भारतीय मूल की प्रीति पटेल को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गृहमंत्री बनाया है. 47 वर्षीय प्रीति पटेल को वर्तमान समय में कंजरवेटिव पार्टी के अंदर सबसे चर्चित और जुझारू नेताओं में से गिना जाता है. प्रीति पटेल ब्रिटेन में उन लीडरों की श्रेणी में आती हैं जो भारत से मजबूत सम्बन्ध के पक्षधर रहे हैं. वे भारत समर्थक लीडर के रूप में मशहूर हैं. ब्रिटेन में उनको भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक के रूप में भी जाना जाता है. जब नरेंद्र मोदी नवंबर 2015 में लंदन आये थे तब उस समय के ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने उन्हें इस यात्रा का प्रभार सौंपा था. ब्रिटैन में भारतीय मूल और अन्य एशियाई मूल के लोगों के बीच उनकी पैठ बहुत अधिक है. प्रीति पटेल का ब्रिटेन का गृहमंत्री बनने के साथ ही ये अनुमान लगाए जाने लग गए हैं कि अब वहां पर रह रहे भारत के भगोड़ो की खैर नहीं है. बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद तेज तर्रार प्रीति पटेल का वहां का गृहमंत्री बनना भारत के भगोड़े आर्थिक अपराधियों नीरव मोदी और विजय माल्या के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है.
हालांकि अभी उनका मामला ब्रिटेन की कोर्ट में चल रहा है फिर भी उनके गृहमंत्री बनने से ये उम्मीद तो जगी है कि विजय माल्या और नीरव मोदी केस में फैसला भारत के पक्ष में आये और जल्दी आये.
क्यों महत्वपूर्ण हैं उनका पद?
प्रीति पटेल के इस हाई-प्रोफाइल गृहमंत्री के पद को, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और विदेश सचिव के साथ तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है. उनके लिए कई महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं. उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ आतंकवाद और चरमपंथ से कड़ाई से...
भारतीय मूल की प्रीति पटेल को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने गृहमंत्री बनाया है. 47 वर्षीय प्रीति पटेल को वर्तमान समय में कंजरवेटिव पार्टी के अंदर सबसे चर्चित और जुझारू नेताओं में से गिना जाता है. प्रीति पटेल ब्रिटेन में उन लीडरों की श्रेणी में आती हैं जो भारत से मजबूत सम्बन्ध के पक्षधर रहे हैं. वे भारत समर्थक लीडर के रूप में मशहूर हैं. ब्रिटेन में उनको भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक के रूप में भी जाना जाता है. जब नरेंद्र मोदी नवंबर 2015 में लंदन आये थे तब उस समय के ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने उन्हें इस यात्रा का प्रभार सौंपा था. ब्रिटैन में भारतीय मूल और अन्य एशियाई मूल के लोगों के बीच उनकी पैठ बहुत अधिक है. प्रीति पटेल का ब्रिटेन का गृहमंत्री बनने के साथ ही ये अनुमान लगाए जाने लग गए हैं कि अब वहां पर रह रहे भारत के भगोड़ो की खैर नहीं है. बोरिस जॉनसन के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद तेज तर्रार प्रीति पटेल का वहां का गृहमंत्री बनना भारत के भगोड़े आर्थिक अपराधियों नीरव मोदी और विजय माल्या के लिए खतरे की घंटी से कम नहीं है.
हालांकि अभी उनका मामला ब्रिटेन की कोर्ट में चल रहा है फिर भी उनके गृहमंत्री बनने से ये उम्मीद तो जगी है कि विजय माल्या और नीरव मोदी केस में फैसला भारत के पक्ष में आये और जल्दी आये.
क्यों महत्वपूर्ण हैं उनका पद?
प्रीति पटेल के इस हाई-प्रोफाइल गृहमंत्री के पद को, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और विदेश सचिव के साथ तीसरा सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है. उनके लिए कई महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं. उनके ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ आतंकवाद और चरमपंथ से कड़ाई से लड़ने, अवैध इमग्रेशन और अपराध से निपटने का दारोमदार रहेगा. साथ ही प्रीति पटेल पर ही ये निर्भर करेगा कि वो नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर क्या फैसला लेती हैं. उनको ही ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन की इमिग्रेशन स्ट्रेटेजी को निर्धारित करने का अधिकार रहेगा जिसमें भारत का हित जुड़ा है.
भारतीय मूल के लीडरों की ब्रिटिश कैबिनेट में धूम
ये शायद पहला मौका होगा जब ब्रिटेन के कैबिनेट में भारतीय मूल के तीन लीडरों को महत्वपूर्ण पद दिया गया है. इनमे सब से बड़ा पद प्रीति पटेल को दिया गया हैं. ब्रिटेन सरकार में अब तक किसी भारतीय के लिए ये सबसे बड़ा पद है. भारतीय मूल के सांसद आलोक शर्मा को अंतरराष्ट्रीय विकास का राज्य मंत्री बनाया गया है. तीसरे भारतीय मूल के व्यक्ति ऋषि सुनक को ट्रेज़री मुख्य सचिव बनाया गया है.
ब्रिटिश कैबिनेट में इन लोगों की नियुक्ति से ये तो बिलकुल स्पष्ट है कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका में इजाफा हुआ है. आज सभी देश भारत से दोस्ताना और प्रगाढ़ सम्बन्ध बनाना चाहते हैं. ब्रिटेन कैबिनेट में इतने महत्वपूर्ण पदों में भारतीय मूल के लोगों का रहना भारत के पक्ष में जा सकता है और आने वाले समय में दोनों देश के आपसी मतभेद वाले मामलों को सुलझाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी.
आज पूरे विश्व में कई ऊंचे पदों पर भारतीय मूल के लोग विराजमान हैं. वो चाहे कोई बड़ी कंपनी हो जैसे गूगल या माइक्रोसॉफ्ट या फिर को विदेशी संस्था जैसे नासा या फिर अमेरिका, कनाडा आदि अन्य देश की राजनीति में सक्रिय भागीदारी. विदेशी राजनीति में भारतीय मूल के लोगों का रसूक बढ़ता जा रहा है.
भारतीय मूल की अमेरिकी सीनेटर कमला हैरिस ने तो वर्ष 2020 में होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपनी दावेदारी भी पेश कर दी है और अब इस श्रृंखला में प्रीति पटेल का भी नाम जुड़ गया है जिससे भारत की शान में वृद्धि हुई है.
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