गुजरात विधानसभा चुनाव में टीम इंडिया के आलराउंडर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा जामनगर उत्तर से भाजपा प्रत्याशी हैं. और, इसकी वजह से रवींद्र जडेजा ने रिवाबा जडेजा के लिए जमकर चुनाव प्रचार किया था. लिखी सी बात है कि रवींद्र जडेजा को ऐसा करना ही था. लेकिन, गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान से पहले रवींद्र जडेजा ने शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे का एक पुराना वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो को शेयर करते हुए रवींद्र जडेजा ने लिखा है कि 'अभी भी टाइम है, समझ जाओ गुजरातियों.' दरअसल, रवींद्र जडेजा ने इस ट्वीट के जरिये लोगों से भाजपा के पक्ष में वोटिंग की अपील की है. इस वीडियो में बाल ठाकरे कहते नजर आते हैं कि 'मेरा कहना इतना ही है...नरेंद्र मोदी गया, गुजरात गया.' खैर, रवींद्र जडेजा की इस अपील पर गुजरात की जनता क्या फैसला सुनाएगी, ये तो 8 दिसंबर को पता चला जाएगा. लेकिन, ऐसा लगता है कि पत्नी रिवाबा के प्रचार में जुटे रवींद्र जडेजा 2024 की तैयारी कर रहे हैं.
'चोटिल' जडेजा नहीं गए बांग्लादेश
बांग्लादेश के दौरे पर गई टीम इंडिया में सभी दिग्गज खिलाड़ियों की वापसी हो चुकी है. लेकिन, रवींद्र जडेजा को 'चोटिल' होने की वजह से टीम इंडिया के स्क्वॉड में शामिल नहीं किया गया. वैसे, ये चौंकाने वाली ही बात कही जाएगी कि रवींद्र जडेजा बीसीसीआई के हिसाब से चोटिल हैं. लेकिन, पत्नी रिवाबा जडेजा के लिए प्रचार करने में कोई कोताही नहीं बरती हैं. रिवाबा जडेजा के लिए रोड शो से लेकर नुक्कड़ सभाओं तक में व्यस्त नजर आने वाले रवींद्र जडेजा को देखकर कुछ भी कहा जा सकता है. लेकिन, कम से कम चोटिल तो नहीं ही माना जा सकता है. तो, क्या रवींद्र जडेजा ने गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने तक का इंतजार करने के लिए ही बांग्लादेश दौरे से दूरी बनाई है या इसकी कोई और वजह है. ये सोचने वाली बात है.
रवींद्र जडेजा कट्टर हिंदुत्ववादी रहे बाल ठाकरे का वीडियो शेयर कर क्या कहना चाह रहे हैं?
परिवार के खिलाफ जाकर पत्नी रिवाबा का समर्थन
रिवाबा जडेजा जब भाजपा में शामिल हुई थीं. तो, उन्हें केवल अपनी पति रवींद्र जडेजा का ही समर्थन मिला था. क्योंकि, रिवाबा के भाजपा में शामिल होने के कुछ ही दिनों बाद रवींद्र जडेजा की बहन नैना जडेजा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. इतना ही नहीं, जडेजा के पिता अनिरुद्ध सिंह जडेजा भी कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करते रहे. लेकिन, रवींद्र जडेजा ने पत्नी रिवाबा के लिए परिवारिक दबाव को भी दरकिनार कर दिया. और, खुलकर भाजपा के लिए प्रचार करते रहे. बिना ये सोचे कि उनका इस तरह एक पार्टी से जुड़ जाना न केवल परिवार बल्कि क्रिकेट फैन्स के लिए भी झटका हो सकता है. क्योंकि, जडेजा से पहले टीम इंडिया के किसी भी खिलाड़ी ने इस तरह से खुलकर किसी सियासी दल का प्रचार नहीं किया था.
2024 को लेकर 'गंभीर' हैं क्या?
बीते कुछ समय में रवींद्र जडेजा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं. हालांकि, ऐसी तस्वीरों से किसी की मनस्थिति का पता नहीं चल सकता है. लेकिन, गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले बाल ठाकरे का वीडियो शेयर करना काफी कुछ कहता है. बाल ठाकरे केवल शिवसेना के संस्थापक नहीं थे. बल्कि, वो प्रखर और मुखर रूप से हिंदुत्व के झंडाबरदारों में से एक थे. और, बाल ठाकरे के वीडियो के सहारे नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगाने की बात करना साफ इशारा है कि अगर रवींद्र जडेजा को 2024 के लोकसभा चुनाव में टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर की तरह ही मौका मिलता है. तो, वो शायद ही इस मौके को छोड़ेंगे.
वैसे भी रवींद्र जडेजा के पास अब बहुत ज्यादा क्रिकेट नहीं बची है. और, टीम इंडिया में नए खिलाड़ियों को ज्यादा मौके मिलने की वजह से जडेजा के सामने अपने आप ही रिटायरमेंट घोषित करने की स्थिति बनना तय है. हालांकि, अगले साल होने वाले आईपीएल के लिए सीएसके ने रवींद्र जडेजा को रिटेन कर लिया है. लेकिन, संभव है कि ये उनका आखिरी आईपीएल हो. या ये भी संभव है कि वह आईपीएल में खेलते हुए भी सांसद बन सकते हैं. जैसे, पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री मनोज तिवारी अभी भी रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं. वैसे, अगर रवींद्र जडेजा को 'गंभीर' होने का मौका मिलता है. तो, वो क्या फैसला लेंगे? ये पूरी तरह से उन पर ही निर्भर करता है. लेकिन, चर्चाएं अभी से होने लगी हैं. क्योंकि, वो हिंदुत्व के भी समर्थक हैं.
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