नीति और ज्ञान की तमाम बातों में एक बात ये भी है कि जब हम किसी की आलोचना के तहत या फिर किसी को नीचा दिखाने के उद्देश्य से उसकी तरफ अंगुली उठाते हैं तो बाकी की 4 अंगुलियां हमारे स्वयं की तरफ होती हैं. अब इस बात को कांग्रेस और कांग्रेस में भी राहुल गांधी के संदर्भ में रख कर देखिये. एक ऐसे समय में जब लखीमपुर खीरी का मामला हमारे सामने हो, दुनिया जानती है कि राहुल गांधी की अंगुली कहां होगी. यूपी चुनाव को अब बस कुछ दिन शेष हैं. ऐसे में राहुल गांधी को लखीमपुर खीरी घटना जोकि एक आपदा है, उसमें अवसर दिखा है और जिस तरह उन्होंने उस अवसर को कैश किया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने के लिए एड़ी से छोटी का जोर लगाया है वो काबिल ए गौर है. महसूस होता है कि राहुल ने एक अहम मुद्दे पर वही किया जो एक सशक्त विपक्ष को करना चाहिए. अभी देश अजय मिश्रा टेनी मामले पर ढंग से राहुल की तारीफ कर भी नहीं पाया था ऐसे में जो खबरें कर्नाटक से आई हैं और जिस तरह कर्नाटक कांग्रेस के वट वृक्ष डीके शिवकुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि जिस शिद्दत से राहुल गांधी भाजपा के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पीछे पड़े हैं उतनी ही शिद्दत वो डीके शिवकुमार के मामले में भी दिखाते हैं या मामले को नजरअंदाज कर उससे किनारा कर लेते हैं?
राहुल याद रखें भले ही उनकी एक अंगुली टेनी की तरफ हो लेकिन चूंकि डीके शिवकुमार ने अपनी करतूतों से कांग्रेस की छवि खराब की है तो शेष चार अंगुलियां न केवल उनकी तरफ हैं बल्कि उनका दामन भी दागदार हुआ है. ध्यान रहे, लखीमपुर हिंसा की लड़ाई ने अब राष्ट्रपति भवन पर दस्तक दे...
नीति और ज्ञान की तमाम बातों में एक बात ये भी है कि जब हम किसी की आलोचना के तहत या फिर किसी को नीचा दिखाने के उद्देश्य से उसकी तरफ अंगुली उठाते हैं तो बाकी की 4 अंगुलियां हमारे स्वयं की तरफ होती हैं. अब इस बात को कांग्रेस और कांग्रेस में भी राहुल गांधी के संदर्भ में रख कर देखिये. एक ऐसे समय में जब लखीमपुर खीरी का मामला हमारे सामने हो, दुनिया जानती है कि राहुल गांधी की अंगुली कहां होगी. यूपी चुनाव को अब बस कुछ दिन शेष हैं. ऐसे में राहुल गांधी को लखीमपुर खीरी घटना जोकि एक आपदा है, उसमें अवसर दिखा है और जिस तरह उन्होंने उस अवसर को कैश किया और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हटाने के लिए एड़ी से छोटी का जोर लगाया है वो काबिल ए गौर है. महसूस होता है कि राहुल ने एक अहम मुद्दे पर वही किया जो एक सशक्त विपक्ष को करना चाहिए. अभी देश अजय मिश्रा टेनी मामले पर ढंग से राहुल की तारीफ कर भी नहीं पाया था ऐसे में जो खबरें कर्नाटक से आई हैं और जिस तरह कर्नाटक कांग्रेस के वट वृक्ष डीके शिवकुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि जिस शिद्दत से राहुल गांधी भाजपा के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पीछे पड़े हैं उतनी ही शिद्दत वो डीके शिवकुमार के मामले में भी दिखाते हैं या मामले को नजरअंदाज कर उससे किनारा कर लेते हैं?
राहुल याद रखें भले ही उनकी एक अंगुली टेनी की तरफ हो लेकिन चूंकि डीके शिवकुमार ने अपनी करतूतों से कांग्रेस की छवि खराब की है तो शेष चार अंगुलियां न केवल उनकी तरफ हैं बल्कि उनका दामन भी दागदार हुआ है. ध्यान रहे, लखीमपुर हिंसा की लड़ाई ने अब राष्ट्रपति भवन पर दस्तक दे दी है. राहुल गांधी की अगुआई में एक डेलिगेशन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला जहां कांग्रेस की तरफ से राष्ट्रपति को तथ्य और ज्ञापन सौंपा गया है.
कांग्रेस के नेताओं ने मामले में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा को उनके पद से हटाने की मांग की है. राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा है कि पीड़ित परिवारों का तर्क है कि जिसने भी उनके बेटे की हत्या की उसे सजा मिले. जिस व्यक्ति (आशीष मिश्रा) ने हत्या की उसके पिता देश के गृह राज्य मंत्री हैं. जब तक वह अपने पद पर हैं तब तक न्याय नहीं मिलेगा.
अब चूंकि राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों के हवाले से न्याय पर बात की है तो हम उनका ध्यान कर्नाटक कांग्रेस की तरफ आकर्षित कराना चाहेंगे. ऐसा इसलिए क्यों कि जो कुछ भी कर्नाटक में हुआ है उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता. लड़ाई वहां भी न्याय की है और दिलचस्प ये कि ये न्याय किसी और को नहीं बल्कि राहुल गांधी को करना है.
बात लखीमपुर खीरी मामले की तर्ज पर कर्नाटक की हुई है तो बताते चलें कि कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमा से संबंधित एक वीडियो इंटरनेट पर जंगल की आज की तरह फैल रहा है. नेट पर वायरल इस वीडियो में कर्नाटक कांग्रेस के दो बड़े नेता डीके शिवकुमार को लेकर न केवल खुसुर फुसुर करते नजर आ रहे हैं. बल्कि अपनी बातचीत में दोनों ने डीके शिवकुमार पर कई संगीन आरोप भी लगाए हैं.
दिलचस्प ये कि वीडियो सामने आने के बाद कर्नाटक कांग्रेस में खलबली मच गई है. जिक्र अगर इस वीडियो की हो तो इसमें कांग्रेस के पूर्व लोकसभा सांसद वीएस उगरप्पा और कर्नाटक कांग्रेस के मीडिया कॉर्डिनेटर सलीम नजर आ रहे हैं और अपनी आपसी बातचीत में दोनों ही नेताओं ने डीके शिवकुमार का कच्चा चिट्ठा खोलकर उन्हें बुरी तरह से बेनकाब कर दिया है.
वायरल वीडियो में, मीडिया कॉर्डिनेटर सलीम कहते हैं कि शिवकुमार 10% घूस लेते हैं और उनके सहयोगियों ने सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति बनाई है. सलीम ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवकुमार पहले 6% से 8% कमीशन लिया करते थे, लेकिन अब ये 10% से 12%हो गया है. इसके अलावा सलीम ने ये भी कहा कि ये बहुत बड़ा घोटाला है और आप जितना खोदोगे, उतना निकलेगा.
सलीम ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि डीके के करीबी मुलगुंड ने 50 से 100 करोड़ रुपये कमाए हैं और सोचिए जब मुलगुंड के पास इतना है तो डीके के पास कितना होगा? वहीं, पूर्व सांसद वीएस उगरप्पा ने भी वायरल वीडियो में डीके शिवकुमार पर अपनी नाराजगी जाहिर की और कहा कि हमने डीके को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए कड़ा संघर्ष किया, लेकिन उन्होंने हमें ही चोट पहुंचाई.
दोनों ही नेता अपनी आपसी बातचीत में किस हद तक गुम थे और कैसे वो एक के बाद एक डीके शिवकुमार को बेनकाब कर रहे थे इसका अंदाजा सलीम की उस बात से भी लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने डीके शिवकुमार को शराबी तक बता दिया. वीडियो में आगे शिवकुमार पर हर समय शराब के खुमार में रहने का आरोप लगाते हुए सलीम ने यहां तक कह दिया कि, डीके शिवकुमार बात करते समय अक्सर हकलाते हैं और उन्हें शक है कि वो शराब पीकर आते हैं.
सलीम ने कहा कि 'वो बात करते समय हकलाते हैं. मुझे नहीं पता कि ये लो बीपी की वजह से होता है या शराब की वजह से. हम लोग भी कई बार चर्चा कर चुके हैं. मीडिया भी पूछ चुकी है.' दोनों ही नेताओं ने डीके शिवकुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे मगर पार्टी में कितना और किस हद तक लोकतंत्र है? इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कर्नाटक कांग्रेस में कोई डीके का तो बाल भी नहीं बांका कर पाया। उल्टा एक्शन सलीम और वीएस उगरप्पा पर हुआ है.
वीडियो प्रकाश में आने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सलीम को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. वहीं, पूर्व सांसद उगरप्पा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
डीके शिवकुमार ने अपना पक्ष रखकर मामले से पिंड छुड़ा लिया है.
पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं ने गंभीर आरोप लगाए थे ऐसे में पूरा देश यही जानने को उत्सुक था कि आखिर इन आरोपों पर खुद डीके शिवकुमार क्या कहेंगे? मामले के मद्देनजर डीके शिवकुमार सामने आए और जब उनसे सवाल हुआ तो उन्होंने केवल इतना ही कहा कि अनुशासन समिति कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि मैंने क्लिप देखी है लेकिन इसका मुझसे या पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.
बहरहाल एक ऐसे समय में जब राष्ट्रपति भवन तक में राहुल गांधी लखीमपुर - लखीमपुर खेल रहे हों लेकिन दिलचस्प रहेगा कि वो इस मामले को कैसे हैंडिल करते हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि डीके के प्रति उनका भी वही रुख रहेगा जो टेनी के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृहमंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है? कर्नाटक कांग्रेस, राहुल गांधी, डीके शिवकुमार के मद्देनजर सवाल तो कई हैं जिनके जवाब वक़्त की गर्त में छिपे हैं.
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