'उत्तरप्रदेश में काम करने और देश के लोगों की सेवा करने के लिए तुम्हें शुभकामनाएं प्रियंका.
तुम हमेशा मेरी सबसे अच्छी दोस्त, एक आदर्श पत्नी और हमारे बच्चों के लिए सबसे अच्छी मां रही हो.
आजकल का राजनीतिक माहौल बहुत दुर्भावना से भरा हुआ और जहरीला है. लेकिन मैं जानता हूं कि जनता की सेवा करना प्रियंका का कर्तव्य है. और अब हम उन्हें देश की जनता को सौंप रहे हैं. कृपया उसे सुरक्षित रखना. '
ये शुभकामना संदेश फिक्रमंद दिख रहे रॉबर्ड वाड्रा ने अपनी पत्नी प्रियंका गांधी के लिए फेसबुक पर लिखा है. हालांकि, वे जिस 'दुर्भावना' और 'जहरीले वातावरण' का जिक्र कर रहे हैं, उसका नाता उन पर हो रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से है. और प्रियंका अपने आरोपी पति रॉबर्ट को पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर लाती-ले जाती रही हैं. रॉबर्ट अपने खिलाफ हो रही जांच को प्रियंका के खाते में जुड़ने सहानुभूति के साथ जोड़ना चाहते हैं. और यह बताना भी चाहते हैं कि कैसे उन्हें परेशान किया जा रहा है, और किस तरह उनकी पत्नी इतनी मुसीबत के बाद भी जनता की सेवा में लगी है. रॉबर्ट वाड्रा ने लखनऊ में प्रयंका गांधी के रोड शो शुरू होने के पहले उनका हौसला बढ़ाते हुए ये गुडलक मैसेज फेसबुक पर पोस्ट किया.
कांग्रेस पार्टी की महासचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी ने लखनऊ में रोड शो करके चुनावी अभियान का शंखनाद कर दिया. हालांकि, यह रोड शो प्रियंका का कम, राहुल गांधी का ज्यादा लग रहा था. प्रियंका का इसमें इस्तेमाल सिर्फ मुंह दिखाई तक ही सीमित रहा. इस रोड शो का मीडिया और राजनीति विश्लेषक लंबे...
'उत्तरप्रदेश में काम करने और देश के लोगों की सेवा करने के लिए तुम्हें शुभकामनाएं प्रियंका.
तुम हमेशा मेरी सबसे अच्छी दोस्त, एक आदर्श पत्नी और हमारे बच्चों के लिए सबसे अच्छी मां रही हो.
आजकल का राजनीतिक माहौल बहुत दुर्भावना से भरा हुआ और जहरीला है. लेकिन मैं जानता हूं कि जनता की सेवा करना प्रियंका का कर्तव्य है. और अब हम उन्हें देश की जनता को सौंप रहे हैं. कृपया उसे सुरक्षित रखना. '
ये शुभकामना संदेश फिक्रमंद दिख रहे रॉबर्ड वाड्रा ने अपनी पत्नी प्रियंका गांधी के लिए फेसबुक पर लिखा है. हालांकि, वे जिस 'दुर्भावना' और 'जहरीले वातावरण' का जिक्र कर रहे हैं, उसका नाता उन पर हो रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से है. और प्रियंका अपने आरोपी पति रॉबर्ट को पूछताछ के लिए ईडी के दफ्तर लाती-ले जाती रही हैं. रॉबर्ट अपने खिलाफ हो रही जांच को प्रियंका के खाते में जुड़ने सहानुभूति के साथ जोड़ना चाहते हैं. और यह बताना भी चाहते हैं कि कैसे उन्हें परेशान किया जा रहा है, और किस तरह उनकी पत्नी इतनी मुसीबत के बाद भी जनता की सेवा में लगी है. रॉबर्ट वाड्रा ने लखनऊ में प्रयंका गांधी के रोड शो शुरू होने के पहले उनका हौसला बढ़ाते हुए ये गुडलक मैसेज फेसबुक पर पोस्ट किया.
कांग्रेस पार्टी की महासचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी ने लखनऊ में रोड शो करके चुनावी अभियान का शंखनाद कर दिया. हालांकि, यह रोड शो प्रियंका का कम, राहुल गांधी का ज्यादा लग रहा था. प्रियंका का इसमें इस्तेमाल सिर्फ मुंह दिखाई तक ही सीमित रहा. इस रोड शो का मीडिया और राजनीति विश्लेषक लंबे समय से इंतजार कर रहे थे. कांग्रेस के इस रोड शो में भीड़ दिखाई भी दी. लेकिन यह शंका बनी रही कि इसमें कितने कांग्रेस के वोटर हैं और कितने प्रियंका की झलक देखने वाले महज तमाशबीन.
एक बस पर सबसे आगे राहुल गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया पीछे की तरफ प्रियंका गांधी बैठे थे. प्रियंका गांधी का रोड शो अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि खबर आने लगी कि वो रोड शो के तुरंत बाद जयपुर के लिए रवाना हो जाएंगी. जयपुर इसलिए क्योंकि उनके पति रॉबर्ट वाड्रा को मंगलवार को ईडी के सामने पेश होना है. और प्रियंका गांधी एक आदर्श पत्नी के रूप में अपने पति के साथ दिखना चाहती हैं.
बीकानेर जमीन घोटाले से जुड़े एक केस में रॉबर्ट और उनकी मां जांच एजेंसी के शिकंजे में हैं. राजस्थान के बीकानेर से जुड़े जमीन घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय उनसे पूछताछ करने जा रहा है, जिसके लिए रॉबर्ट और उनकी मां जयपुर पहुंच चुके हैं. रॉबर्ट वाड्रा से जमीन घोटाले के संबंध में 12 जनवरी यानी मंगलवार को पूछताछ की जाएगी. ये घोटाला राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गेहलोत के शासनकाल में हुआ था. आरोप है कि रॉबर्ट की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी ने बीकानेर की बेशकीमती जमीन को पहले कौडि़यों के दाम पर खरीदा और फिर मनी लॉडरिंग करके उसे बहुत ज्यादा कीमत पर बेचा. इस कंपनी में रॉबर्ट की मां भी डायरेक्टर हैं.
रॉबर्ट वाड्रा पर इसी तरह के आरोप हरियाणा में भी लगे हैं. जहां की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासनकाल में ही एक अफसर अशोक खेमका ने अपनी जांच में रॉबर्ट वाड्रा को अनियमितता का दोषी बताया था. वह मामला भी अभी जांच में है.
अरविंद केजरीवाल दस्तावेजों का हवाला देते हुए आरोप लगा चुके हैं कि यूपीए शासनकाल में किस तरह से एक लाख रुपए की पूंजी लगाकर रॉबर्ट वाड्रा करोड़ों की संपत्ति के मालिक बने हैं. अब ये सभी मामले में कानूनी प्रक्रिया में निर्णायक मोड़ पर पहुंच रहे हैं.
दिसंबर में रॉबर्ट वाड्रा ने खुद कोर्ट में पेश होकर जमानत ली, और ईडी के साथ सहयोग का भरोसा दिलाया. और इसी के साथ बनी प्रियंका को सक्रिय राजनीति में उतारने की रणनीति.
आरोपी पति के साथ खड़ी 'आदर्श पत्नी'
खबरों के मुताबिक रॉबर्ट पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा था. ईडी का बढ़ता दबाव और गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए कांग्रेस ने इमरजेंसी प्लान बनाया. प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव बनाया गया और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया गया. प्रियंका गांधी के राजनीति मे आने के बाद वाड्रा ने दिल्ली की एक अदालत में अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी दी. अदालत ने वाड्रा को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया, और 16 फ़रवरी तक उनकी गिरफ़्तारी पर रोक लगा दी. यानी पत्नी प्रियंका की ढाल से रॉबर्ट गिरफ्तार होने से बच गए.
6 फरवरी को भी रॉबर्ट को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होना पड़ा था. ED दफ्तर तक रॉबर्ट को छोड़ने के लिए उनकी पत्नी प्रियंका गांधी भी साथ गयी थीं. उसी वक्त प्रियंका ने ये संदेश दे दिया था कि वो क्या कर रही हैं. रॉबर्ट वाड्रा के लिए अपनी पत्नी का साथ मिलना कोई बड़ी बात नहीं थी लेकिन अब प्रियंका कांग्रेस की महासचिव बन चुकी थीं. और वो ये बताने की कोशिश कर रही थीं कि उनके राजनीति में आने के कारण उनके पति को परेशान किया जा रहा है. और इन सब बातों के बावजूद वो रॉबर्ट के साथ खड़ी हैं. प्रियंका ने तब कहा था- 'उनके साथ ईडी दफ्तर तक जाकर मैं सिर्फ यही बताना चाहती थी कि मैं हर कदम पर उनके साथ खड़ी हूं. लोग सब समझते हैं कि चुनाव से ठीक पहले ये क्यों हो रहा है और कौन कर रहा है?'
अब जयपुर में ईडी के सामने दोबारा पेशी है, इस बार भी प्रियंका पार्टी और परिवार दोनों का साथ दे रही हैं. रोड शो के तुरंत बाद प्रियंका का पति के पास चले जाना भी यही बताने की कोशिश है, कि वो एक आदर्श पत्नी हैं.
अब हमारे भारतीय समाज के हिसाब से तो हर पत्नी को अपने पति का साथ देना चाहिए, चाहे पति कैसा भी हो. सात फेरे लेते वक्त पत्नी यही वचन देती है कि वो हमेशा पति का साथ निभाएगी. पति की इज्जत को ही अपनी इज्जत समझेगी. हमारे समाज में वही पत्नियां तो आदर्श कहलाती हैं जो पति की कमियों को किसी के सामने नहीं आने देतीं, उनकी बुराइयों को हंसी ठिठोली में छिपा जाती हैं. पति अगर पीटता भी हो तो पिटाई के निशान या तो पल्लू से छिपाती हैं या झूठ बोल देती हैं कि चोट लग गई. खैर इस हिसाब से देखें तो प्रियंका गांधी एक आदर्श पत्नी हैं. जो हर हाल में अपने पति का साथ दे रही हैं. तब भी जब पति पर घोटालों के आरोप लगे हैं.
हालांकि अभी पूछताछ जारी है और दोष साबित नहीं हुआ है. लेकिन जो लोग ये सोचते हैं कि अपने पति का साथ निभाकर प्रियंका की छवि खराब होगी, तो वो गलत हैं. हां, भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे पति का साथ निभाने पर उन्हें कितना फायदा होगा, इस पर शक है. ये भी हो सकता है कि रॉबर्ट का साथ देने पर प्रियंका को सहानुभूति मिले, और इसका नुकसान कांग्रेस उठाए.
राहुल गांधी का भाषण और प्रियंका का मौन
लखनऊ के कांग्रेस दफ्तर में भाषण देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि यूपी में कांग्रेस की शुरुआत हुई, और यहां कांग्रेस कमजोर नहीं रह सकती है. और कांग्रेस को मजबूत करने के लिए ही उन्होंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य को यहां भेजा है. इन दोनों नेताओं की जिम्मेदारी है प्रदेश में पार्टी को खड़ा करना है.
लेकिन, अगली ही लाइन में राहुल ने प्रियंका को मैदान में उतारने की रणनीति बता डाली. राहुल ने कहा कि 'जरूर हमारे सामने लोकसभा चुनाव है. इसमें बेहतर प्रदर्शन होना चाहिए. लेकिन विधानसभा चुनाव में हमारी सरकार बननी चाहिए.' यानी राहुल गांधी का प्रियंका के लिए असली टारगेट लोकसभा नहीं, 2022 विधानसभा चुनाव हैं.
अब सवाल ये उठता है कि यदि प्रियंका को विधानसभा चुनाव की ही जिम्मेदारी देनी थी, तो उन्हें लोकसभा चुनाव से दो महीने पहले मैदान में उतारने की क्या मजबूरी थी? आखिर उनके खाते में लोकसभा चुनाव की नाकामी डालने का क्या तुक? इन सवालों का जवाब फिर रॉबर्ट वाड्रा के इर्द-गिर्द पहुंच जाता है.
लखनऊ में सिर्फ हाथ हिलाकर और हाथ जोड़कर लोगों का अभिवादन करती रहीं प्रियंका ने सार्वजनिक रूप से एक शब्द नहीं कहा. कोई कहता रहा कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है, तो कहीं कयास लगाए गए कि वे पति रॉबर्ट वाड्रा से हो रही पूछताछ से परेशान हैं. असली वजह जो भी हो, लेकिन सोमवार को प्रियंका का पहला भाषण सुनने का इंतजार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ता मायूस रह गए. इसी बीच खबर आई कि प्रियंका जयपुर जाएंगी, जहां उनके पति से ईडी पूछताछ कर रही है.
तो क्या प्रियंका गांधी सिर्फ शो-पीस हैं?
राहुल गांधी ने अपने भाषण में मोदी तो खूब कोसा, लेकिन मायावती और अखिलेश यादव का जिक्र बड़े ही सधे हुए शब्दों में किया. 'दोनों का मैं सम्मान करता हूं, हमारी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है.' राहुल गांधी का इशारा साफ था. वे लोकसभा चुनाव में मायावती और अखिलेश यादव की राह का रोड़ा बनना नहीं चाहते हैं. और पब्लिक में फ्रंट फुट पर खेलने की बात कहने वाले राहुल गांधी प्रियंका को बैकफुट पर ही रख रहे हैं.
चुनावी राजनीति में प्रियंका की भूमिका पर अब सस्पेंस बना हुआ है, लेकिन रॉबर्ट वाड्रा को लेकर उनका रोल बिलकुल साफ है. पिछले कुछ दिनों से जो भी डेवलपमेंट हो रहे हैं उससे ये साफ पता चलता है कि प्रियंका का राजनीति में आना यूं ही नहीं था. चुनाव से ज्यादा रॉबर्ट वाड्रा को बचाने के लिए वो राजनीति में उतरी हैं. वो एक आदर्श नेता भले ही न बनें, लेकिन उन्होंने एक 'आदर्श पत्नी' बनकर तो दिखा ही दिया है.
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