रूस हो या अमेरिका या फिर नॉर्थ कोरिया. तीनों ही देश अपने-अपने तरीके से अपना शक्ति प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं. जहां देखो वहां मिसाइल परीक्षण हो रहा है. कभी किम जोंग उन अपनी बैलिस्टिक मिसाइलें जापान और साउथ कोरिया के तटों पर दाग कर परीक्षण करते हैं तो कभी ट्रंप न्यूक्लियर पावर की धौंस जमाते हैं. अब पुतिन इसमें कैसे पीछे रह सकते हैं. उन्होंने भी अपनी नई मिसाइल का एक वीडियो दिखाया. ये एनिमेटेड वीडियो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है.
रूस के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ब्लादिमीर पुतिन बतौर राष्ट्रपति अपने आख़िरी भाषण में बोल रहे थे.
रूस के सरकारी टीवी पर पुतिन ने लोगों को एक प्रज़ेंटेशन भी दिखाया. इसमें पुतिन ने कहा कि रूस ऐसे ड्रोन भी तैयार कर रहा है जिन्हें पनडुब्बियों से छोड़ा जा सकेगा और वो परमाणु हमला करने में सक्षम होंगे.
एक नजर इस वीडियो पर-
अब अगर ठीक-ठीक समझा जाए तो रशिया की ये मिसाइल लंबी दूरी की है और किसी भी डिफेंस सिस्टम को आसानी से चकमा दे सकती है. इसे सीधे तौर पर न सही, लेकिन फिर भी अमेरिका के लिए एक तरह की चेतावनी भी माना जा सकता है. दोनों संसदों को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि ये मिसाइल अमेरिका और यूरोप में मौजूद किसी भी डिफेंस सिस्टम का मुकाबला कर सकती है.
कुल मिलाकर ये बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के जवाब में थी. दरअसल, एक महीने पहले अमेरिका ने न्यूक्लियर शक्तियों को बढ़ाने का और छोटे एटम बम तैयार करवाने का बयान दिया था. इसी को लेकर पुतिन ने कुछ ऐसा जवाब दिया है.
पुतिन के इस वीडियो के पहले अमेरिका, चीन, जर्मनी अपने-अपने हिसाब से अपनी ताकत बताने की कोशिश कर रहे थे. dw.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन के वीडियो के बाद डोनाल्ड ट्रंप और जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल ने...
रूस हो या अमेरिका या फिर नॉर्थ कोरिया. तीनों ही देश अपने-अपने तरीके से अपना शक्ति प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं. जहां देखो वहां मिसाइल परीक्षण हो रहा है. कभी किम जोंग उन अपनी बैलिस्टिक मिसाइलें जापान और साउथ कोरिया के तटों पर दाग कर परीक्षण करते हैं तो कभी ट्रंप न्यूक्लियर पावर की धौंस जमाते हैं. अब पुतिन इसमें कैसे पीछे रह सकते हैं. उन्होंने भी अपनी नई मिसाइल का एक वीडियो दिखाया. ये एनिमेटेड वीडियो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है.
रूस के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ब्लादिमीर पुतिन बतौर राष्ट्रपति अपने आख़िरी भाषण में बोल रहे थे.
रूस के सरकारी टीवी पर पुतिन ने लोगों को एक प्रज़ेंटेशन भी दिखाया. इसमें पुतिन ने कहा कि रूस ऐसे ड्रोन भी तैयार कर रहा है जिन्हें पनडुब्बियों से छोड़ा जा सकेगा और वो परमाणु हमला करने में सक्षम होंगे.
एक नजर इस वीडियो पर-
अब अगर ठीक-ठीक समझा जाए तो रशिया की ये मिसाइल लंबी दूरी की है और किसी भी डिफेंस सिस्टम को आसानी से चकमा दे सकती है. इसे सीधे तौर पर न सही, लेकिन फिर भी अमेरिका के लिए एक तरह की चेतावनी भी माना जा सकता है. दोनों संसदों को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि ये मिसाइल अमेरिका और यूरोप में मौजूद किसी भी डिफेंस सिस्टम का मुकाबला कर सकती है.
कुल मिलाकर ये बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के जवाब में थी. दरअसल, एक महीने पहले अमेरिका ने न्यूक्लियर शक्तियों को बढ़ाने का और छोटे एटम बम तैयार करवाने का बयान दिया था. इसी को लेकर पुतिन ने कुछ ऐसा जवाब दिया है.
पुतिन के इस वीडियो के पहले अमेरिका, चीन, जर्मनी अपने-अपने हिसाब से अपनी ताकत बताने की कोशिश कर रहे थे. dw.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन के वीडियो के बाद डोनाल्ड ट्रंप और जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल ने फोन पर बातचीत की और चिंता जाहिर की है.
कुल मिलाकर हालात बिगड़ रहे हैं. हर देश अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में लगा हुआ है. एक छोटी सी बात भी अब तीसरे विश्व युद्ध पर आ सकती है. तो क्या वाकई हम तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़े हैं? एक तरफ सीरिया का गृह युद्ध देख कर रूह कांप उठती है और दूसरी तरफ विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ी दुनिया बहुत बड़े खतरे का सामना कर रही है.
अगर होता है तीसरा विश्व युद्ध तो?
अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है तो क्या हो सकता है इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं होगा. एक तरफ है रूस और अमेरिका और एक तरफ है नॉर्थ कोरिया और अमेरिका. तीसरा आतंकवाद से परेशान फ्रांस और भारत. अगर सभी राजनैतिक समीकरणों को देखें तो ट्रंप जिस तरह से ऑर्डर पास कर रहे हैं अन्य देश उनसे खफा से लग रहे हैं. अब युद्ध हो या ना हो, लेकिन दबाव तो बनता ही रहेगा.
1. अगर युद्ध होता है तो इसकी उम्मीद बहुत है कि न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल किया जाए. कुछ समय पहले अमेरिका अफगानिस्तान पर MOAB गिरा ही चुका है. ऐसे में अगर बहुत संभव है कि ट्रंप न्यूक्लियर कोड्स का इस्तेमाल कर लें.
2. दूसरा है नॉर्थ कोरिया, जो आए दिन ऐसे बयान दे रहा है और अमेरिका को निशाना बनाए हुए है. हाल ही में दिए गए एक और स्टेटमेंट में कोरिया ने कहा है कि अब उन्हें अमेरिका से डरने की जरूरत नहीं है, अब उनके पास भी न्यूक्लियर हथियार हैं. इतना मतलब अपने हथियार इस्तेमाल करने से कोरिया भी पीछे नहीं हटेगा.
3. तीसरा आता है रूस जो कि इस समय सबसे बड़ी परमाणु ताकत है. सबसे ज्यादा न्यूक्लियर हथियारों के साथ रूस एक ऐसा देश है जो तीसरे विश्व युद्ध में सबसे शक्तिशाली साबित होगा. फेड्रेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट की रिसर्च के अनुसार रूस के पास 7300 न्यूक्लियर हथियार हैं. इनमें से 1790 काम करने लायक हालत में हैं. 4490 रिटायर हो चुके हैं. रूस ने 715 टेस्ट किए हैं. 1949 में पहला टेस्ट हुआ था और सबसे नजदीकी टेस्ट 1990 में हुआ था.
अब इन सब समीकरणों को साथ देखें तो तीसरा विश्व युद्ध यकीनन बहुत विनाशकारी साबित होगा. अगर ये युद्ध होता है तो हिरोशिमा और नागासाकी जैसे सिर्फ दो नहीं बल्कि हजारों शहर होंगे. सभी के लिए ये स्थिति घातक साबित होगी.
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