चर्चित लेखक और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सोमवार को एक विवादित ट्वीट करके बवाल खड़ा कर दिया. ट्वीट में उन्होंने बीफ खाते हुए अपनी एक तस्वीर शेयर की. गुहा का मैसेज यूं तो भाजपा को नीचा दिखाने के लिए था, लेकिन वे ये भी अच्छी तरह जानते हैं कि उनका ट्वीट लाखों-करोड़ों की तादाद में मौजूद वे हिंदू भी देखेंगे, जो गाय काे पूजनीय मानते हैं. इसे गुहा की लापरवाही या भूल कैसे समझ लें? रामचंद्र गुहा कोई राह चलते मामूली शख्स नहीं हैं. यानी ये नहीं कहा जा सकता है कि वे अपनी करतूत का असर नहीं समझ रहे होंगे.
गुहा जब ट्विटर पर लिखते हैं कि- 'पुराने गोवा में एक जादुई सुबह के बाद हम पणजी में लंच कर रहे हैं. ये भाजपा शासित प्रांत है इसलिए मैं बीफ खाकर जश्न मना रहा हूं.' तो उनके निशाने पर सिर्फ बीजेपी ही नहीं, हिंदुओं की आस्था भी होती है.
ट्वीट डिलीट तो किया, लेकिन 'टेस्ट' लेने के बाद
इस ट्वीट के बाद गुहा की जमकर आलोचना हुई. गुहा ने अपना ट्वीट डिलीट करते हुए लिखा- 'मैंने गोवा में लंच करते हुए अपनी तस्वीर हटा दी है, क्योंकि वह बेस्वाद थी. हालांकि, मैं बीफ को लेकर भाजपा के दोहरे रवैये को फिर से सामने लाना चाहूंगा इस बात पर जोर दूंगा कि हर शख्स को अपनी पसंद का खाना, पहनना और प्यार करने का हक होना चाहिए.'
हिंदुओं की आस्था पर निशाना
इतिहासकार होने के बावजूद एक शख्स हिंदुओं को भूल जाए, ये बेहद दुखद है. भाजपा पर निशाना साधने से पहले वह जानबूझ कर भूल जाते हैं कि उनकी बातों से करोड़ों हिंदुओं की आस्था को...
चर्चित लेखक और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने सोमवार को एक विवादित ट्वीट करके बवाल खड़ा कर दिया. ट्वीट में उन्होंने बीफ खाते हुए अपनी एक तस्वीर शेयर की. गुहा का मैसेज यूं तो भाजपा को नीचा दिखाने के लिए था, लेकिन वे ये भी अच्छी तरह जानते हैं कि उनका ट्वीट लाखों-करोड़ों की तादाद में मौजूद वे हिंदू भी देखेंगे, जो गाय काे पूजनीय मानते हैं. इसे गुहा की लापरवाही या भूल कैसे समझ लें? रामचंद्र गुहा कोई राह चलते मामूली शख्स नहीं हैं. यानी ये नहीं कहा जा सकता है कि वे अपनी करतूत का असर नहीं समझ रहे होंगे.
गुहा जब ट्विटर पर लिखते हैं कि- 'पुराने गोवा में एक जादुई सुबह के बाद हम पणजी में लंच कर रहे हैं. ये भाजपा शासित प्रांत है इसलिए मैं बीफ खाकर जश्न मना रहा हूं.' तो उनके निशाने पर सिर्फ बीजेपी ही नहीं, हिंदुओं की आस्था भी होती है.
ट्वीट डिलीट तो किया, लेकिन 'टेस्ट' लेने के बाद
इस ट्वीट के बाद गुहा की जमकर आलोचना हुई. गुहा ने अपना ट्वीट डिलीट करते हुए लिखा- 'मैंने गोवा में लंच करते हुए अपनी तस्वीर हटा दी है, क्योंकि वह बेस्वाद थी. हालांकि, मैं बीफ को लेकर भाजपा के दोहरे रवैये को फिर से सामने लाना चाहूंगा इस बात पर जोर दूंगा कि हर शख्स को अपनी पसंद का खाना, पहनना और प्यार करने का हक होना चाहिए.'
हिंदुओं की आस्था पर निशाना
इतिहासकार होने के बावजूद एक शख्स हिंदुओं को भूल जाए, ये बेहद दुखद है. भाजपा पर निशाना साधने से पहले वह जानबूझ कर भूल जाते हैं कि उनकी बातों से करोड़ों हिंदुओं की आस्था को भी ठेस पहुंच सकती है. हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्ज दिया गया है और यही वजह है कि हिंदू लोग बीफ नहीं खाते. बावजूद इसके गुहा ने बीफ की तस्वीर ट्विटर पर शेयर भी की. एक बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या गुहा को इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनका ट्वीट करोड़ों हिंदू भी देखेंगे? वह जिस आधार पर भाजपा को साधना चाह रहे थे, यह कैसे भूल गए कि वही हिंदुओं की आस्था का आधार भी है.
कुछ यूजर्स ने तो उनके 2015 के एक पुराने ट्वीट को भी निकाल दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वे एक शाकाहारी हैं. उस ट्वीट को सामने रखकर भी लोग गुहा पर निशाना साध रहे हैं और पूछ रहे हैं कि आखिर एक शाकाहारी ने गोमांस कैसे खा लिया? आपको बता दें कि 2013 में दिए एक इंटरव्यू में गुहा ने ये साफ किया था कि वह कुछ समय तक मांसाहारी भी रहे थे, लेकिन फिर छोड़ दिया था. हालांकि, अब रविवार का उनका ट्वीट ये साफ करता है कि वह फिर से मांस खाने लगे हैं. अब इसे क्या समझा जाए?
रामचंद्र गुहा ने पहले गोवा में बीफ खाने वाली तस्वीर इंटरनेट पर डाली. जब तस्वीर वायरल हो गई और आलोचनाएं होने लगीं, तो उन्होंने उसे डिलीट कर दिया. ऐसा लग रहा है कि इसके पीछे भी उनका कोई खास मकसद था. उन्होंने ट्वीट को डिलीट करते हुए भी कोई माफी नहीं मांगी, बल्कि सिर्फ ये लिखकर इतिश्री कर ली कि वह काफी बेस्वाद था. यूं लग रहा है कि जैसे उन्होंने किसी साजिश के तहत पहले ट्वीट किया, फिर उसे डिलीट किया.
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