पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हुए दिन ही कितने हुए हैं. जैसे परिणाम आए हैं सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस पार्टी की रही. नतीजे देखें और उसका अवलोकन करें तो साफ़ पता चलता है कि जनता में गहरा असंतोष है और उसने देश की सबसे पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस को सिरे से ख़ारिज कर दिया है. कांग्रेस मृत्युशैया पर है. कार्यकर्ता दबे लहजे में तो वहीं राजनीतिक विश्लेषक खुलकर राहुल गांधी और उनकी नीतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. चूंकि पार्टी में नेताओं का टकराव भी पार्टी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है राहुल गांधी के अलावा पार्टी आलाकमान के सामने चुनौतियों का पहाड़ है. जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं कांग्रेस की पस्तहाली का जिम्मेदार राहुल गांधी को ठहराया जा रहा है इसलिए तमाम पॉलिटिकल क्रिटिक्स ऐसे हैं जिनका मत है कि अब वो वक़्त आ गया है जब राहुल गांधी को राजनीति से तौबा कर कहीं दूसरी जगह अपना भविष्य तलाशना चाहिए. वहीं समर्थक भी सोशल मीडिया पर ये कहते हुए पाए जा रहे हैं कि जैसी बेइज्जती हो रही है बेहतर यही है कि राहुल को चले जाना चाहिए.
लेकिन क्या हर समर्थक ऐसा ही है? क्या वाक़ई राहुल को खादी के आगे हाथ जोड़ देने चाहिए? जवाब है नहीं और इसकी एक वजह पुष्पा मुंजियाल जैसे लोग हैं जिन्हें उम्मीद है कि राहुल में वो गुण हैं जिनके दम पर वो पार्टी और देश दोनों को आगे ले जा सकते हैं और शायद ये सोच ही है जिसके चलते पुष्पा ने अपनी 50 लाख की संपत्ति के साथ-साथ 10 तोला सोना भी राहुल के नाम किया है.
जी हां भले ही उपरोक्त बातें हैरत में डाल लें लेकिन उत्तराखंड के देहरादून की 78 साल की पुष्पा मुंजियाल ने...
पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हुए दिन ही कितने हुए हैं. जैसे परिणाम आए हैं सबसे बुरी स्थिति कांग्रेस पार्टी की रही. नतीजे देखें और उसका अवलोकन करें तो साफ़ पता चलता है कि जनता में गहरा असंतोष है और उसने देश की सबसे पुरानी पार्टी यानी कांग्रेस को सिरे से ख़ारिज कर दिया है. कांग्रेस मृत्युशैया पर है. कार्यकर्ता दबे लहजे में तो वहीं राजनीतिक विश्लेषक खुलकर राहुल गांधी और उनकी नीतियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. चूंकि पार्टी में नेताओं का टकराव भी पार्टी की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर रहा है राहुल गांधी के अलावा पार्टी आलाकमान के सामने चुनौतियों का पहाड़ है. जैसा कि हम ऊपर ही बता चुके हैं कांग्रेस की पस्तहाली का जिम्मेदार राहुल गांधी को ठहराया जा रहा है इसलिए तमाम पॉलिटिकल क्रिटिक्स ऐसे हैं जिनका मत है कि अब वो वक़्त आ गया है जब राहुल गांधी को राजनीति से तौबा कर कहीं दूसरी जगह अपना भविष्य तलाशना चाहिए. वहीं समर्थक भी सोशल मीडिया पर ये कहते हुए पाए जा रहे हैं कि जैसी बेइज्जती हो रही है बेहतर यही है कि राहुल को चले जाना चाहिए.
लेकिन क्या हर समर्थक ऐसा ही है? क्या वाक़ई राहुल को खादी के आगे हाथ जोड़ देने चाहिए? जवाब है नहीं और इसकी एक वजह पुष्पा मुंजियाल जैसे लोग हैं जिन्हें उम्मीद है कि राहुल में वो गुण हैं जिनके दम पर वो पार्टी और देश दोनों को आगे ले जा सकते हैं और शायद ये सोच ही है जिसके चलते पुष्पा ने अपनी 50 लाख की संपत्ति के साथ-साथ 10 तोला सोना भी राहुल के नाम किया है.
जी हां भले ही उपरोक्त बातें हैरत में डाल लें लेकिन उत्तराखंड के देहरादून की 78 साल की पुष्पा मुंजियाल ने अपनी सारी संपत्ति कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को दे दी है.
बुजुर्ग महिला राहुल गांधी से किस हद तक प्रभावित हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने राहुल गांधी और उनके विचारों को देश के लिए जरूरी बताया है.
गौरतलब है कि, पुष्पा मुंजियाल ने मालिकाना हक राहुल गांधी के नाम करते हुए देहरादून कोर्ट में वसीयतनामा पेश किया है. प्रॉपर्टी के नाम पर अपना सब कुछ राहुल गांधी पर न्योछावर करने वाली बुजुर्ग महिला ने कहा है कि वह राहुल गांधी के विचारों से काफी प्रभावित हैं इसलिए वो अपनी सम्पति को राहुल गांधी के नाम कर रही हैं. महिला की संपत्ति में 50 लाख की चल-अचल संपत्ति और 10 तोला सोना शामिल है.
महिला की इस पहल को कांग्रेस पार्टी ने भी खासी तरजीह दी है. कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने कहा कि महिला ने राहुल गांधी के नाम अपनी सम्पत्ति का वसीयतनामा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को उनके घर जाकर दिया है.
वहीं महिला के हवाले से उन्होंने ये भी कहा कि राहुल गांधी के परिवार ने देश की आजादी से लेकर आज तक हमेशा आगे बढ़कर देश के लिए अपनी सर्वोच्च कुर्बानी दी है. चाहे इन्दिरा गांधी हों, चाहे राजीव गांधी हों. उन्होंने इस देश की एकता और अखण्डता के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी.
भले ही आज कांग्रेस और राहुल गांधी के आगे नाउम्मीदी के बादल हों, लेकिन उत्तराखंड की बुजुर्ग महिला की ये पहल राहुल गांधी के लिए भीषण गर्मी में बारिश की ठंडी बूंद है. जिस तरह महिला ने सिर्फ एक उम्मीद के चलते अपनी प्रॉपर्टी राहुल के नाम की है. उसने इस बात का भी एहसास करा दिया है कि देश में अब भी ऐसे लोग हैं जो मानते हैं कि देश में भाजपा के मुकाबले में कोई होना चाहिए. अगर स्थिति वैसी बनती है तो फिर पीएम मोदी और भाजपा को चुनौती देने के लिए राहुल गांधी ही अंतिम विकल्प हैं.
जैसा कि ऊपर ही हमने 5 राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त का जिक्र किया है तो हम इतना जरूर कहेंगे कि राहुल गांधी को तनाव में नहीं आना चाहिए. भले ही अभी उन्हें अपमान और तिरस्कार का सामना करना पड़ रहा हो लेकिन कुछ पुष्पा जैसे लोग भी हैं जिनकी उम्मीदों के लिए राहुल गांधी को अभी मैदान पर डंटे रहना ही होगा.
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