio Clip) बीजेपी का नया हथियार बन कर सामने आया है.
बीजेपी के आईटी सेल के चीफ और पश्चिम बंगाल चुनाव के सह प्रभारी अमित मालवीय (Amit Malviya) ने प्रशांत किशोर और कुछ पत्रकारों की बातचीत के ऑडियो क्लिप को कई हिस्सों में चुन चुन कर ट्वीट किया है - ठीक उसी दिन जब पश्चिम बंगाल में चौथे चरण का मतदान हो रहा है. कूच बेहार के एक बूथ पर हुई फायरिंग में टीएमसी के चार कार्यकर्ताओं के मारे जाने की खबर है - और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Modi VS Mamata) एक दूसरे के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार किये हुए मैदान में डटे हुए हैं.
ऑडियो क्लिप को लेकर प्रशांत किशोर का भी रिएक्शन आ गया है - और वो बीजेपी से पूरी बातचीत का ऑडियो लोगों के साथ शेयर करने की अपील कर रहे हैं. साथ ही, पीके के बचाव में एक पत्रकार ने भी ट्विटर पर दावा किया है कि प्रशांत किशोर ने पूरे सेशन में ममता बनर्जी की जीत के दावे किये - और कई बार अपनी वो पुरानी बात भी दोहरायी कि बीजेपी के लिए 100 सीटें जीतना भी मुश्किल होगा.
बेशक प्रशांत किशोर ने ऐसा किया होगा और यही वजह है कि वो क्लब हाउस चैट का पूरा ऑडियो सामने लाये जाने की बात कर रहे हैं - लेकिन वो ये भूल रहे हैं कि वो अधूरा ऑडियो भी टुकड़े टुकड़े में जो कहानी सुना रहा है वो आधा सच से भी ज्यादा ही लगता है.
पुरानी बात पर कायम हैं प्रशांत किशोर!
बीजेपी के राजनीतिक विरोधी अमित मालवीय पर फेक न्यूज फैलाने का इल्जाम लगाते रहे हैं, लेकिन इस वो ऐसा बोलने वालों को पूरी तरह निराश कर रहे हैं - क्योंकि जो ऑडियो क्लिप बीजेपी नेता ने शेयर किया है उसे लेकर ऑल्ट न्यूज वाले प्रतीक सिन्हा भी फैक्ट चेक के चक्कर में भी नहीं पड़े हैं.
अमित मालवीय के पक्ष में तो सबसे बड़ी बात यही है कि ऑडियो क्लिप की पुष्टि खुद प्रशांत किशोर ही कर रहे हैं. हालांकि, लगे हाथ वो अमित मालवीय को पूरी क्लिप शेयर करने के लिए भी चैलेंज कर रहे हैं. ऑडियो क्लिप के दो-तीन टुकड़ों के जरिये अमित मालवीय की कुछ ऐसी बातें सामने लाने की कोशिश है जो बीजेपी और उसके समर्थकों का जोश हाई करने वाला है. भला इससे ज्यादा और उनको चाहिये भी क्या भला.
ऑडियो क्लिप शेयर करते हुए अमित मालवीय ने दावा किया है कि क्लब हाउस चैट के दौरान ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने माना कि टीएमसी के आंतरिक सर्वे के मुताबिक पश्चिम बंगाल में बीजेपी ही चुनाव जीतने जा रही है. प्रशांत किशोर के हवाले से ही अमित मालवीय समझाते हैं - वोट मोदी के नाम पर मिल रहा है. ध्रुवीकरण एक सच्चाई है. 27 फीसदी अनुसूचित जाति और मतुआ समुदाय का वोट भी बीजेपी को ही मिल रहा है क्योंकि पार्टी जमीनी स्तर पर मौजूदगी दर्ज करा रही है.
एक क्लिप शेयर करते हुए अमित मालवीय लिखते हैं - 'मोदी बंगाल में खासे लोकप्रिय हैं - और इसमें कोई संदेह नहीं है... देश भर में उनके प्रशंसक हैं. टीएमसी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है...' आखिर में लिखा है कि ये बातें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक ओपन चैट में कही है.
प्रशांत किशोर ने भी अमित मालवीय के ट्वीट का जवाब ट्विटर पर ही दिया है. अपने ट्वीट पोस्ट में प्रशांत किशोर ने लिखा है, 'ये खुशी की बात है कि बीजेपी के लोग मेरे क्लब हाउस चैट को अपने नेताओं के भाषण की तुलना में ज्यादा गंभीरता से ले रहे हैं. उनको हिम्मत दिखाते हुए चुनिंदा हिस्सों से उत्साहित होने की बजाये पूरा चैट शेयर करना चाहिये. मैंने पहले भी कहा है और दोहरा रहा हूं - पश्चिम बंगाल में बीजेपी 100 सीटें भी नहीं पा सकेगी.'
अमित मालवीय और प्रशांत किशोर के इस ट्विटर तकरार में एक पत्रकार के ट्वीट पर एक अन्य पत्रकार की टिप्पणी और फिर ट्वीट डिलीट किया जाना भी ध्यान खींचता है. दरअसल, पत्रकार रोहिणी सिंह ने जिस पत्रकार के ट्वीट पर प्रशांत किशोर के पक्ष में टिप्पणी की है, उसने अपना स्टेटस डिलीट कर दिया है. रोहिणी सिंह का दावा है कि बातचीत के दौरान प्रशांत किशोर ने कई बार साफ किया कि चुनाव तो ममता बनर्जी ही जीत रही हैं - और अपने पुराने अनुमान भी दोहराते रहे कि बीजेपी 100 सीटों का आंकड़ा भी नहीं छू पाएगी.
अमित मालवीय ने ये ट्वीट 10 अप्रैल को उस वक्त शेयर किये जब पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के लिए मतदान शुरू ही हुए थे. पश्चिम बंगाल में अभी चार और फेज की वोटिंग होनी है - और चुनाव नतीजे 2 मई को आएंगे.
आधा ऑडियो, पूरा किस्सा!
देखा जाये तो अमित मालवीय, प्रशांत किशोर और पत्रकार के ट्वीट के बाद क्लब हाउस चैट की कोई बात ऐसी नहीं लगती जो ट्विटर पर शेयर ऑडियो क्लिप के अलावा कोई और खास जानकारी देने वाली है.
अमित मालवीय ने जो क्लिप शेयर की है उसके बाद तो वही बचती है जिसे लेकर प्रशांत किशोर दावा कर रहे हैं. सामने आयी ऑडियो क्लिप के अलावा जो बातें क्लिप में सुनने को नहीं मिली हैं, उसमें तो बस दो बातें ही खास लगती हैं - एक, ममता बनर्जी ही एक बार फिर पश्चिम बंगाल चुनाव जीतेंगी और दो, बीजेपी के लिए 100 सीटें जीतना भी मुश्किल होगा.
प्रशांत किशोर जिन बातों को लेकर शेयर करने के लिए अमित मालवीय को चैलेंज कर रहे हैं, वे वही सारी बातें हैं जो प्रशांत किशोर अपने किसी भी क्लाइंट के लिए किसी भी फोरम पर असाइंमेंट पूरा होने तक दोहराते रहेंगे. सबसे खास बातें वे हैं जो प्रशांत किशोर कह रहे हैं और वे ममता बनर्जी के खिलाफ इशारे कर रही हैं.
पूरा मामला ले देकर बस इतना ही है. इससे ज्यादा न तो प्रशांत किशोर खुद कोई दावा कर रहे हैं और न ही उनके पक्ष में कोई और ही. बाकी बातें तो अमित मालवीय ने साझा किया ही है.
क्लब हाउस चैट के जरिये प्रशांत किशोर और पत्रकारों की बातचीत से जो बातें मुख्यतौर पर समझ में आ रही हैं वे तो निश्चित तौर पर ममता बनर्जी के लिए फिक्र वाली चीज है - और प्रशांत किशोर खुद वैसा मानते हैं.
1. बंगाल में ममता और मोदी की लोकप्रियता बराबर है: प्रशांत किशोर की राय में पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समान रूप से लोकप्रिय हैं.
अगर वस्तुस्थिति यही है तो ये ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर दोनों ही के लिए गहरी चिंता का विषय है. अव्वल तो ये होना चाहिये कि ममता बनर्जी की लोकप्रियता कम से कम पश्चिम बंगाल में मोदी से ज्यादा ही होनी चाहिये. ऐसा होने पर ही ममता बनर्जी चुनावी टक्कर में मोदी के मुकाबले मैदान में टिक सकती हैं.
कुछ दिन पहले इंडिया टुडे और कार्वी इनसाइट्स का मूड ऑफ द नेशन सर्वे आया था और उसमें लोकप्रियता के मामले में मोदी के मुकाबले ममता बनर्जी दूर दूर तक कहीं नहीं खड़ी हो पा रही थीं - अब वही मोदी अगर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के बराबर लोकप्रिय हैं तो ये ममता बनर्जी के लिए खतरे की ही घंटी समझी जाएगी.
बातचीत में प्रशांत किशोर मानते हैं कि मोदी काफी लोकप्रिय हैं और देश भर में उनके चाहने वाले हैं - लेकिन प्रशांत किशोर की दलील है कि मोदी की लोकप्रियता की वजह ये है कि बंगाल के लोगों ने बीजेपी का स्वाद चखा नहीं है. सही बात है, लेकिन देश के लोगों ने तो मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी के शासन का स्वाद चखा तो है ही. 2014 के मुकाबले 2019 में ज्यादा वोट देना आखिर क्या कहता है - और पश्चिम बंगाल के लोगों ने भी ऐसा ही किया है.
2. तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर है: ये बात भी क्लब हाउस चैट के जरिये ही सामने आयी है. बातचीत में देश के आर्थिक संकट के बीच मोदी के खिलाफ भी सत्ता विरोधी लहर को लेकर सवाल किया गया है - और खुद प्रशांत किशोर की तरफ से माना गया है कि ममता बनर्जी एंटी-इनकम्बेंसी फैक्टर से बुरी तरह जूझ रही हैं.
और ये बात भी बीजेपी के पक्ष में और ममता बनर्जी के खिलाफ ही जाती है.
3. मुस्लिम तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण सच्चाई है: पश्चिम बंगाल में अब तक कांग्रेस, लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस की सरकारें रही हैं जिसमें सबसे लंबा लेफ्ट का शासन रहा है - और प्रशांत किशोर ने माना है कि तीनों ही दलों ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा दिया है.
शायद यही वजह है कि प्रशांत किशोर भी पश्चिम बंगाल में ध्रुवीकरण को सच्चाई के तौर पर स्वीकार करते हैं - और जिस तरह का माहौल नजर आ रहा है ये बात भी बीजेपी के फायदे वाली लगती है.
बोनस में, प्रशांत किशोर बताते हैं, अनुसूचित जाति बीजेपी की चुनावी मशीनरी के लिए थोड़ा एक्स्ट्रा ही देने वाला है.
मुद्दे की बात. अमित मालवीय का दावा है कि क्लब हाउस चैट सार्वजनिक थी, इस बात का एहसास बहुतों को नहीं था. जैसे ही प्रशांत किशोर को लगा वो पूछे भी बैठे - ये बातचीत सार्वजनिक है क्या?
बीजेपी के तकनीकी तारणहार अमित मालवीय का ये भी दावा है कि बातचीत के बंद कमरे से बाहर जाने का अहसास होते ही क्लब हाउस चैट पर सन्नाटा छा गया.
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